Life Insurance Policy 2025: दावे की राशि अब ब्याज के साथ देगी बीमा कंपनी, हर्जाना अलग से
पटना की संपा राय ने आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल लाइफ इंश्योरेंस कंपनी के खिलाफ एक दावा जीता है। जिला उपभोक्ता आयोग ने बीमा कंपनी को 2,66,750 रुपये की बीमा राशि 12% ब्याज के साथ, 50,000 रुपये मानसिक पीड़ा के लिए और 10,000 रुपये मुकदमेबाजी खर्च के रूप में भुगतान करने का निर्देश दिया है।
राज्य ब्यूरो, पटना। आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल लाइफ इंश्योरेंस कंपनी से दावे की इस लड़ाई में पटना की संपा राय विजयी रही हैं। जिला उपभोक्ता आयोग ने उनके पक्ष में निर्णय सुनाया है। आयोग ने बीमा कंपनी को 12 प्रतिशत वार्षिक ब्याज की दर से बीमा राशि (2,66,750 रुपये) के भुगतान का निर्देश दिया है।
इसके अलावा मानसिक-शारीरिक पीड़ा के हर्जाना के रूप में 50,000 रुपये और मुकदमेबाजी के खर्च के 10,000 रुपये देने हैं।
क्या है पूरा मामला?
सेना से सेवानिवृत्त संपा के पति ने आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल शुभ सेवानिवृत्ति पालिसी ली थी। इसके लिए उन्होंने 48,580 रुपये के वार्षिक प्रीमियम का भुगतान किया था। 18 जनवरी, 2013 से पॉलिसी प्रभावी हुई।
बीमाधारक की मृत्यु पालिसी शुरू होने की तिथि से तीन माह बाद ह्दयाघात से हो गई। दावे को बीमा कंपनी ने यह कहकर निरस्त कर दिया कि बीमाधारक के सिजोफ्रेनिया से पीड़ित होने के तथ्य को छिपाया गया। दावा निरस्तीकरण का पत्र 10 सितंबर, 2013 को जारी हुआ।
ठीक एक माह बाद संपा पटना जिला उपभोक्ता आयोग की शरण में पहुंचीं। साक्ष्य के साथ उन्होंने बताया कि बीमा की खरीद के समय उनके पति सिजोफ्रेनिया से पूरी तरह से मुक्त और बिल्कुल स्वस्थ थे।
आयोग के अध्यक्ष प्रेम रंजन मिश्रा और सदस्य रजनीश कुमार के समक्ष बीमा कंपनी के प्रतिनिधि दावे की अस्वीकृति के उसी आधार को दोहराया।
विद्वान निर्णयकर्ताओं ने पाया कि ह्दयाघात से सिजोफ्रेनिया का कोई संबंध नहीं। पॉलिसी लेने से 13 वर्ष पहले ही वे सिजोफ्रेनिया से मुक्त हो चुके थे। ऐसे में बीमा कंपनी को दावे का भुगतान करना ही होगा। अब उस पर शिकायत की तिथि से ब्याज भी देय होगा।
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