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    Bihar News: मना करने पर भी बोलते जा रहे थे राजद एमएलसी, कार्रवाई की आई बात तो 10 मिनट में बदला सुर

    By Shubh Narayan PathakEdited By:
    Updated: Wed, 30 Mar 2022 07:30 PM (IST)

    Bihar Politics बिहार विधान परिषद में बुधवार को माहौल काफी गर्म हो गया। सभापति ने लगातार दूसरे दिन राजद के विधान पार्षद सुनील कुमार पर कार्रवाई कर दी। हालांकि कार्रवाई की बात कहते ही राजद एमएलसी के तेवर बदल गए।

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    Bihar Vidhansabha News: बिहार विधान परिषद में हुआ हंगामा। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

    राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार विधान परिषद में बुधवार को एक बार फिर राजद सदस्य सुनील कुमार के बर्ताव को लेकर कार्यकारी सभापति अवधेश नारायण सिंह जमकर भड़के। सदस्य को उन्होंने समझाने की काफी कोशिश की लेकिन सुनील कुमार लगातार ऊंची आवाज में बोलते जा रहे थे। जिसके बाद सभापति ने उन्हें अगले सत्र तक के लिए निलंबित किया साथ ही उन्हें दी जा रही सरकारी सुविधाओं पर रोक लगाने का नियमन भी दिया। हालांकि सदस्य सुनील के खेद प्रकट करने के बाद 10 मिनट में आसन ने नियमन वापस ले लिया। इस बीच प्रश्नोत्तर काल 25 मिनट बाधित रहा।

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    माफी मांगने की बात पर भड़के राजद एमएलसी 

    सदन की कार्यवाही शुरू होने के साथ नीरज कुमार ने सोमवार को हुई घटना और सुनील के निलंबन का मामला उठाते हुए कहा निलंबन वापस हो चुका है उन्हें सदन में कुछ कहना चाहिए। संजय कुमार सिंह ने कहा उन्हें माफी मांगनी चाहिए। रामचंद्र पूर्वे ने इस पर कहा बात पुरानी हो चुकी है, इसे समाप्त किया जाए, लेकिन तभी सुनील कुमार भड़क गए। वे कह रहे थे उन्होंने कुछ गलत नहीं किया तो माफी क्यों मांगे।

    राबड़ी देवी ने भी बचाव में दिए तर्क 

    सभापति उन्हें समझाने के प्रयास कर रहे थे, उन्होंने कार्य संचालन नियमावली भी पढ़कर सुनाई। सुनील बोले पीएम की फोटो दिखाकर उन्होंने कोई अपराध नहीं किया है। सदन में उनके नेता लालू प्रसाद की फोटो दिखाकर कई आरोप लगाए जाते हैं। उनके बचाव में पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी भी खड़ी हुई।

    • सुनील कुमार के बर्ताव पर भड़के सभापति, कहा : आप खेद प्रकट करिए
    • दूसरी बार सुनील कुमार को किया निलंबित, सुविधाएं रोकने का नियमन
    • सदस्य के खेद व्यक्त करने पर 10 मिनट में निलंबन वापस हाे गया  

    सभापति की कोशिशों के बाद भी जब सुनील कुमार नहीं माने तो उन्हें निलंबित करते हुए उनकी सुविधाओं पर रोक लगाई गई। बाद में सुनील ने कहा कि उन्होंने कभी आसन के खिलाफ टिप्पणी नहीं की और घटना के लिए खेद व्यक्त किया। उसके बाद निलंबन और सुविधाओं पर रोक का नियमन सभापति ने वापस ले लिया और प्रश्नोत्तर काल प्रारंभ हो पाया।