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    Bihar: थोड़ा पीना गुनाह नहीं, कहने वाले मांझी के बदले सुर, बताया-कानून का इंप्‍लीमेंटेशन सही नहीं

    By Vyas ChandraEdited By: Vyas Chandra
    Updated: Wed, 26 Nov 2025 10:02 PM (IST)

    Bihar Politics: बिहार में शराबबंदी कानून पर जीतन राम मांझी ने यू-टर्न लिया है। पहले 'थोड़ा पीना गुनाह नहीं' कहने वाले मांझी अब कानून के इम्प्लीमेंटेशन को गलत बता रहे हैं। उन्होंने कहा कि कानून का सही तरीके से पालन होना चाहिए। उनके इस बदले हुए रुख से राजनीतिक गलियारों में चर्चा तेज हो गई है।

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    केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी।

    डि‍ज‍िटल डेस्‍क, बिहार। कल तक बिहार में शराबबंदी कानून (Liquor Ban Law) के विरोध में खुलकर बोलने वाले केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi) के सुर अब बदल गए हैं। 

    उन्‍होंने कहा कि बिहार में शराबबंदी अबतक का सबसे अच्‍छा कानून है। हालांक‍ि कुछ अधिकारी और ब्रॉकर मिलकर इसमें बाधा उत्‍पन्‍न कर रहे हैं। 

    भोजपुर पहुंचे मांझी ने मीडिया से बातचीत में कहा-हम बार-बार यही कहते रहे हैं, इससे अच्‍छा कानून हो ही नहीं सकता। लेकिन इसके अनुपालन में गड़बड़ी है। 

    इस क्रम में उन्‍होंने अपना उदाहरण भी दिया। बताया क‍ि उनके घर में शराब बनती थी। चुलाई शराब बेची जाती थी। फिर कुछ घटना ऐसी हो गई क‍ि उन्‍होंने अपने पिता को यह काम करने से रोका। 

    वे पिता को बार-बार कहते थे क‍ि यह काम नहीं करें। इसका नतीजा है कि आज हम पढ़-लिखकर यहां तक पहुंचे हैं। मेरा भाई भी पु‍लिस इंस्‍पेक्‍टर बना। उन्‍होंने कहा कि शराब मनुष्‍य को निसाचर बना देती है। इसलिए यह कानून बहुत अच्‍छा है। 

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    सरकार में रहकर भी विरोध जताते रहे हैं मांझी

    NDA में रहते हुए भी मांझी शराबबंदी कानून को लेकर समय-समय पर विरोध जताते रहे हैं। विधानसभा चुनाव से ठीक पहले भी उन्‍होंने इस कानून की आलोचना की थी। 

    उनका कहना था क‍ि थोड़ा पीना गुनाह नहीं है। राज्‍य सरकार को चाहिए क‍ि चुनाव से पहले ही शराब पीने के छोटे-छोटे मामले खत्‍म कर दे।सरकार को इस पर गौर करना चाहि‍ए। 

    उन्‍होंने कहा कि बड़े पैमाने पर शराब बनाने और उसकी तस्‍करी करने वाले माफिया खुलेआम कारोबार कर रहे हैं, पुलिस बस खानापूर्ति के लिए थोड़ी मात्रा में पीने या रखनेवालों को पकड़कर जेल भेज रही है।  

    मांझी यह भी कह चुके हैं शराबबंदी कानून के कारण सबसे ज्‍यादा महादलित लोग ही जेल में हैं। वे सीएम नीतीश कुमार से इस कानून की समीक्षा करने की मांग कर चुके हैं।