Bihar Jobs 2025: इस साल मिलेंगी 2 लाख और नौकरियां, स्वास्थ्य विभाग में 40 हजार बहाली; तैयार रहें युवा
सरकार ने पिछले पांच वर्षों में दस लाख नौकरियों की नियुक्ति की है और इस साल के अंत तक दो लाख और नौकरियों का लक्ष्य है जिसमें स्वास्थ्य विभाग की करीब 40 हजार बहाली होगी। स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने विधान परिषद में बताया कि 17 हजार नर्सों और 3623 विशेषज्ञ चिकित्सा पदाधिकारियों की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू हो गई है। आयुष्मान कार्ड से 1.55 करोड़ परिवार लाभान्वित हुए हैं।

राज्य ब्यूरो, पटना। नीतीश सरकार ने पिछले पांच सालों में दस लाख नियुक्तियां की हैं। इस साल के अंत तक दो लाख और नौकरियां देने का लक्ष्य है। इसमें सिर्फ स्वास्थ्य विभाग की करीब 40 हजार बहाली होगी। विधान परिषद में मंगलवार को स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने सर्वेश कुमार एवं डॉ. उर्मिला ठाकुर के तारांकित प्रश्रों के उत्तर में सदन को यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि विभाग की ओर से 17 हजार से अधिक नर्सों की बहाली के लिए अधियाचना भेजी गई थी जिसके विरुद्ध विज्ञापन भी प्रकाशित हो गया है। जीएनएम की नियुक्ति के लिए भी एक सप्ताह के अंदर विज्ञापन प्रकाशित होने की उम्मीद है।
विशेषज्ञ चिकित्सा पदाधिकारी के 3623 पदों पर होगी नियुक्ति
डॉक्टरों की कमी पूरी करने के लिए विशेषज्ञ चिकित्सा पदाधिकारी के 3623, सामान्य चिकित्सा पदाधिकारी के 667 और दंत चिकित्सक के 808 रिक्त पदों पर नियुक्ति के लिए अधियाचना बिहार तकनीकी सेवा आयोग की भेजी गई है।
सौरभ कुमार के तारांकित प्रश्न के उत्तर में स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि राज्य में एक करोड़ 55 लाख परिवार को आयुष्मान कार्ड की सुविधा मिली है। इसके साथ ही मुख्यमंत्री स्वास्थ्य चिकित्सा सहायता योजना के तहत इस वित्तीय वर्ष में सवा दो सौ करोड़ की सहयोग राशि गंभीर बीमारी से पीड़ित मरीजों को उपलब्ध कराई गई है।
महेश्वर सिंह के प्रश्न के उत्तर में मंत्री ने बताया कि वर्तमान में राज्य के सौ अस्पतालों में फर्स्ट रेफरल यूनिट (एफआरयू) कार्यरत हैं। यहां सिजेरियन की भी सुविधा उपलब्ध है, जिसके लिए 70 विशेषज्ञों को प्रतिनियुक्त किया गया है। राज्य के 56 अस्पतालों में रात्रिकाल में भी सिजेरियन प्रसव की भी सुविधा प्रदान की जा रही है।
लिंगानुपात पर क्या बोले मंत्री?
लिंगानुपात से जुड़े प्रश्न पर मंत्री ने बताया कि यह चिंताजनक है। राज्य के एक दर्जन जिलों में लिंगानुपात 900 से अधिक है। इसमें सुधार के लिए जागरूकता कार्यक्रम भी चलाए जा रहे हैं।
प्रसव पूर्व जांच में बिहार फरवरी में देश में चौथे स्थान पर रहा
मां और शिशु स्वास्थ्य का स्वास्थ्य बेहतर रहे इसके लिए चलाए जा रहे प्रधानमंत्री मातृत्व अभियान के संचालन में बिहार ने सामूहिक प्रयासों व अपने संकल्प से बेहतर कार्य किए हैं। स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, फरवरी महीने में प्रसव जांच में बिहार ने देश भर में चौथा स्थान प्राप्त किया है। फरवरी में राज्य में दूसरी और तीसरी तिमाही वाली कुल 24173 गर्भवतियों की जांच अभियान के तहत की गई।
बता दें कि हर महीने नौ और 21 तारीख को आयोजित होने वाले इस अभियान में बिहार अगस्त, सिंतबर 2017 में पहले स्थान जबकि जून 2022 और अगस्त 2024 में देश के शीर्ष दो राज्यों में अपनी जगह बना चुका है। इस कार्यक्रम की शुरुआत वर्ष 2016 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने की थी।
जिसके तहत हर महीने नौ और 21 तारीख को स्वास्थ्य केंद्रों पर विशेषज्ञ डॉक्टर गर्भवती महिलाओं के हीमोग्लोबिन, एचआइवी, शुगर, अल्ट्रासाउंड की जांच करते हैं। आवश्यकता पर गर्भवती महिलाओं को उच्चतर स्वास्थ्य केंद्रो में रेफर भी किया जाता है। राज्य में प्रसव पूर्व जांच के प्रति लोगों में सतर्कता पहले की अपेक्षा काफी बढ़ी है। प्रसव पूर्व जांच से गर्भवती और उसके गर्भ में पल रहे बच्चे के बारे में पूरी जानकारी मिलती है।
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