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    बिहार में 'खेल' बाकी है? NDA के इन विधायकों पर सबकी नजर, नीतीश कुमार को लग सकता है झटका

    जदयू विधायक बीमा भारती मंत्री रह चुकी हैं। वह मंत्री न बनाने से अधिक इस बात से नाराज थीं कि लेशी सिंह को मंत्री बना दिया गया। उन्हें भी कुछ आश्वासन दिया गया। भाजपा के विधायक मिश्रीलाल यादव की नाराजगी भी मंत्री न बनाने को लेकर थी। ऐसे में साफ है कि नीतीश कुमार को किसी भी वक्त एनडीए के इन विधायकों से झटका लग सकता है।

    By Arun Ashesh Edited By: Rajat Mourya Updated: Mon, 12 Feb 2024 07:25 PM (IST)
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    बिहार में बाकी है 'खेल'? NDA के इन विधायकों पर सबकी नजर, नीतीश कुमार को लग सकता है झटका

    राज्य ब्यूरो, पटना। Nitish Kumar News राजग (एनडीए) के नाराज विधायकों को मनाने में फिलहाल नेतृत्व को सफलता तो मिल गई है, लेकिन यह कहना मुश्किल है कि करार पूरा न होने पर ये दल में बने ही रहेंगे। जदयू विधायक डॉ. संजीव गोवा, पटना होते हुए नवादा पहुंच गए थे। वहां से उन्हें लाया गया।

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    उन्होंने सोमवार को कहा- पुलिस ने मुझे ढाई घंटे तक रोक रखा था, इसलिए सदन में पहुंचने में देरी हुई। डॉ. संजीव ने कहा कि प्रशासन में व्याप्त भ्रष्टाचार से वे क्षुब्ध थे। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को मैंने बता दिया। अब मैं उनके पक्ष में मतदान करूंगा।

    बीमा भारती भी नाराज!

    जदयू विधायक बीमा भारती मंत्री रह चुकी हैं। वह मंत्री न बनाने से अधिक इस बात से नाराज थीं कि लेशी सिंह को मंत्री बना दिया गया। उन्हें भी कुछ आश्वासन दिया गया। भाजपा के विधायक मिश्रीलाल यादव की नाराजगी भी मंत्री न बनाने को लेकर थी।

    इन विधायकों पर भी सबकी नजर

    मिश्रीलाल राजद के विधान पार्षद रह चुके हैं। भाजपा में शामिल हुए। 2020 में विकासशील इंसान पार्टी से चुनाव जीते। फिर भाजपा में शामिल हुए थे। भाजपा की रश्मि वर्मा और भागीरथी देवी ने प्रदेश नेतृत्व से चार दिन पहले कहा था कि मंत्री नहीं बनाई गईं तो विश्वास मत के विरोध में मतदान करेंगी। नेतृत्व ने उन्हें मंत्री बनाने का स्पष्ट आश्वासन नहीं दिया। वह नाराज हो गईं।

    जदयू के सुदर्शन पूर्व भवन निर्माण मंत्री डॉ. अशोक चौधरी की शेखपुरा में सक्रियता के कारण लंबे समय से खिन्न चल रहे थे। जदयू के दिलीप राय पहले राजद में थे। 2015 में राजद-जदयू गठबंधन में चुनाव लड़ा था।

    उस समय वे राजद से जदयू में आ गए थे। सीतामढ़ी से लोकसभा चुनाव लड़ने की उनकी प्रबल इच्छा थी, लेकिन जदयू ने वहां से पहले ही विधान परिषद के सभापित देवेशचंद्र ठाकुर को अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया। इससे राय नाउम्मीद हुए।

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