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    Bihar News: बिहार के किसानों की हो गई बल्ले-बल्ले, नीतीश सरकार ने दे दिया बड़ा गिफ्ट, दिल हो जाएगा खुश

    बिहार सरकार ने सब्जी किसानों के लिए दिल को खुश कर देने वाला एलान कर दिया है। राज्य के सभी जिला मुख्यालयों और प्रखंड मुख्यालयों में 10-10 टन क्षमता वाले कोल्ड स्टोरेज का निर्माण करने का फैसला किया है। इससे सब्जी उत्पादक किसानों को सब्जी को बर्बाद होने से बचाने में मदद मिलेगी। इसके अलावा सहकारिता विभाग ने 20 टन क्षमता वाले एक-एक गोदाम के निर्माण की स्वीकृति दी है।

    By Dina Nath Sahani Edited By: Sanjeev Kumar Updated: Sat, 08 Feb 2025 01:47 PM (IST)
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    नीतीश कुमार ने बिहार के किसानों को दी सौगात (जागरण)

    राज्य ब्यूरो, पटना। Bihar News: बिहार के सभी जिला मुख्यालयों और प्रखंड मुख्यालयों में 10-10 टन क्षमता वाले कोल्ड स्टोरेज का निर्माण होगा, जहां सब्जी उत्पादक किसानों को सब्जियां संग्रहित करने की निशुल्क सुविधा मिलेगी। इसके लिए सहकारिता विभाग ने बिहार राज्य सब्जी प्रसंस्करण एवं विपणन योजना के तहत कोल्ड स्टोरेज के अतिरिक्त 20 टन क्षमता के एक-एक गोदाम निर्माण की भी स्वीकृति दी है।

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    सरकार ने रख दी एक शर्त

    सहकारिता विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक कोल्ड स्टोरेज और गोदाम की सुविधा उन्हीं सब्जी उत्पादक किसानों को मिलेगा, जो किसान सब्जी उत्पादक सहकारी समितियों के सदस्य होंगे। इसीलिए सब्जी उत्पादक किसानों की सदस्यता बढ़ाने का निर्देश बिहार राज्य सब्जी प्रसंस्करण एवं विपणन फेडरेशन (वेजफेड) के अधिकारियों को दिया गया है।

    सब्जी उत्पादक किसान समितियों का प्रखंडों में होगा विस्तार

    मार्च से सब्जी उत्पादक किसान समितियों को प्रखंडों में विस्तार किया जाएगा। सब्जियों की बर्बादी से बचाने के लिए हर प्रखंड में कोल्ड स्टोरेज और गोदाम की व्यवस्था की जाएगी।

    इसके साथ ही जिला मुख्यालयों में बेहतर भंडारण की व्यवस्था होगी। स्थानीय उपभोक्ताओं के लिए ग्रामीण मंडी का निर्माण भी कराया जा रहा है। ऐसी मंडियों में संग्रहण केंद्र, वाशिंग आफिस, ग्रैडिंग और पैकेजिंग की व्यवस्था भी की जाएगी।

    बक्सर में दियारे किसान को हो रही कोल्ड स्टोरेज की कमी

    बक्सर में दियारे की 80% जनता की आजीविका का मुख्य साधन कृषि कार्य है। खासकर पिछले 10 वर्षों के अंदर सब्जी उत्पादन के क्षेत्र में यहां के किसानों ने न सिर्फ बिहार, बल्कि उत्तर प्रदेश एवं झारखंड के मंडियों में भी अपनी जोरदार उपस्थिति दर्ज कराई है।

    शुरुआती दौर में तो इसके काफी सुखद परिणाम रहे, लेकिन जैसे ही इस खेती में व्यापकता आई तो किसानों की बजाय इसका लाभ मंडियों में बैठे साहुकार उठाने लगे हैं।

    इसका मुख्य कारण इलाके में सरकारी कोल्ड स्टोरेज नहीं होना बताया जा रहा है। हालात तो अब इस मुकाम पर पहुंच गई है कि सब्जी उत्पादक प्रगतिशील किसान खेती कार्य छोड़ आजीविका चलाने के लिए शहरों की ओर भाग रहे हैं।

    अनिल राय, हरे राम यादव, श्रीभगवान राय ने बताया कि इलाके में टमाटर, गोभी, परवल, करैला एवं लौकी की खेती बहुतायत रूप से हो रही है।

    शुरू में तैयार फसल के दाम भी अच्छे मिलते हैं, लेकिन जैसे ही मंडियों में इसकी उपलब्धता बढ़ती है, तो इसका लाभ साहुकार उठाते हैं। चूंकि इलाके में सरकारी कोल्ड स्टोरेज नहीं होने से सब्जी उत्पादक किसान भी मजबूरी में अपनी उत्पादित वस्तुएं औने-पौने दाम पर बेचने को मजबूर होते हैं।

    यदि दियारे में सरकारी कोल्ड स्टोरेज की व्यवस्था होती तो न सिर्फ किसान आर्थिक रूप से सशक्त होते, बल्कि कृषि कार्य को भी एक नई गति मिलती।

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