बिहार के सभी DCLR को राजस्व विभाग ने भेजा लेटर, दाखिल-खारिज और भूमि विवाद की समस्या से निपटने की ये है तैयारी
राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग राज्य के भूमि सुधार उप समाहर्ताओं (डीसीएलआर) को एक सप्ताह का अनिवार्य प्रशिक्षण देने जा रहा है। इसमें उन्हें भूमि सर्वेक्षण सहित विभाग की अन्य सेवाओं के बारे में बताया जाएगा। इनके कार्यान्वयन के तौर तरीके के बारे में समझाया जाएगा।विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने बुधवार को सभी समाहर्ताओं को पत्र लिखकर यह जानकारी दी है।

राज्य ब्यूरो, पटना। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने बुधवार को सभी समाहर्ताओं को पत्र लिखकर प्रशिक्षण के बारे में जानकारी दी है। उन्हें कहा गया है कि अत्यंत बाध्यकारी परिस्थिति में ही किसी डीसीएलआर के प्रशिक्षण की तिथि में परिवर्तन के लिए अनुरोध किया जाए।
राज्य के एक सौ एक अनुमंडलों में तैनात सभी डीसीएलआर इस प्रशिक्षण में शामिल होंगे। पटना स्थित राजस्व सर्वे प्रशिक्षण संस्थान में इसका आयोजन हो रहा है। प्रशिक्षण के लिए आए अधिकारियों के ठहरने की व्यवस्था संस्थान परिसर में ही की गई है। पहला सत्र सात सितंबर से शुरू हो रहा है।
24 नवंबर तक चलेगा प्रशिक्षण कार्य
तीन चरणों में यह 24 नवंबर तक चलेगा। प्रशिक्षण के लिए पाठ्यक्रम एवं प्रशिक्षक का निर्धारण किया गया है। प्रशिक्षण के दौरान डीसीएलआर को जमीन से जुड़े सभी अधिनियमों की जानकारी दी जाएगी। दाखिल-खारिज एवं विभाग की अन्य ऑनलाइन सेवाओं के बारे में बताया जाएगा।
सूत्रों ने बताया कि जानकारी के अभाव में कई अधिकारी जमीन से जुड़े विवादों के निबटारे के लिए कानून सम्मत आदेश नहीं दे पाते हैं। इससे अनावश्यक भूमि विवाद बढ़ता है। प्रशिक्षक की जवाबदेही विभाग के सेवा निवृत अधिकारियों को दी गई है।
ग्रामसभा में सर्वेक्षण संबंधित मामले की दी गई जानकारी
राज्य सरकार के राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की ओर से चलाए जा रहे भूमि सर्वे अभियान के तहत प्रखंड के बाजितपुर सैदात पंचायत में ग्रामसभा आयोजित किया गया। जिसमें जमीन संबंधी समस्याओं को लेकर बड़ी संख्या में लोग उपस्थित हुए।
इस दौरान लोगों ने अपनी समस्याएं रखी, जिसका कानूनगो निकेश कुमार ने निराकरण के उपाय बताए। उन्होंने बताया कि सरकार की ओर से निर्धारित समय के भीतर आसानी से जमीन मालिक जमाबंदी पंजी, भू-नक्शा, खाता, दाखिल-खारिज, भूमि सुधार आदि करा सकते हैं।
यह सुविधा ऑफलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यम से उपलब्ध है। जिसमे दाखिल खारिज, वंशावली, भू-लगान, जमाबंदी, भूमि मैप में सुधार किए जा रहे है। जिसके लिए कुल 21 प्रपत्र भरकर पंचायत अमीन या आफिस में जमा करना है। आ
वेदन दिए जाने के बाद सारी प्रक्रिया पूरी होने पर जमीन से जुड़ी सभी जानकारी आनलाइन होगी, जो सरकार के रिकार्ड में रहेगा और इस पर जमीन मालिक का मालिकाना हक होगा। लोगों ने जमीन से जुड़े कई पेंचीदे सवाल भी रखे, जिसका निराकरण कराया गया।
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