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World Cancer Day: कैंसर के मामले में बिहार देश का चौथा सबसे बड़ा राज्य, हर 5-8 मिनट पर एक मरीज की हो रही मौत

साल 2022 में देश में कैंसर के मामले 14.61 लाख हो गए थे। कैंसर से होने वाली मौतें भी 8.08 लाख थीं। बिहार मौतों के मामले में देश के राज्यों में चौथे स्थान पर है। इसका सबसे बड़ा कारण जागरूकता के अभाव को बताया जाता है।

By Nalini RanjanEdited By: Aditi ChoudharyPublished: Sat, 04 Feb 2023 08:23 AM (IST)Updated: Sat, 04 Feb 2023 08:23 AM (IST)
World Cancer Day: कैंसर के मामले में बिहार देश का चौथा सबसे बड़ा राज्य, हर 5-8 मिनट पर एक मरीज की हो रही मौत
कैंसर के मामले में चौथा सबसे बड़ा राज्य बिहार, भारत में सालाना आठ लाख मौतें

पटना, नलिनी रंजन। देशभर में कैंसर रोगियों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। सिर्फ बिहार की बात करें तो हर पांच से आठ मिनट में एक मरीज की मौत हो रही है। वहीं, कैंसर के मामलों की बात करें तो बिहार देश का चौथा सबसे बड़ा राज्य भी है। उत्तर प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल ऐसे चार राज्य हैं, जहां कैंसर के सालाना एक लाख से अधिक मामले मिल रहे हैं। इन राज्यों में कैंसर से होने वाली मौतें भी सर्वाधिक हैं। साल 2022 में बिहार मौतों के मामले में देश के राज्यों में चौथे स्थान पर है। 

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विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, कैंसर से दुनियाभर में हर साल करीब एक करोड़ मौतें होती हैं। हर छह में से एक मौत की वजह कैंसर ही है। वर्तमान में दुनिया के 20 फीसदी कैंसर मरीज भारत से हैं। बीएमसी कैंसर जर्नल में मई 2022 में प्रकाशित एक शोध के अनुसार दुनिया के 172 में से 91 देशों में 70 वर्ष की आयु से पहले मौत के प्रमुख कारणों में कैंसर पहले या दूसरे स्थान पर है।

भारत की बात करें तो साल 2022 में देश में कैंसर के मामले 14.61 लाख हो गए थे। कैंसर से होने वाली मौतें भी 8.08 लाख थीं। इसका सबसे बड़ा कारण है जागरूकता का अभाव। विशेषज्ञों के अनुसार, अधिसंख्य मरीज कैंसर के तीसरे व चौथे स्टेज में पहुंचते है।

जागरूकता बढ़ने से आंकड़ों में हो सकती है कमी

स्टेट कैंसर संस्थान के प्रमुख डा. राजेश कुमार सिंह कहते हैं कि कैंसर को लेकर जागरूकता बढ़े तो मौत के आंकड़े को कम किया जा सकता है। उनके अनुसार बिहार में पुरुषों में सिर व गला के कैंसर सर्वाधिक होते हैं। महिलाओं में स्तन कैंसर के मामले सबसे अधिक हैं।

वहीं, एससीआइ प्रमुख डा. राजेश कुमार सिंह, डा. सीमा सिंह, डा. दिनेश कुमार आदि ने बताया कि देश में एक वर्ष में 15 लाख से अधिक लोगों की मौत कैंसर से हो रही है। इसमें हर वर्ष कैंसर रोगियों की संख्या में 10-13 प्रतिशत वृद्धि ही हो रही है। इसमें बिहार में हर वर्ष पांच-छह प्रतिशत प्रतिशत तक मौतें हो रही है।

साल गुजरने के साथ बढ़ी रही मरीजों की संख्या

राष्ट्रीय कैंसर रजिस्ट्री कार्यक्रम में अनुसार बिहार में वर्ष 2014 में 59,431, वर्ष 2015 में 62,651, वर्ष 2016 में 66,040, 2017 में 69607 एवं 2018 में 73,361, 2019 में 73,781, 2020 में 74,142, 2021 में 74,894, वर्ष 2022 में 75,489 एवं वर्ष 2023 में लगभग 76 हजार लोगों की कैंसर के कारण मौत हुई है।

राज्य कैंसर संस्थान में अत्याधुनिक सुविधा

राज्य कैंसर संस्थान प्रमुख डा. राजेश कुमार सिंह ने बताया कि आइजीआइएमएस में सभी अत्याधुनिक सुविधा उपलब्ध है। यहां 100 बेड का अत्याधुनिक अस्पताल है। इसमें छह बेड का आइसीयू एवं सात बेड का इमरजेंसी सुविधा है। इसमें राष्ट्रीय स्तर की जांच, उपचार व सर्जरी की सुविधा है। उपकरणों में हाई एनर्जी एवं लो एनर्जी लीनियर एस्सेलेटर मशीन, ब्रैकीथिरेपी, सीटी सिम्यूलेटर, पेट सीटी स्कैन, एमआरआइ, क्लोनोस्कोप, मेमोग्राम के साथ सभी तरह के बायोप्सो एवं एफएनएसई की सुविधा है। इसके अतिरिक्त सभी तरह के कैंसर की सर्जरी की सुविधा भी उपलब्ध है।


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