Bihar News: 'बिहार के विकास...', केंद्र की योजनाओं को लेकर बिहार ने मोदी सरकार से कर दी ये बड़ी मांग
बिहार सरकार ने नीति आयोग की बैठक में केंद्र से आग्रह किया कि केंद्रीय योजनाओं में केंद्रांश कम से कम 90% हो। पहले यह 75-90% होता था पर अब 60% कर दिया गया है। विकसित बिहार-2047 के लिए विशेष रणनीति बनाने और अगले 10 वर्षों में 15.68 लाख करोड़ रुपये की आवश्यकता बताई गई।

राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार सरकार ने केंद्र सरकार से अनुरोध किया है कि केंद्रीय योजनाओं में केंद्र का कम से कम 90 प्रतिशत का अंशदान हो। शनिवार को दिल्ली में नीति आयोग की शासी परिषद की 10वीं बैठक में बिहार सरकार की तरफ से यह मांग की गई।
पहले भी भेजा पत्र
इसके पूर्व भी बिहार ने नीति आयोग को इस आशय का पत्र भेजा था। बिहार की अपेक्षा है कि तीव्र गति से प्रगति कर रहे राज्य के लिए केंद्र स्तर पर विशेष रणनीति बनाई जाए। इसके साथ ही विकसित बिहार-2047 के लिए आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराए जाएं।
60 फीसदी किया गया केंद्रांश
बिहार के योजना एवं विकास मंत्री बिजेंद्र यादव के अनुसार, राष्ट्रीय विकास एजेंडे से संबंधित योजनाओं में 75 से 90 प्रतिशत तक केंद्रांश रहता था। हालांकि, ऐसी सभी 21 योजनाओं में केंद्रांश 60 प्रतिशत कर दिया गया है।
कई केंद्र प्रायोजित योजनाओं में केवल 50 फीसदी अंशदान
कई केंद्र प्रायोजित योजनाओं में तो केंद्र का अंशदान 50 प्रतिशत तक ही है। इससे राज्य को अपनी प्राथमिकता वाली योजनाओं के लिए कम राशि उपलब्ध हो पाती है, जबकि बिहार को तीव्र विकास की आवश्यकता है। इसीलिए केंद्रांश को 90 प्रतिशत करने का आग्रह किया गया है।
15.68 लाख करोड़ की होगी आवश्यकता
बिहार ने अपने विजन डाक्यूमेंट में पांच, दस व 22 वर्षों के तीन चरणों में लक्ष्यों का निर्धारण किया है। पूर्वोदय योजना के अंतर्गत 2030 के लिए अल्पकालीन, 2035 के लिए मध्यकालीन व 2047 के लिए दीर्घकालीन लक्ष्य निर्धारित है।इस उद्देश्य से अगले 10 वर्षों के लिए बिहार को 15.68 लाख करोड़ रुपये की आवश्यकता होगी।
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