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    Bihar Bhumi: भू-राजस्व न्यायालयों में वकील की जरूरत नहीं, जमीन मालिक खुद कर सकते हैं पैरवी

    Updated: Fri, 28 Nov 2025 08:13 PM (IST)

    राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने राजस्व न्यायालयों के सभी कार्य ऑनलाइन कर दिए हैं। सचिव जय सिंह ने कहा कि अब राजस्व मामलों में वकील अनिवार्य नहीं हैं, आवेदक स्वयं पैरवी कर सकते हैं। डीसीएलआर को अंचल कार्यालयों का नियमित निरीक्षण करने और पेंडिंग मामलों को कम करने के निर्देश दिए गए हैं। डिजिटली साइन की गईं प्रतियां ही मान्य होंगी। प्रशिक्षण का उद्देश्य राजस्व प्रशासन को अधिक पारदर्शी बनाना है।

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    राज्य ब्यूरो, पटना। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के सचिव जय सिंह ने कहा है कि राजस्व न्यायालयों के सभी कार्य ऑनलाइन हो गए हैं। राजस्व मामलों में वकील अनिवार्य नहीं है। आवेदक स्वयं भी अपनी पैरवी कर सकते हैं। वे शुक्रवार को डीसीएलआर के दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।कार्यक्रम का उद्घाटन विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने किया।

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    उन्होंने डीसीएलआर की भूमिका को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि वे अपने अधीनस्थ अंचल कार्यालयों की कार्यप्रणाली के लिए जवाबदेह हैं। वर्तमान में अंचल कार्यालयों का नियमित निरीक्षण और समीक्षा नहीं हो पा रही है, जबकि बेहतर राजस्व प्रशासन के लिए दोनों कार्य अनिवार्य हैं।

    सभी डीसीएलआर हलका स्तर तक निरीक्षण करें। महीने में कम से कम दो बार अनुमंडल स्तर पर समीक्षा बैठक आयोजित करें। प्रथम अपीलीय न्यायालय के रूप में आने वाले वादों का समयबद्ध निष्पादन करें।

    उन्होंने कहा कि डीसीएलआर न्यायालयों में बढ़ते पेंडिंग मामलों को कम करना अत्यावश्यक है। माह में कम से कम चार दिन नियमित रूप से सुनवाई करें। कोर्ट का कार्य आपकी सबसे बड़ी जिम्मेदारी है और इसमें ढिलाई स्वीकार्य नहीं।

    सचिव जय सिंह ने कहा कि म्यूटेशन अपील के मामलों में अभी भी कई जगहों पर लोगों से सर्टिफाइड कापी मांगी जा रही है, जबकि अब डिजिटली साइन की गईं प्रतियां ही मान्य होंगी।

    उन्होंने डिफेक्ट चेक में हो रही देरी पर चिंता व्यक्त की और निर्धारित समय सीमा का पालन करने का निर्देश दिया। अनावश्यक रूप से लोगों को कार्यालय बुलाने की प्रथा बंद होनी चाहिए और आदेश लेखन की गुणवत्ता में सुधार आवश्यक है।

    डीसीएलआर का यह प्रशिक्षण राजस्व प्रशासन को अधिक पारदर्शी, जवाबदेह और परिणाममुखी बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। अंचल कार्यालयों का नियमित निरीक्षण, मासिक समीक्षा और कोर्ट में समयबद्ध सुनवाई आपकी प्राथमिक जिम्मेदारी है। युवा अधिकारी संवेदनशीलता और दक्षता के साथ काम कर बिहार के राजस्व प्रशासन को और मजबूत बनाएं। - विजय कुमार सिन्हा, उप मुख्यमंत्री सह राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री