Nitish Kumar को लेना पड़ रहा 500 करोड़ का लोन, आखिर इन पैसों का क्या करेगी बिहार सरकार?
भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (सिडबी) द्वारा एमएसएमइ क्लस्टर में बुनियादी ढांचे और उस परिक्षेत्र में सामाजिक संरचना विकसित करने के लिए सिडबी क्लस्टर डेवलपमेंट फंड (एससीडीएफ) लांच किया गया है। यह एक तरह का सॉफ्ट लोन है। बैंक दर से इसकी ब्याज दर डेढ़ प्रतिशत कम है। इस फंड के उपयोग के लिए वित्त विभाग को राज्य की नोडल एजेंसी बनाया गया है।

राज्य ब्यूरो, पटना। सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) के क्लस्टर में सामाजिक विकास और आधारभूत संरचना के लिए सिडबी बिहार सरकार को सस्ता ऋण देगा। सरकार पांच सौ करोड़ का ऋण लेने के लिए प्रयासरत है। उस राशि से क्लस्टर में कार्यरत श्रमिकों के बच्चों के लिए आंगनबाड़ी केंद्र और विद्यालय भवन बनाए जाएंगे।
भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (सिडबी) द्वारा एमएसएमइ क्लस्टर में बुनियादी ढांचे और उस परिक्षेत्र में सामाजिक संरचना विकसित करने के लिए सिडबी क्लस्टर डेवलपमेंट फंड (एससीडीएफ) लांच किया गया है। यह एक तरह का सॉफ्ट लोन है। बैंक दर से इसकी ब्याज दर डेढ़ प्रतिशत कम है।
इस फंड के उपयोग के लिए वित्त विभाग को राज्य की नोडल एजेंसी बनाया गया है। एससीडीएफ के तहत राज्य सरकारों को परियोजना लागत की 80 से 95 प्रतिशत का ऋण मिलेगा। शेष राशि का प्रबंध राज्य सरकार को अपने स्रोतों से करना होगा।
वित्त विभाग के सूत्रों के अनुसार, इस राशि से एमएसएमई क्लस्टर में नियोजित श्रमिकों के बच्चों की उचित देखभाल और शिक्षा के लिए विद्यालय भवन आदि का निर्माण-विकास होगा। इससे क्लस्टर तक पहुंचने के लिए संपर्क-पथ का निर्माण भी किया जाएगा। उन्नत प्रौद्योगिकी, श्रमिकों में कौशल विकास और उत्पाद को बाजार तक पहुंचाने जैसे कार्यों को भी इस योजना में सम्मिलित किया गया है।
विकास आयुक्त की अध्यक्षता वाली समिति करेगी चयन
एससीडीएफ से मिली राशि किस विभाग की किस परियोजना को मिलेगी, इसका चयन विकास आयुक्त की अध्यक्षता वाली चार सदस्यीय समिति करेगी। वित्त विभाग, योजना व विकास विभाग और संबंधित विभाग के अधिकारी समिति के सदस्य होंगे।
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