Bihar Election: जीएसटी में कटौती को विधानसभा चुनाव अभियान से जोड़ेगा NDA, दिवाली से पहले घर-घर पहुंचने का प्लान
बिहार में आगामी विधानसभा चुनावों से पहले राजग सरकार ने जीएसटी में दी गई छूट को जनता तक पहुंचाने की रणनीति बनाई है। नवरात्रि से घटी दरें लागू होंगी जिसका उद्देश्य महिलाओं किसानों युवाओं और बुजुर्गों को लाभान्वित करना है। कृषि उपकरण वाहनों और रोजमर्रा की वस्तुओं पर कर कम किए गए हैं। सरकार का लक्ष्य है कि आम आदमी को त्योहारों से पहले राहत मिले।

राज्य ब्यूरो, पटना। विधानसभा चुनाव से पहले राजग के रणनीतिकारों ने मोदी सरकार की ओर से जीएसटी (वस्तु एवं सेवाकर) में दी गई बंपर छूट को जनजन के बीच भुनाने की तैयारी तेज कर दी है।
कलश स्थापना यानी पहले नवरात्रि 22 सितंबर से घटा हुआ जीएसटी लागू हो जाएगा। इससे के साथ ही सर्व समाज के मतदाताओं विशेषकर महिला, किसान, युवा एवं बुजुर्ग वर्ग के मतदाताओं से जोड़कर लाभ के प्रति लोगों को जागरूक करने की पहल शुरू हो गई है।
राजग (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) का प्रयास किसानों के लिए कृषि उपकरण तो युवाओं के बीच प्रिय लच्छा पराठा से बाइक एवं कार की कीमत में की गई कटौती को भुनाने की योजना है।
इसी तरह जीवाईएएन (गरीब, युवा, अन्नदाता, नारीशक्ति) थीम से जोड़कर हर वर्ग को होने वाले लाभ से जोड़ने एवं ध्यान आकृष्ट करने की रणनीति तैयार की जा रही है।
दरअसल, सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि आम आदमी को सीधा फायदेमंद बदलाव महसूस हो रोज-मर्रा की चीजें सस्ती हों, त्योहारों (दशहरा, दिवाली एवं छठ) से पहले राहत मिले। इससे मध्य वर्ग व छोटे उपभोक्ताओं की नाराजगी कम होगी एवं सरकार को वोट-बैंक में लाभ हो सकता है।
समय पर संदेश
नवरात्रि के पहले दिन योजना को लागू करने को लेकर सरकार की ओर से स्पष्ट तौर पर कंपनियों एवं कारोबारियों को मूल्य राहत से मिलने वाले लाभ को लोगों के लिए दर्शाने का निर्देश दिया गया है।
यही नहीं, व्यापक छूट के उपरांत वाहन, इलेक्ट्रानिक्स आइटम एवं अन्य लाभ के प्रति लोगों को जागरूक करने की पहल शुरू हो गई है। विज्ञापन के माध्यम से भी कंपनियों को कीमत में की गई कटौती को बताया होगा। युक्तिकरण से अर्थव्यवस्था पर बेहद सकारात्मक और दूरगामी प्रभाव दिखेगा।
रोजमर्रा के उपभोग की ज्यादातर वस्तुओं पांच प्रतिशत या दूध सहित कई वस्तुओं पर 'जीरो टैक्स' लगाया गया है। वहीं, शिक्षा , बीमा जैसी भावी जरूरत की चीजों पर 'जीरो टैक्स' लगाकर सरकार ने विकसित भारत बनाने के अपने इरादे को साफ कर दिया है।
राजग के रणनीतिकारों को उम्मीद है कि कृषि, स्वास्थ्य, दवाइयों, ऑटोमोबाइल पर कर को शून्य से 18 प्रतिशत तक सीमित किया जाना इन क्षेत्रों के तेज विकास के लिए रामबाण साबित होगा। सुधारों का गुणात्मक लाभ सबसे ज्यादा बिहार जैसे राज्यों को मिलेगा।
कई आवश्यक वस्तुओं पर जीएसटी शून्य कर दिया गया है। अब किसी भी प्रकार की रोटी खरीदने पर जीएसटी नहीं देना होगा, पहले पराठे पर 18 प्रतिशत टैक्स देना पड़ता था।
रोटी, तेल, नमकीन, टेक्सटाइल, ट्रैक्टर, मशीनरी, हैंडपंप, नवीकरणीय ऊर्जा से जुड़े उपकरण, शिक्षा सामग्री जैसे किताब, पेंसिल और कॉपियां, रेजर, दूध की बोतलें, इलेक्ट्रिक और इलेक्ट्रॉनिक सामान, परिवहन, खेल सामग्री, लकड़ी से बने सामान, रक्षा क्षेत्र से जुड़े उत्पाद, फुटवेयर, निर्माण सामग्री जैसे ईंट और बालू, हैंडीक्राफ्ट तथा रोजगार से संबंधित वस्तुओं पर पहले 28, 18 12 एवं पांच प्रतिशत तक टैक्स देना होता था।
अब इन सभी को घटाकर केवल 12 एवं पांच प्रतिशत कर दिया गया है। वहीं, कई आवश्यक वस्तुओं पर जीएसटी पूरी तरह शून्य कर दिया गया है।
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