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    Bihar Jamin Card: सर्वे के बाद राशन कार्ड की तरह मिलेगा जमीन कार्ड, बस कुछ बातों का रखना होगा खास ध्यान

    Updated: Thu, 22 Aug 2024 07:39 PM (IST)

    दाखिल-खारिज के आधार पर लिखित रूप से डेटा अपडेट तो हो जाता है लेकिन नक्शा इससे छूट जाता है। कई बार एक ही जमीन को कई लेागों के बेचने की शिकायत आती है। इन्हीं सबको दूर करने के लिए सर्वे किया जा रहा है। भू स्वामी को अपनी जमीन का स्वघोषणा पत्र देना होगा। इसमें जमीन पर अपना हक उन्हें दर्शाना होगा।

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    जमीन से जुड़े सारे दस्तावेज नहीं होने पर भी भरें स्वघोषणा पत्र।

    जागरण संवाददाता, पटना। विशेष भूमि सर्वेक्षण (Land Survey In Bihar) की प्रक्रिया शुरू हो गई है। गांवों में ग्राम सभा कर लोगों को इसकी जानकारी दी जा रही है। बताया जा रहा है कि यह सर्वे कितना अहम है। भविष्य में भूमि विवाद की संभावनाएं इससे कैसे न्यून हो जाएंगी।

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    विशेष सर्वेक्षण में सभी दस्तावेजों का सत्यापन होने के बाद लोगों को खतियान की कापी के अलावा जमीन कार्ड भी दिया जाएगा। राशन कार्ड की तरह के इस जमीन कार्ड में पूरा विवरण रहेगा। उसमें जमीन का नक्शा भी होगा।

    पूरे नहीं कागजात तब भी नहीं करें चिंता

    लोगों के मन में कई शंकाए हैं। यदि दस्तावेज पूरे नहीं हैं तो क्या करें, वंशावली कैसे तैयार होगी, इन सब बातों को लेकर बड़ी संख्या में रैयत असमंजस में हैं। पिछले दिनों राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के सचिव जय सिंह ने एक इंटरव्यू में इन सभी पर विस्तार से जानकारी दी। सचिव का कहना था कि राज्य में भूमि विवाद की संख्या काफी ज्यादा है।

    दरअसल, दाखिल-खारिज के आधार पर लिखित रूप से डेटा अपडेट तो हो जाता है, लेकिन नक्शा इससे छूट जाता है। कई बार एक ही जमीन को कई लेागों के बेचने की शिकायत आती है। इन्हीं सबको दूर करने के लिए सर्वे किया जा रहा है। भू स्वामी को अपनी जमीन का स्वघोषणा पत्र देना होगा। इसमें जमीन पर अपना हक उन्हें दर्शाना होगा।

    वह जमीन उन्होंने स्वयं खरीदी है, कोर्ट के आदेश से मिली है या फिर पुश्तैनी है, यह बताना होगा। इसके बाद सर्वे टीम स्थल पर जाकर सत्यापन करेगी। सबकुछ सही मिलने पर रैयत का नाम रिकॉर्ड ऑफ राइट में दर्ज हो जाएगा।

    आस-पड़ोस के लोगों के कागजात से भी मिलेगी जानकारी

    यदि किसी के पास जमीन के कागजात नहीं हैं, लेकिन जमीन पर वर्तमान में कब्जा है तो खतियान में खोजने पर उसके दस्तावेज मिल सकते हैं। आस-पड़ोस के लोगों के कागजात के आधार पर भी मालिकाना हक का पता लगाया जा सकता है।

    अगर किसी ने अवैध कब्जा कर रखा है तो भी चिंता की जरूरत नहीं है। जिनके नाम पर जमीन खतियान में है और उनकी मृत्यु हो चुकी है तो उनके मृत्यु प्रमाणपत्र या उससे जुड़ा कोई दस्तावेज प्रस्तुत करना होगा। रजिस्ट्री के कागजात, जमाबंदी की रसीद, खरीद-बिक्री से जुड़े दस्तावेज, खतियान की नकल, जमीन पुश्तैनी है तो जिनके नाम से जमीन है और वे जीवित नहीं हैं तो उनका मृत्यु प्रमाणपत्र, कोर्ट का आदेश है तो उसकी कापी, आवेदक का मतदाता पहचान पत्र, आधार कार्ड की कापी देने होंगे।

    रैयत को दिए जाएंगे तीन अवसर

    सर्वे के दौरान रैयत को अपना पक्ष रखने के लिए तीन अवसर दिए जाएंगे। अगर किसी के पास पूरे कागजात नहीं हैं तो भी वे स्वघोषणा तैयार करें। जब पूरे कागजात हो जाएं तो उन्हें शिविर या अमीन के पास दे दें। इसके बाद भी यदि कोई रैयत चूक जाते हैं और उनके पक्ष में कोई प्रकाशन नहीं होता है तो प्रकाशित ड्राफ्ट के आधार पर अपील का मौका मिलेगा।

    सुनवाई के दौरान दस्तावेज प्रस्तुत करने होंगे। यह प्रक्रिया ऑनलाइन के साथ ही ऑफलाइन भी अपनाई जा सकती है। बिहार से बाहर रहने वाले ऑनलाइन ही कागजात अपलोड कर सकते हैं। वे ऑनलाइन नक्शा भी दे सकते हैं। किसी ने पहले ही अपनी जमीन को ऑनलाइन करा रखा है, तब भी उनको इस सर्वे में शामिल होना होगा।

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