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    बिहार में चकबंदी से जुड़ी समस्याओं की आनलाइन शिकायत और सुनवाई भी, गड़बड़ी की गुंजाइश कम

    By Akshay PandeyEdited By:
    Updated: Fri, 29 Oct 2021 06:05 PM (IST)

    चकबंदी विभाग के संयुक्त निदेशक नवल किशोर ने बताया कि चकबंदी से जुड़ी समस्याओं की आनलाइन शिकायत दर्ज होगी। सुनवाई भी होगी। रैयत आनलाइन माध्यम से ही सुनवाई में हिस्सा लेंगे। हरेक दिन की सुनवाई का ब्यौरा विभाग के पोर्टल पर शाम में दर्ज कर दिया जाएगा।

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    बिहार में चकबंदी से जुड़ी समस्याओं की आनलाइन शिकायत और सुनवाई होगी। सांकेतिक तस्वीर।

    राज्य ब्यूरो, पटना: चकबंदी से जुड़ी समस्याओं की आनलाइन शिकायत दर्ज होगी। सुनवाई भी होगी। रैयत आनलाइन माध्यम से ही सुनवाई में हिस्सा लेंगे। हरेक दिन की सुनवाई का ब्यौरा विभाग के पोर्टल पर शाम में दर्ज कर दिया जाएगा। यह जानकारी चकबंदी विभाग के संयुक्त निदेशक नवल किशोर ने शुक्रवार को दी। वे दिल्ली में आयोजित जमीनी बातें शृंखला के तहत आयोजित जन संवाद में हिस्सा लेने गए हैं। शुक्रवार को उन्होंने चकबंदी के बारे में मीडिया को जानकारी दी। उन्होंने कहा कि मैनुअल तरीके से होने वाली चकबंदी में चूक की गुंजाइश अधिक होती थी। राज्य सरकार अब आधुनिक तकनीक के जरिए चकबंदी करने जा रही है। 

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    उन्होंने बताया कि आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के जरिए होने वाली चकबंदी में गड़बड़ी की न्यूनतम गुंजाइश है। इसमें सुधार के कारगर उपाय भी किए जा रहे हैं। चकबंदी से जुड़े मौजूदा अधिनियम में संशोधन के जरिए सुधार की आनलाइन प्रक्रिया शुरू होगी। राज्य से बाहर रहे रैयत कंप्यूटर पर अपनी जमीन का नक्शा देखेंगे। अगर उन्हें लगता है कि इसमें सुधार की जरूरत है तो वे इसे घर बैठे कर सकेंगे। नवल किशोर ने बताया कि आने वाले कुछ दिनों में जमीन से जुड़े सभी काम आनलाइन हो जाएंगे।

    कल दिल्ली में जमीनी बातें


    राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की जमीनी बातें शृंखला के तहत शनिवार को नई दिल्ली स्थिति बिहार सदन में जन संवाद का आयोजन किया जा रहा है। निदेशक भू सर्वेक्षण एवं परिमाप जय सिंह ने शुक्रवार को बताया कि इसमें दिल्ली एवं राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में रह रहे बिहार के लोगों को आमंत्रित किया गया है। दो दिनों के जन संवाद में भाग लेने वाले लोगों को बताया जाएगा कि राज्य में जमीन से जुड़े दस्तावेजों को डिजिटाइज किया गया है। लोगों को व्यवहारिक प्रदर्शन के जरिए यह भी बताया जाएगा कि वे किस तरह दिल्ली में बैठ कर भी गांव की अपनी जमीन का प्रबंधन कर सकते हैं। म्यूटेशन, भूलगान एवं स्वामित्व प्रमाण पत्र हासिल करने के अलावा परिमार्जन पोर्टल के माध्यम से वे जमीन के दस्तावेज की त्रुटियों को आनलाइन माध्यम से दूर कर सकते हैं।