पटना [जेएनएन]। बिहार एसएससी पेपर लीक मामले के खुलासे के बाद नीतीश सरकार के सहकारिता मंत्री आलोक मेहता और मंत्री कृष्णनंदन वर्मा ने चौंकाने वाले बयान दिये हैं। दोनों ने कहा कि सामाजिक लोग हैं और समाज में रहना है तो पैरवी करते हैं, किए होंगे पैरवी....
पैरवी की बात स्वीकारते हुए मंत्री आलोक मेहता ने सवाल पूछने के अंदाज में कहा कि परमेश्वर राम हो या सुधीर कुमार हो क्या वो सरकार के पदाधिकारी नहीं है? हमलोग पॉलटिकिल लोग हैं। दिनभर सैकड़ों लोग आते हैं, हमलोग उनकी पैरवी करते हैं।
वहीं मंत्री कृष्ण नंदन वर्मा ने कहा है कि सामाजिक लोग पैरवी करते ही हैं, समाज में रहते हैं तो एेसा करना पड़ता है, मैंंने भी की होगी पैरवी। अब अदालत के सामने जो सच्चाई होगी वो कहूंगा।
आलोक मेहता ने कहा कि यह कोई छिपी बात नहीं है कि पॉलिटिकल लोग पैरवी करते हैं। साजिशकर्ता और पॉलिटिकल पैरवी में अंतर होता है। दोनों में फर्क करना चाहिए। एसआईटी की रिपोर्ट में नाम है तो कोर्ट के समक्ष मैं अपना पक्ष रखूंगा।
गौरतलब है कि आलोक मेहता ने परमेश्वर राम को मैसेज कर कई लोगों की नौकरी की पैरवी दी थी लेकिन पूरे मामले में उनका नाम आने के बाद इस तरह का बयान देना चौंकाने वाला है। वहीं राजद के उपाध्यक्ष रघुवंश प्रसाद सिंह ने कोई भी टिप्पणी करने से इंकार कर दिया है।
उधर नीतीश के एक और मंत्री कृष्ण नंदन वर्मा के पूरे मामले में नाम आने के बाद कहा कि समाजिक जीवन में लोग पैरवी करते ही है। एएनएम के लिए हम पैरवी किये होंगे लेकिन प्रश्वपत्र घोटाले से उनका कोई लेना देना नहीं है। पूरे मामले पर पटना के एसएसपी मनु महाराज ने साफ कहा है कि पैरवी करने वाले भी दोषी हैं।
उधर,डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने कहा कि मामले की जांच चल रही है। जांच में सबकुछ पता चल जाएगा. जो दोषी है उनपर कार्रवाई होगी. भाजपा माले के राज्य सचिव कुणाल ने कहा कि बीएसएससी घोटाले में मंत्रियों, विधायकों की पैरवी बेहद गंभीर मामला है। घोटाले की राजनीतिक संरक्षण की सीबीआई से जांच हो।
गौरतलब है कि एसआईटी की रिपोर्ट ने खुलासा हुआ है कि बिहार के कई मंत्री, विधायक, सांसद और कई अधिकारियों ने नौकरी के लिए बीएसएससी के पूर्व सचिव परमेश्वर राम को मैसेज कर पैरवी की थी।
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