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    राजस्व कर्मियों की ‘गायब रहने’ की आदत पर सख्ती, अब पंचायत में अनिवार्य उपस्थिति और समयबद्ध सेवा सुनिश्चित करेगी सरकार

    Updated: Thu, 11 Dec 2025 09:24 AM (IST)

    बिहार में भूमि विवादों और राजस्व विभाग की सेवाओं में देरी पर सरकार सख्त हो गई है। उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि राजस्व सेवाओं को प्रभावी ब ...और पढ़ें

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    राजस्व कर्मी के गायब रहने से आक्रोशित लोग

    जागरण संवाददाता, पटना। बिहार में भूमि से जुड़े विवादों और राजस्व विभाग की सेवाओं में देरी को लेकर आम लोगों की बढ़ती शिकायतों के बीच सरकार अब सख्त रुख में दिखाई दे रही है। उपमुख्यमंत्री सह राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने स्पष्ट किया है कि विभाग में ढिलाई, अनुपस्थिति और मनमाने रवैये पर अब रोक लगाई जाएगी। बुधवार को विभागीय मुख्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता में उन्होंने कहा कि राजस्व सेवाओं को प्रभावी और पारदर्शी बनाने के लिए नया सिस्टम लागू किया जा रहा है, जिसके बाद दाखिल–खारिज, परिमार्जन और जमीन से जुड़े अन्य कार्य तय समय सीमा में पूरे होंगे।

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    सिन्हा ने बताया कि दाखिल–खारिज एवं परिमार्जन प्लस पोर्टल पर आने वाले सभी आवेदनों का समय पर निपटारा अनिवार्य कर दिया गया है।

    फील्ड स्तर पर बिना कारण फाइल को रिजेक्ट या रेफर करने की पुरानी आदत पर अब अंकुश लगाया जाएगा। जो अधिकारी या कर्मचारी आवेदन रिजेक्ट करेगा, उसे स्पष्ट कारण दर्ज करना होगा।

    आवेदनों के निष्पादन, लंबित मामलों और अनावश्यक रिजेक्शन के आधार पर जिला–वार सूची तैयार की जा रही है, जिसके आधार पर सभी अधिकारियों और कर्मचारियों की समीक्षा भी की जाएगी।

    उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने बताया कि फर्जी दस्तावेज़ों पर रोक लगाने के लिए राज्यस्तरीय स्पेशल टीम बनाई जा रही है। यह टीम मौके पर जाकर जांच करेगी और फर्जी कागज़ों पर काम रोकने, न्यायालय का समय खराब करने या अनावश्यक रूप से परिमार्जन लंबित रखने वाले लोगों पर कार्रवाई करेगी।

    उनका लक्ष्य है कि मार्च तक सभी वैध लंबित आवेदनों का निपटारा कर दिया जाए ताकि कोई भी आवेदक विभागीय प्रक्रिया में फंसा न रहे।

    पंचायत स्तर पर राजस्व कर्मचारियों की अनुपस्थिति को गंभीर समस्या बताते हुए सिन्हा ने कहा कि अब हर पंचायत में कर्मियों की अनिवार्य उपस्थिति सुनिश्चित की जाएगी।

    यदि किसी कर्मचारी को दो पंचायतों का प्रभार दिया गया है, तो उसके लिए अलग–अलग दिन और समय तय किए जाएंगे। मुख्यालय से सुबह, दोपहर और शाम तीनों समय वीडियो कॉल के माध्यम से उनकी उपस्थिति की रैंडम जांच की जाएगी।

    सभी अंचल कार्यालयों में अधिकारियों और कर्मचारियों की सूची तथा मोबाइल नंबर सार्वजनिक रूप से चस्पा किए जाएंगे, ताकि लोगों को सही व्यक्ति से संपर्क करने में परेशानी न हो।

    विजय सिन्हा ने यह भी बताया कि सभी अंचल कार्यालय अब सीसीटीवी कैमरों की निगरानी में रहेंगे। इसके लिए मुख्यालय स्तर पर कमांड एंड कंट्रोल सेंटर स्थापित किया जा रहा है।

    विभाग 12 दिसंबर से पटना में भूमि सुधार जनकल्याण संवाद की शुरुआत करने जा रहा है, जबकि दूसरा आयोजन 15 दिसंबर को लखीसराय में होगा।

    यह कार्यक्रम सभी जिलों में चरणबद्ध तरीके से आयोजित किए जाएंगे, जिनमें सभी संबंधित अधिकारियों की उपस्थिति सुनिश्चित की जाएगी।

    इन उपायों के साथ सरकार उम्मीद कर रही है कि राजस्व विभाग की ‘गायब रहने’ और ‘काम टालने’ की पुरानी व्यवस्था में सुधार आएगा और लोग जमीन से जुड़े मामलों में समय पर न्याय पा सकेंगे।