Bihar Kisan News: बिहार के किसानों की बल्ले-बल्ले, बढ़ गया गेहूं का समर्थन मूल्य; अब इतने में होगी खरीदारी
मोदी सरकार के एलान से बिहार के किसानों की भी बल्ले-बल्ले हो गई है। दरअसल विपणन वर्ष 2025-26 के लिए गेहूं के समर्थन मूल्य में 150 रुपये की वृद्धि की है जिससे किसानों को प्रति क्विंटल गेहूं 2425 रुपये का भुगतान किया जाएगा। यह जानकारी भारतीय खाद्य निगम (एफसीआइ) के सहायक महाप्रबंधक सुनील कुमार ने किसानों के साथ बैठक में दी।

जागरण संवाददाता, पटना। Bihar News: केंद्र सरकार की ओर से रबी विपणन वर्ष 2025-26 के लिए गेंहू के समर्थन मूल्य में 150 रुपये वृद्धि किया गया है। इससे किसानों को प्रति क्विंटल गेहूं 2,275 रुपये के बदले 2,425 रुपये भुगतान किया जाएगा। शनिवार को फुलवारीशरीफ प्रखंड के सकरैचा में किसानों के साथ बैठक में इस बाबत जानकारी भारतीय खाद्य निगम (एफसीआइ) के सहायक महाप्रबंधक सुनील कुमार ने दी।
बैठक में सहायक महाप्रबंधक के अतिरिक्त क्रय प्रभारी संगीता राय एवं भुगतान प्रभारी निरंजन कुमार सिंह ने स्थानीय सरपंच एवं मुखिया व किसानों के साथ बैठक की।
बैठक को संबोधित करते हुए सहायक महाप्रबंधक ने कहा कि अब भारतीय खाद्य निगम रबी विपणन वर्ष 2025-26 में न्यूनतम समर्थन मूल्य 2,425 रुपये में सीधे-सीधे किसानों से गेहूं की खरीदारी करेगी और 48 घंटा के अंदर संबंधित किसानों के खाते में राशि का भुगतान करेगी।
इस पोर्टल पर होगा रजिस्ट्रेशन
प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) के लिए किसानों को पोर्टल https://dbtagriculture.bihar.gov.in में पंजीकरण करवाना होगा। पंजीकरण में किसी प्रकार की सहायता के लिए सहकारिता विभाग की हेल्पलाइन 18001800110 अथवा बिहार राज्य खाद्य आपूर्ति निगम की हेल्पलाइन 18003456194 संपर्क कर सकते हैं।
रबी विपणन वर्ष 2025-26 के अंतर्गत भारतीय खाद्य निगम, मंडल कार्यालय, पटना के द्वारा गेहूं की अधिप्राप्ति के लिए कुल 16 गेहूं खरीद केंद्र खोले जाएंगे। 15 मार्च से मंडल कार्यालय पटना के अंदर सकरैचा, बिहटा, मसौढ़ी, फतुहा, नौबतपुर, आरा, पिरो, जगदीशपुर, बिहिया, बिहारशरीफ, हिलसा, आगिआओ, ग्रहनी में गेहूं क्रय केंद्र खोले जाने हैं। ऐसे में ज्यादा से ज्यादा गेहूं की बुआई करें और बढ़ी हुई दर पर फसल का उचित मूल्य प्राप्त करे।
गेहूं का समर्थन मूल्य क्या होता है?
गेहूं का समर्थन मूल्य सरकार द्वारा निर्धारित किया जाता है ताकि किसानों को उनकी फसल का उचित मूल्य मिल सके। समर्थन मूल्य से किसानों को यह सुनिश्चित किया जा सकता है कि वे अपनी फसल को कम से कम इस मूल्य पर बेच सकेंगे, भले ही बाजार में कीमतें कम हों।
हालांकि, गेहूं की कीमतें बढ़ने से उपभोक्ताओं की चिंता बढ़ सकती है, लेकिन सरकार के पास जरूरत से ज्यादा बफर स्टॉक में गेहूं है, जिससे कीमतों को स्थिर रखने में मदद मिल सकती है। सरकार गरीब लोगों को फिलहाल फ्री में गेहूं देकर राहत देने का सिलसिला जारी रखा है। वहीं राशन कार्ड के जरिए भी सस्ते में गेहूं मिल रही है।
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