बिहार में निवेशकों के लिए शानदार मौका! ब्याज में मिलेगी सब्सिडी, 10 से 25 एकड़ तक जमीन फ्री
बिहार सरकार ने औद्योगिक निवेश को बढ़ावा देने के लिए नई प्रोत्साहन पैकेज 2025 की घोषणा की है। इसके तहत निवेशकों को 40 करोड़ तक की ब्याज सब्सिडी मिलेगी। नई इकाइयों को एसजीएसटी की प्रतिपूर्ति और पूंजीगत सब्सिडी भी मिलेगी। भूमि आवंटन में भी छूट दी जाएगी। इस योजना से राज्य में रोजगार सृजन की उम्मीद है।
राज्य ब्यूरो, पटना। औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन पैकेज -2025 के तहत बिहार में औद्योगिक निवेश पर उद्यमियों को 40 करोड़ रुपए तक की ब्याज सब्सिडी मिलेगी। राज्य कैबिनेट ने औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन पैकेज 2025 को अपनी मंजूरी प्रदान की।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने एक्स हैंडल पर नई औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन पैकेज-2025 के तहत दी जाने वाली सुविधाओं के बारे में जानकारी दी। औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन पैकेज-2025 का लाभ लेने के लिए निवेशकों को 31 मार्च 2026 से पूर्व करना होगा आवेदन।
ख्यमंत्री ने कहा कि बिहार मे उद्योगों को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार ने बियाडा एमनेस्टी पालिसी-2025 के बाद अब नई औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन पैकेज-2025 को लागू किया है।
नई इकाईयों को स्वीकृत परियोजना लागत का 300 प्रतिशत तक शुद्ध एसजीएसटी की प्रतिपूर्ति 14 वर्षों के लिए की जाएगी। वहीं 30 प्रतिशत तक पूंजीगत सब्सिडी दी जाएगी।
निर्यात प्रोत्साहन की सीमा 14 वर्ष की अवधि के लिए 40 लाख रुपए प्रतिवर्ष होगी। इसके अतिरिक्त कौशल विकास, पर्यावरण संरक्षण, नवीकरणीय ऊर्जा उपयोग, स्टांप ड्यूटी एवं भूमि रूपांतरण शुल्क की प्रतिपूर्ति, निजी औद्योगिक पार्कों मेे सहयोग, पेटेंट पूंजीकरण एवं गुणवत्ता प्रमाणन को ले सहायता दी जाएगी।
नए औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन पैकेज-2025 के अंतर्गत निवेश को बढ़ावा दिए जाने को ले नि:शुल्क भूमि आवंटित की जाएगी। एक सौ करोड़ से अधिक निवेश करने वाली तथा एक हजार से अधिक प्रत्यक्ष रोजगार सृजित करने वाली औद्योगिक इकाईयों को 10 एकड़ तक भूमि नि:शुल्क आवंटित की जाएगी। एक हजार करोड़ से अधिक निवेश करने वाली औद्योगिक इकाईयों को
25 एकड़ जमीन नि:शुल्क आवंटित की जाएगी। फारच्यून 500 कंपनियों को 10 एकड़ तक भूमि नि:शुल्क आवंटित की जाएगी।
इन निवेशकों को ही मिलेगा लाभ
औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन पैकेज-2025 के तहत जो सब्सिडी व अन्य तरह की आर्थिक मदद की व्यवस्था की गई है, उसके तहत यह प्रविधान किया गया है कि औद्योगिक इकाई की न्यूनतम परियोजना लागत 50 लाख रुपए से ज्यादा होनी चाहिए।
इसके अतिरिक्त परियोजना का कार्यान्वयन माइलस्टोन 31 मार्च 2027 से पूर्व प्राप्त होना चाहिए। विभिन्न प्रक्षेत्र की परियोजनाओं के कार्यान्वयन का माइलस्टोन का दिशा निर्देश उद्योग विभाग द्वारा अलग से जारी किया जाएगा।
पुरानी औद्योगिक इकाईयों को भी विस्तारीकरण पर लाभ
वैसी मौजूदा औद्योगिक इकाईयां जिन्होंने पहले बिहार औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन पैकेज-2016 के तहत लाभ प्राप्त किया है और अपनी पात्रता की अवधि पूरी कर ली है, वे बिहार औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन पैकेज-2025 की विस्तार श्रेणी के तहत प्रोत्साहन का दावा करने के लिए पात्र होंगी।
जिन औद्योगिक इकाईयों ने बिहार औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन पैकेज-2016 के अंतर्गत आवेदन किया था, लेकिन अभी तक वाणिज्यिक उत्पादन प्रारंभ नहीं किया है।
जिन्हें स्टेज-1 क्लियरेंस, वित्तीय प्रोत्साहन अथवा वाणिज्यिक उत्पादन तिथि, इनमें से किसी भी स्टेज की स्वीकृति प्राप्त नहीं है उन्हें नए पैकेज के तहत अनुदान लेने के लिए नए सिरे से आवेदन करना होगा।
इस नए औद्योगिक पैकेज 2025 से पांच वर्षों में एक करोड़ युवाओं को नौकरी एवं रोजगार देने में सहायता मिलेगी। इस पहल का उद्देश्य है कि बिहार में उद्योगों को और ज्यादा बढ़ावा मिले। बिहार के युवा दक्ष एवं आत्मनिर्भर हों तथा उन्हें राज्य के अंदर ही अधिक से अधिक रोजगार मिले एवं उनका भविष्य सुरक्षित हो सके। - नीतीश कुमार, मुख्यमंत्री, बिहार
प्रोत्साहन पैकेज में नौ उच्च प्राथमिकता क्षेत्र, खाद्य प्रसंस्करण पहले नंबर पर
औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन पैकेज-2025 के तहत जो प्रविधान किया गया है उसमें नौ उच्च प्राथमिकता क्षेत्र तय किए गए हैं। इनमें खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र पहले नंबर पर है। खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र को उच्च प्राथमिकता वाला क्षेत्र तय किया गया है। इसके अंतर्गत अचल संपत्ति और संयंत्र एवं मशीनरी (जमीन छोड़कर) में निवेश पांच करोड़ रुपए से अधिक होना चाहिए। ऐसा नहीं होने पर इसे प्राथमिकता वाले क्षेत्र में माना जाएगा।
प्राथमिकता वाले क्षेत्र में दूसरे नंबर पर वस्त्र एवं चर्म उद्योग है। इस उद्योग मे कम से कम 50 प्रत्यक्ष कर्मचारियों को प्रत्यक्ष रोजगार मिलना चाहिए। प्रत्यक्ष रोजगार हासिल करने वालों में ड्राइवर व गार्ड आदि की गिनती नहीं होगी। प्राथमिकता सूची में तीसरे नंबर पर मीडिया एवं मनोरंजन समूह है। इसके तहत अचल संपत्तियों और संयंत्र में कम से कम पांच करोड़ रुपए का निवेश होना चाहिए।
न्यूनतम 50 प्रत्यक्ष कर्मियों के लिए प्रत्यक्ष रोजगार का सृजन होना चाहिए। प्राथमिकता क्षेत्र में चौथे नंबर पर लाजिस्टिक सेक्टर है। इसमें न्यूनतम निवेश छह कराेड़ का होना चाहिए। पांचवें नंबर पर सूचना प्रौद्योगिकी व सूचना प्रौद्योगिक सक्षम सेवाएं हैं। इसके बाद इलेक्ट्रिक वाहन, फार्मास्यूटिकल्स व चिकित्सा उपकरण, खिलौना निर्माण तथा नवीकरणीय और हरित ऊर्जा क्षेत्र शामिल है।
इन्हें प्राथमिकता क्षेत्र में शामिल किया गया 1. आटोमोबाइल्स 2, लघु मशीन निर्माण, यांत्रिक उकरण 3. साबुन, डिटरजेंट 4. प्लास्टिक व रबर 5. पेंट एवं रसायनिक उत्पाद 6. स्वास्थ्य एवं कल्याण केंद्र 7. अपशिष्ट पुनर्चक्रण 8. पेय पदार्थस सिरका 9. चीनी मिट्टी उत्पाद 10. शस्त्र एवं गोला बारूद 11. कांच एवं कांच की वस्तुएं 12. स्वास्थ्. देखभाल 13, काष्ठ आधारित उद्योग 14, उर्वरक 15 घड़ियां
पर्यावरण पर नकारात्मक प्रभाव डालने वाले उद्योगों को प्रोत्साहन पैकेज का लाभ नहीं
औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन पैकेज-2025 के तहत तह प्रविधान किया गया है कि ऐसे कोई भी उद्योग जो पर्यावरण पर नकारात्मक प्रभाव डालता हो को नकारात्मक सूची में जगह मिलेगी। इन्हें प्रोत्साहन पैकेज के तहत किसी तरह का लाभ नहीं मिलेगा। एस्बेस्टस का निर्माण करने वाली औद्योगिक इकाईयां भी नकारात्मक सूची में शामिल है। मादक औषधियों का निर्माण, करने वाली इकाईया व अल्कोहलिक पेय पदार्थों का निर्माण करने वाला इकाईयां, भी इस सूची में शामिल हैं।
क्षेत्र ए में शामिल जिलों में औद्योगिक इकाई लगाने पर अतिरिक्त प्रोत्साहन
क्षेत्रीय आर्थिक समानता सुनिश्चित करने को ध्यान में रख औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने के लिए सभी जिलों को क्षेत्र ए और बी में वर्गीकृत किया गयाहै। क्षेत्र ए में जो जिले शामिल हैं उन्हें प्रोत्साहन का अतिरक्त लाभ मिलेगा।
क्षेत्र ए में शामिल जिले
औरंगाबाद, अरवल, अररिया, बांका, भागलपुर, भोजपुर, दरभंगा, पूर्नी चंपारण, गोपालगंज, जमुई, जहानाबाद, कैमूर, कटिहार, खगड़िया, किशनगंज, लखीसराय, मधेपुरा, मधुबनी, मुंगेर, नवादा, नालंदा, पूर्णिया, रोहतास, सहरसा,समस्तीपुर, सारण, सुपौल, सीतामढ़ी, शेखपुरा, शिवहर, सीवान व पश्चिम चंपारण।
क्षेत्र बी में शामिल जिले
बेगूसराय, बक्सर, गया, मुजफ्फरपुर, पटना व वैशाली।
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