बिहार के प्लस-टू स्कूलों और कॉलेजों में बहाल होंगे 1200 लाइब्रेरियन, शिक्षक नियुक्ति का पेंच अभी अनसुलझा
Government Job in Bihar पहली बार राज्य में पुस्तकालध्यक्ष पात्रता परीक्षा के आधार पर पुस्तकालयाध्यक्षों की नियुक्ति होगी। इधर बिहार में शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया पर फंसा पेंच अभी खत्म नहीं हुआ है। इस मामले की हाई कोर्ट में सुनवाई की अगली तिथि मिल गई है।
पटना, राज्य ब्यूरो। Bihar Librarian Recruitment Process: बिहार के 893 उच्च माध्यमिक विद्यालयों और 300 अंगीभूत महाविद्यालयों में पुस्तकालयाध्यक्षों की नियुक्ति होगी। इसके लिए शिक्षा विभाग ने नियुक्ति संबंधी नई नियमावली पर विधि विभाग से परामर्श मांगा है। पहली बार राज्य में 'पुस्तकालध्यक्ष पात्रता परीक्षा' के आधार पर पुस्तकालयाध्यक्षों की नियुक्ति होगी। इससे पहले कॉलेजों में पुस्तकालध्यक्ष एवं पुस्तकालय सहायक के पद पर विश्वविद्यालयों द्वारा नियुक्तियां की जाती थीं। इधर, बिहार में शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया पर फंसा पेंच अभी खत्म नहीं हुआ है। इस मामले की हाई कोर्ट में सुनवाई की अगली तिथि मिल गई है।
राज्य कर्मचारी आयोग के माध्यम से होगी नियुक्ति
शिक्षा विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक पुस्तकाध्यक्ष की आवश्यकता का आकलन करते हुए पात्रता परीक्षा के आयोजन का निर्णय लिया गया है। नियुक्ति में पारदर्शिता लाने के लिए राज्य कर्मचारी चयन आयोग को यह जिम्मेदारी दी जाएगी। फिलहाल शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया पूरी होने के बाद विभाग ने पुस्तकालयध्क्षों की नियुक्ति करने का निर्णय लिया है।
शिक्षकों की नियुक्ति याचिका पर सुनवाई तीन जून को होगी
पटना हाईकोर्ट में सवा लाख प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षकों की बहाली पर पटना हाईकोर्ट में तीन जून को विस्तृत सुनवाई होगी। मुख्य न्यायाधीश संजय करोल की खंडपीठ ने ब्लाइंड एसोसिएशन व अन्य की याचिकाओं पर सोमवार को सुनवाई की। इससे पूर्व महाधिवक्ता ललित किशोर ने इस मामले पर शीघ्र सुनवाई के लिए कोर्ट से अनुरोध किया था।
नेशनल ब्लाइंड फेडरेशन ने दाखिल की थी याचिका
इस मामले पर नेशनल ब्लाइंड फेडरेशन ने रिट याचिका दायर की थी। इस पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने शिक्षकों की बहाली पिछले वर्ष रोक लगा दी थी। याचिका में दिव्यांग उम्मीदवारों को 4 प्रतिशत आरक्षण का लाभ देने का मामला है। पिछली सुनवाई में याचिकाकर्ताओं के वकील ने कहा था कि दिव्यांग उम्मीदवारों से पंद्रह दिनों के अंदर आवेदन लेने के बाद मेधा सूची जारी की जाए। महाधिवक्ता ललित किशोर ने सुनवाई के दौरान उपरोक्त मांग को मानने से इंकार कर दिया। मामले पर अगली सुनवाई तीन जून को की जाएगी।