बिहार सरकार की उर्वरक आपूर्ति पर कड़ी निगरानी, कालाबाजारी में शामिल 214 दुकानदारों के लाइसेंस रद्द
बिहार में खरीफ फसल के लिए उर्वरकों की आपूर्ति पर सरकार सख्त निगरानी रख रही है। कालाबाजारी रोकने के लिए 34 उर्वरक प्रतिष्ठानों पर प्राथमिकी दर्ज की गई है और 214 के लाइसेंस रद कर दिए गए हैं। किसानों को सही समय पर उचित मूल्य पर उर्वरक मिले यह सुनिश्चित करने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। वर्तमान में राज्य में उर्वरकों का पर्याप्त स्टॉक उपलब्ध है।

राज्य ब्यूरो, पटना। शरदकालीन फसल (खरीफ) की खेती के लिए पर्याप्त उर्वरकों की आपूर्ति को लेकर सरकारी स्तर पर निगरानी बढ़ा दी गई है। किसानों से मिल रही शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए कृषि विभाग के प्रधान सचिव पंकज कुमार ने मंगलवार को सभी जिला कृषि पदाधिकारियों के साथ उर्वरकों की उपलब्धता, कालाबाजारी और छापेमारी की समीक्षा की।
प्रधान सचिव ने बताया कि सरकार उर्वरकों की कालाबाजारी और अधिक मूल्य पर बिक्री के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर रही है। खरीफ 2025 के दौरान अब तक 34 उर्वरक प्रतिष्ठानों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। 214 उर्वरक प्रतिष्ठानों का प्राधिकार पत्र (लाइसेंस) रद्द कर दिया गया है।
किसानों को उचित मूल्य पर सही समय पर उर्वरक उपलब्ध कराना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है और इस दिशा में जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई गई है। इसके अलावा जिला स्तर पर विशेष जांच दल गठित कर नियमित छापेमारी और निरीक्षण करने का निर्देश दिया गया है।
अधिकारियों ने बताया कि भारत सरकार ने खरीफ-2025 के लिए बिहार के लिए 10.32 लाख टन यूरिया, 2.20 लाख टन डीएपी, 2.50 लाख टन एनपीके, 0.50 लाख टन एमओपी और 0.75 लाख टन एसएसपी निर्धारित किया है। वर्तमान में राज्य के किसी भी जिले में उर्वरक की कोई कमी नहीं है।
19 अगस्त, 2025 तक राज्य में 1.76 लाख टन यूरिया, 1.00 लाख टन डीएपी, 1.91 लाख टन एनपीके, 0.54 लाख टन एमओपी और 0.92 लाख टन एसएसपी का पर्याप्त स्टॉक उपलब्ध है। समीक्षा के दौरान प्रधान सचिव ने कहा कि राज्य सरकार किसानों के हितों की रक्षा के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।