Bihar News: जुलाई अंत तक जमीन के 50 लाख दस्तावेज हो जाएंगे ऑनलाइन, खोजने में होगी आसानी
बिहार में जमीन के निबंधित दस्तावेजों को ऑनलाइन करने की प्रक्रिया तेजी से चल रही है। राज्य सरकार का लक्ष्य है कि जमीन से जुड़े लगभग 4 करोड़ 17 लाख दस्तावेजों को डिजिटाइज किया जाए जिसे तीन चरणों में पूरा किया जाएगा। इस महीने के अंत तक करीब 50 लाख से ज्यादा दस्तावेज डिजिटल रूप में ऑनलाइन उपलब्ध हो जाएंगे।

राज्य ब्यूरो, पटना। जमीन के निबंधित दस्तावेज के ऑनलाइन करने की प्रक्रिया तेजी से शुरू कर दी गई है। राज्य सरकार ने जमीन से जुड़े करीब चार करोड़ 17 लाख दस्तावेज को डिजिटाइज करने का लक्ष्य रखा है, जिसे तीन चरणों में पूरा किया जाएगा।
निबंधन विभाग के अनुसार, इस माह के अंत तक करीब 50 लाख से अधिक दस्तावेज को डिजिटल रूप में ऑनलाइन कर दिया जाएगा। इसके लिए अप्रैल 2025 से पांच एजेंसियां काम कर रही हैं। इस पहल के बाद नागरिकों के लिए जमीन की जानकारी ऑनलाइन उपलब्ध हो जाएगी।
निबंधित जमीन के दस्तावेज और अभिलेखों के डिजिटाइजेशन से लोग घर बैठे इसे देख और डाउनलोड कर सकेंगे। मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग के अनुसार, अगले चरण में वर्ष 1948 से 1990 के बीच के करीब दो करोड़ 23 लाख दस्तावेज डिजिटाइज किए जाएंगे।
वहीं, आखिरी चरण में वर्ष 1908 से 1947 के बीच के एक करोड़ 44 लाख से अधिक दस्तावेज ऑनलाइन अपलोड होंगे। विभाग के पास वर्ष 1796 से लेकर अब तक के जमीन संबंधित दस्तावेज कागजी तौर पर उपलब्ध हैं, जिनमें 99 प्रतिशत से अधिक दस्तावेज जमीन-जायदाद से संबंधित हैं।
इन दस्तावेज को सहेजना चुनौतीपूर्ण है। समय पर दस्तावेज नहीं मिलने पर भूमि विवाद के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। डिजिटाइजेशन से न केवल इन्हें सुरक्षित रखा जाएगा, बल्कि आसानी से ढूंढा भी जा सकेगा।
इसके साथ ही विवादों का समाधान और अभिलेखों में छेड़छाड़ की आशंका भी कम हो जाएगी। इससे भू-माफियाओं पर अंकुश लगेगा।
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