Updated: Sat, 16 Aug 2025 10:49 PM (IST)
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने घोषणा की है कि बिहार में उद्योग लगाने वाले उद्यमियों को विशेष आर्थिक पैकेज मिलेगा। सरकार मुफ्त में जमीन देगी और प्रोत्साहन राशि को दोगुना करेगी। प्रारंभिक परीक्षा शुल्क भी कम कर दिया गया है। सरकार का लक्ष्य युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान करना है और राज्य में उद्योगों को बढ़ावा देना है।
राज्य ब्यूरो, पटना। अब बिहार में उद्योग लगाने के लिए उद्यमियों को विशेष आर्थिक पैकेज दिया जाएगा। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शनिवार को अपने एक्स हैंडल पर इस सूचना को साझा किया कि ज्यादा रोजगार उपलब्ध कराने वाली औद्योगिक इकाइयों को सरकार मुफ्त में जमीन उपलब्ध कराएगी।
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उद्योग लगाने के लिए सभी जिलों में जमीन की व्यवस्था की जाएगी। उद्योग लगाने के लिए जो भूमि आवंटित है उससे संबंधित विवादों को समाप्त किया जाएगा। यह सारी सुविधाएं अगले छह माह के भीतर उद्योग लगाने वाले उद्यमियों को दी जाएगी।
नई सुविधा के तहत प्रदेश में उद्योग लगाने वाले उद्यमियों को कैपिटल सब्सिडी, ब्याज सब्सिडी तथा जीएसटी के लिए दी जाने वाली प्रोत्साहन राशि को दोगुना किया जाएगा।
उद्योग लगाने के लिए सभी जिलों में जमीन की व्यवस्था की जाएगी। इसके अलावा कई और प्रविधान किए गए हैं, जिससे राज्य में उद्योग लगाने वाले उद्यमियों को काफी मदद मिलेगी।
इस संबंध में विस्तृत अधिसूचना अलग से जारी की जाएगी। राज्य सरकार की इस पहल का उद्देश्य है कि बिहार में उद्योगों को और ज्यादा बढ़ावा मिले।
बिहार के युवा दक्ष एवं आत्मनिर्भर हों तथा उन्हें अधिक से अधिक रोजगार मिल सके। मुख्यमंत्री ने अपने एक्स हैंडल पर लिखा कि 2020 में सात निश्चय-2 के तहत की गई घोषणा के क्रम में उनकी सरकार ने 50 लाख युवाओं को सरकारी नौकरी एवं रोजगार देने के लक्ष्य को पूरा कर लिया है।
उन्होंने लिखा कि अब हमारी सरकार ने अगले पांच वर्षों में एक करोड़ युवाओं को नौकरी एवं रोजगार देने का लक्ष्य रखा है। राज्य में उद्योग लगाने और स्वरोजगार करने वालों को कई प्रकार की सुविधाएं देकर सरकार उन्हें प्रोत्साहित कर रही है।
नौकरियों के लिए होने वाली प्रारंभिक परीक्षा में अब मात्र सौ रुपये का शुल्क
राज्य सरकार के आयोगों के माध्यम सरकारी नौकरियों के लिए होने वाली प्रारंभिक परीक्षा में अब केवल सौ रुपये परीक्षा शुल्क के रूप में लिए जाएंगे। वहीं मुख्य परीक्षा के लिए परीक्षार्थियों को किसी भी तरह का शुल्क नहीं देना होगा।
स्वतंत्रता दिवस के मौके पर मुख्यमंत्री ने अपने एक्स हैंडल पर यह बात साझा की। मुख्यमंत्री ने लिखा कि राज्य के युवाओं को सरकारी नौकरी एवं रोजगार के अधिक अवसर प्रदान करने के लिए उनकी सरकार ने कई ठोस कदम उठाए हैं।
उन्हें यह साझा करते हुए खुशी हो रही है कि राज्यस्तरीय सरकारी नौकरी हेतु सभी आयोगों (बिहार लोक सेवा आयोग, बिहार कर्मचारी चयन आयोग, बिहार तकनीकी सेवा आयोग, बिहार पुलिस अवर सेवा आयोग, केंद्रीय सिपाही चयन पर्षद आदि) द्वारा आयोजित की जाने वाले प्रारंभिक (पीटी) प्रतियोगिता परीक्षाओं के शुल्क में एकरूपता लाते हुए परीक्षार्थियों को बड़ी छूट दिए जाने का निर्णय लिया गया है।
सभी तरह की प्रारंभिक परीक्षा के लिए अब शुल्क मात्र एक सौ रुपये होगा। मुख्य परीक्षा के लिए किसी भी तरह का शुल्क नहीं देना होगा। राज्य में अधिक से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरी व रोजगार मिले, यह शुरू से रही उनकी प्राथमिकता रही है। राज्य सरकार की इस पहल से युवा और प्रोत्साहित होकर अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकेंगे।
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