Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    बिहार में नसबंदी में पुरुषों की भागीदारी बेहद कम, चलेगा राज्यव्यापी अभियान

    Updated: Thu, 27 Nov 2025 08:40 PM (IST)

    बिहार में पुरुष नसबंदी की कम दर को देखते हुए राज्य सरकार एक राज्यव्यापी अभियान शुरू करने जा रही है। इसका उद्देश्य पुरुषों को नसबंदी के प्रति जागरूक करना और उनकी भागीदारी बढ़ाना है। स्वास्थ्य विभाग जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करेगा, ताकि पुरुषों को नसबंदी के लाभों और प्रक्रिया के बारे में जानकारी मिल सके।

    Hero Image

    बिहार में नसबंदी में पुरुषों की भागीदारी बेहद कम

    जागरण संवाददाता, पटना। परिवार नियोजन के क्षेत्र में पुरुषों की भागीदारी आज भी बेहद कम है। राज्य में कुल नसबंदी कराने वालों में 98 प्रतिशत से अधिक हिस्सेदारी महिलाओं की होती है, जबकि पुरुष नसबंदी (एनएसवी) एक सुरक्षित, सरल और मात्र 10–15 मिनट में पूरी होने वाली प्रक्रिया है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    इसके बावजूद पुरुष आगे आने से हिचक रहे हैं, इसके चलते परिवार नियोजन का भार अब भी महिलाओं के कंधों पर ही है। इसी स्थिति को सुधारने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने राज्यव्यापी जागरूकता अभियान शुरू किया है।

    इस वर्ष अभियान की थीम “स्वस्थ एवं खुशहाल परिवार, पुरुष सहभागिता से ही होगा सपना साकार।” है। विभाग के अनुसार जब तक पुरुष जिम्मेदारी साझा नहीं करेंगे, तब तक परिवार नियोजन कार्यक्रम अपने वास्तविक लक्ष्य को नहीं पा सकेगा। अभियान के तहत ग्रामीण क्षेत्रों, स्वास्थ्य केंद्रों, स्कूल–कालेजों और जागरूकता सभाओं में पुरुषों को एनएसवी के लाभ बताए जा रहे हैं।

    पुरुष नसबंदी सबसे आसान, सुरक्षित और त्वरित प्रक्रिया

    एम्स पटना की स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. संगम झा ने बताया कि एनएसवी (बिना स्केलपेल वाली पुरुष नसबंदी) तकनीक अत्यंत सुरक्षित और सुविधाजनक है। इसमें न कट लगता है, न टांका, और न ही ज्यादा दर्द होता है।

    उन्होंने बताया कि प्रक्रिया सिर्फ 10–15 मिनट में पूरी हो जाती है। इसमें खून का बहाव नगण्य, संक्रमण की संभावना बेहद कम होती है। 24 घंटे के भीतर सामान्य गतिविधियां संभव है, जबकि रिकवरी 24-48 घंटे हो जाती है।

    परिवार नियोजन का सरल, स्थायी और प्रभावी तरीका

    आइजीआइएमएस के डॉ. दीपाली प्रसाद ने बताया कि महिलाएं गर्भधारण और प्रसव जैसी प्राकृतिक प्रक्रियाओं में पहले से ही कई स्वास्थ्य जोखिम झेलती हैं। ऐसे में परिवार नियोजन की पूरी जिम्मेदारी भी उन्हीं पर डालना उचित नहीं। पुरुषों को आगे आकर इस जिम्मेदारी को साझा करना चाहिए।

    पुरुष नसबंदी क्यों है बेहतर विकल्प?

    • पुरुष नसबंदी (एनएसवी)
    • बेहद सुरक्षित, जोखिम बहुत कम
    • नो-स्केलपेल तकनीक, बिना कट और बिना टांका
    • प्रक्रिया 10-15 मिनट
    • न्यूनतम दर्द
    • 24-48 घंटे में पूरी तरह सामान्य
    • अस्पताल में भर्ती की आवश्यकता नहीं

    महिला नसबंदी

    • सर्जरी का खतरा अधिक – खून बहना, संक्रमण, एनेस्थीसिया जोखिम
    • पेट में चीरा या लैप्रोस्कोपी
    • एनेस्थीसिया अनिवार्य
    • ज्यादा समय और ज्यादा जटिलताएं
    • रिकवरी 5-7 दिन या उससे अधिक