Bihar Land Registration: परवान नहीं चढ़ी सौ रुपये में पारिवारिक जमीन रजिस्ट्री योजना, ये है समस्या
बिहार में जमीन से जुड़े विवादों को कम करने के इरादे से रजिस्ट्री में दी गई भारी छूट का लोग लाभ नहीं ले रहे हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की यह महात्वाकांक्षी योजना है।
अरुण अशेष, पटना। जमीन से जुड़े विवादों को कम करने के इरादे से रजिस्ट्री में दी गई भारी छूट का लोग लाभ नहीं ले रहे हैं। इसके तहत पुश्तैनी जमीन के बंटवारे की रजिस्ट्री सिर्फ सौ रुपये में हो रही है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की यह महात्वाकांक्षी योजना है। दिसम्बर 2018 से लागू है। आंकड़ा बता रहा है कि इस मद में रजिस्ट्री पहले से कम हो रही है। जबकि पहले बंटवारा की जमीन पर भी बाजार दर से स्टांप शुल्क देना पड़ता था। अधिक खर्च से बचने के लिए लोग आपसी बंटवारे से परहेज करते थे।
महीने में महज डेढ़ सौ से कुछ अधिक डीड
हाल में निबंधन विभाग ने पारिवारिक बंटवारे के तहत बनी डीड का ब्योरा तैयार किया है। यह सात दिसंबर 2018 से 22 अगस्त 2020 के बीच का है। इस अवधि में पारिवारिक बंटवारे से संबंधित सिर्फ 2994 डीड बनी। यानी महीने में महज डेढ़ सौ से कुछ अधिक। यह नए प्रावधान के पहले की तुलना में काफी कम है। तब हर महीने पारिवारिक बंटवारे के औसत 450 डीड बनते थे। हालांकि कोरोना संकट के दौर में जमीन की खरीद-फरोख्त में कमी आई है। मार्च के बाद निबंधन कार्यालय भी अधिक समय तक बंद ही रहे हैं। फिर भी यह आंकड़ा सरकार की उम्मीद से बेहद कम है। पटना के अवर निबंधक सत्यनारायण चौधरी कहते हैं-लॉकडाउन के चलते हर तरह की जमीन की रजिस्ट्री में कमी आई है। हां, पारिवारिक जमीन की रजिस्ट्री में दी गई रियायत के बावजूद इसमें पहले से अधिक डीड नहीं बन रहे हैं।
योजना का एक हिस्सा कर रहा बाधित
राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के एक अधिकारी इसकी अलग वजह बताते हैं कि योजना का एक हिस्सा इसे बाधित कर रहा है। वह है: जमीन के बंटवारा में बहन-बेटियों की हिस्सेदारी। अगर वह हिस्सा नहीं लेना चाहती हैं तो लिखित में रजामंदी देंगी। व्यवहार में यह नए विवाद को जन्म दे रहा है। बंटवारा का पहला पड़ाव जमीन का म्यूटेशन है। सरकार के अधिकारी म्यूटेशन के वक्त बहन-बेटियों की लिखित रजामंदी मांगते हैं। बस, यहीं पर आकर मामला ठहर जाता है। बगैर म्यूटेशन और रजिस्टर टू में नाम दर्ज होने के जमीन का स्वामित्व कायम नहीं हो पाता है। सूत्रों ने बताया कि सरकार के संज्ञान में भी यह बात आई है। बाधा दूर करने के उपाय किए जा रहे हैं।
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