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    Sand Mining: बालू के अवैध खनन को लेकर सिन्हा और चौधरी के बीच कोल्ड वॉर, दो उपमुख्यमंत्रियों में टकराव

    Updated: Fri, 12 Dec 2025 06:40 PM (IST)

    बिहार में बालू के अवैध खनन को लेकर उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा के बीच शीतयुद्ध चल रहा है। दोनों नेता सीधे तौर पर नहीं लड़ रहे, लेकिन अवै ...और पढ़ें

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    विजय सिन्हा और सम्राट चौधरी।

    राज्य ब्यूरो, पटना। उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा के बीच बालू के अवैध खनन को लेकर शीतयुद्ध चल रहा है। दोनों आमने-सामने की लड़ाई नहीं लड़ रहे हैं, लेकिन अवैध खनन के मामले में एक दूूसरे के विभागों को संकेत में जिम्मेवार भी ठहरा रहे हैं। सम्राट गृह मंत्री हैं। इसी विभाग को कानून व्यवस्था की जवाबदेही है। पुलिस उन्हीं के पास है।

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    सिन्हा खनन एवं भूतत्व विभाग के मंत्री हैं। वे पुलिस पर बालू माफियाओं की मदद करने का खुला आरोप लगा रहे हैं। इसी बुधवार को उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने आर्थिक अपराध इकाई में एक टास्क फोर्स का गठन किया। इसे बालू के अवैध कारोबार के अलावा जमीन माफिया की संपत्ति और गठजोड़ का पता लगाने की जिम्मेवारी दी गई है।

    टास्क फोर्स का नेतृत्व डीआईजी डॉ. मानवजीत सिंह ढिल्लो कर रहे हैं। टीम में एसपी राजेश कुमार, के अलावा चार डीएसपी औरपांच इंस्पेक्टरों को शामिल किया गया है। बालू माफियाओं पर कार्रवाई के लिए खनन एवं भूतत्व विभाग में भी एक विकसित तंत्र है। इसके अगले दिन गुरुवार को उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने संवाददाता सम्मेलन बुलाया।

    आरोप लगाया कि कुछ थाना क्षेत्रों में बिना नंबर प्लेट वाले बालू लदे ट्रैक्टर आसानी से निकल जा रहे हैं। गृह विभाग को इस मामले में विशेष रूप से सक्रिय भूमिका निभाने और पुलिस की जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए निर्देशित किया गया है। उन्होंने कहा कि बालू के अवैध कारोबार में थाना, प्रखंड या अंचल की संलिप्तता सामने आती है, तो तुरंत कठोरतम कार्रवाई की जाएगी।

    उन्होंने जिलाधिकारियों और पुलिस अधीक्षकों को कहा है कि खनन विभाग की टीम को हर जिले से पर्याप्त सहयोग मिले। शिकायत मिले तो तुरंत कार्रवाई हो। कुल मिलाकर ही बालू के अवैघ खनन को लेकर दोनों उप मुख्यमंत्रियों का विभाग अलग-अलग अभियान चला रहा है, क्योंकि अतीत में दोनों विभागों-पुलिस और खनन के अधिकारियों का नाम बालू के खेल में आता रहा है। गृह और खनन मंत्रालय की जिस तरह अलग-अलग तैयारी हो रही है, भविष्य में इन दोनों के बीच टकराव की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता है।

    दोनों पहली बार कब टकराए थे?

    सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा पहली बार 17 मार्च 2021 को विधानसभा में टकराए थे। उन दिनों सिन्हा विधानसभा अध्यक्ष और सम्राट पंचायती राज मंत्री थे। सिन्हा का कहना था कि पंचायती राज विभाग से समय पर प्रश्नों का आनलाइन उत्तर नहीं आता है। चौधरी कह रहे थे कि उत्तर समय पर आता है। आज भी आता है। सिन्हा ने प्रतिवाद किया। सम्राट बोले-ज्यादा व्याकुल नहीं होना है।

    सिन्हा ने चौधरी से अपने शब्द वापस लेने को कहा। चौधरी अड़ गए। सिन्हा अध्यक्ष के आसन से उठ कर अपने कक्ष में चले गए। बाद में सम्राट के कहा कि विस अध्यक्ष को आहत करने का उनका कोई इरादा नहीं है। इसके बाद ही सदन की कार्यवाही आगे बढ़ी।