बिहार सरकार का शिक्षण संस्थानों को बड़ा तोहफा, जानिए किन विश्वविद्यालयों को मिला कितना पैसा
उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने बताया कि बिहार सरकार ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए शिक्षण संस्थानों को 3026.219 करोड़ रुपये की अनुदान सहायता स्वीकृत की है। यह राशि शिक्षकों और कर्मचारियों के वेतन पेंशन और अन्य खर्चों के भुगतान के लिए होगी। डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा को पेंशन भुगतान के लिए 55 करोड़ रुपये दिए गए हैं।

राज्य ब्यूरो, पटना। उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने बताया कि राज्य सरकार ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए पारंपरिक विश्वविद्यालयों, संबद्ध एवं अनुदानित महाविद्यालयों के साथ-साथ अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थानों सहित 13 शिक्षण संस्थानों के लिए 3026.219 करोड़ रुपये की अनुदान सहायता स्वीकृत की है।
इस राशि का उपयोग इन संस्थानों में कार्यरत एवं सेवानिवृत्त शिक्षकों एवं शिक्षकेत्तर कर्मचारियों के वेतन, पेंशन एवं अन्य मदों के भुगतान के लिए किया जाएगा। चौधरी ने बताया कि वेतन मद में 1385.769 करोड़ रुपये तथा गैर वेतन मद में 1640.45 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं।
उपमुख्यमंत्री चौधरी ने कहा कि नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार कर्मचारियों के सम्मान एवं सामाजिक सुरक्षा के प्रति संवेदनशील है। उन्होंने कहा कि यह अनुदान विश्वविद्यालयों को जून 2025 से फरवरी 2026 तक की अवधि के लिए नियम व शर्तों के अधीन वितरित किया जाएगा।
इस अनुदान का उपयोग कार्यरत शिक्षकों/कर्मचारियों को नियमित वेतन, सेवानिवृत्त कर्मचारियों को पेंशन, ग्रेच्युटी, अर्जित अवकाश के नकदीकरण, चिकित्सा भत्ता आदि के भुगतान में किया जाएगा। इसके व्यय की समय-सीमा एक माह निर्धारित की गई है, जिसमें उपयोगिता प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा।
विलंब होने पर पुनः अनुमोदन लेना होगा तथा तीन माह के अंदर राशि खर्च नहीं करने पर वापस करना होगा। चौधरी ने बताया कि यह अनुदान विश्वविद्यालयवार शर्तों एवं प्रतिबंधों के अधीन जून 2025 से फरवरी 2026 तक की अवधि के लिए वितरित किया जाएगा।
वहीं, राजेंद्र केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, पूसा को पेंशन भुगतान के लिए 55 करोड़ रुपये स्वीकृत डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, पूसा, समस्तीपुर को सेवानिवृत्त कर्मचारियों के पेंशन भुगतान के लिए 55 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की गई है।
उपमुख्यमंत्री ने बताया कि इस राशि का उपयोग विश्वविद्यालय द्वारा पूर्व कर्मचारियों के पेंशन, लंबित बकाया एवं अन्य वित्तीय लाभों के समुचित वितरण के लिए किया जाएगा।
योजना की स्वीकृति के साथ ही यह निर्देश भी जारी किया गया है कि विश्वविद्यालय नियत समय में निधि का उपयोग कर उसका उपयोगिता प्रमाण पत्र प्रस्तुत करें। नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार सेवानिवृत्त कर्मचारियों के प्रति संवेदनशील है।
सरकार उनके सम्मान, आर्थिक और सामाजिक सुरक्षा के प्रति संवेदनशील है। राज्य सरकार न केवल उच्च शिक्षण संस्थानों को सुदृढ़ बना रही है, बल्कि उनमें कार्यरत और सेवानिवृत्त कर्मियों के हितों की रक्षा को भी सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है।
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