एक्सप्रेस-वे बनाने के लिए केंद्र के भरोसे नहीं रहेगी बिहार सरकार! UP की तर्ज पर होगा ये बड़ा काम
बिहार सरकार ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए राज्य में पांच एक्सप्रेस-वे का निर्माण स्वयं करने का फैसला किया है। अब बिहार सरकार एक्सप्रेस-वे के लिए के ...और पढ़ें

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार। फाइल फोटो
भुवनेश्वर वात्स्यायन, पटना। बिहार में यह पहली बार होगा कि राज्य सरकार अपनी व्यवस्था के साथ प्रदेश में पांच एक्सप्रेस वे का निर्माण कराएगी। एक्सप्रेस वे के निर्माण के लिए उत्तर प्रदेश (यूपी) की तर्ज पर एक्सप्रेस वे आथिरिटी के गठन पर मंथन चल रहा।
इस संबंध में अधिकारियों ने बताया कि सात निश्चय-3 के तहत एक्सप्रेस वे का निर्माण कराया जाएगा। इस बारे में आरंभिक बैठक पथ निर्माण विभाग के स्तर पर हुई है।
एक्सप्रेस वे पर निर्णय जल्द
पथ निर्माण विभाग को यह तय करना है किन क्षेत्रों में एक्सप्रेस वे का निर्माण कराया जाएगा। यह भी तय होना है कि एक्सप्रेस वे कितनी लंबाई में बनेंगे।
केंद्र सरकार की योजना के तहत बिहार में पटना-पूर्णिया एक्सप्रेस वे, रक्सौल-हल्दिया एक्सप्रेस वे, वाराणसी-रांची-कोलकाता एक्सप्रेस वे तथा गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेस वे का निर्माण कराया जाना है।
इनमें वाराणसी-रांची-कोलकाता एक्सप्रेस वे का निर्माण चल रहा है। पटना-पूर्णि्या एक्सप्रेस वे को एक्सप्रेस वे काे नंबर मिल गया है। शेष दो एक्सप्रेस वे का एलायनमेंट तय है और अभी मामला जमीन अधिग्रहण में है।
इसलिए इन क्षेत्रों से अलग एक्सप्रेस वे की संभावना को देखा जाएगा। पथ निर्माण विभाग के स्तर से यह तय होना है कि एक्सप्रेस वे का निर्माण किस इलाके में होना है। इसके बाद उच्च स्तर पर इससे जुड़ी योजना का प्रेजेंटेशन होना है।
पूर्व में भी सड़क निर्माण के लिए अलग से निगम बना था
पथ निर्माण विभाग के अधिकारियों ने बताया कि पूर्व में भी बिहार में सड़क निर्माण के लिए अलग से निगम का गठन हो चुका है। एशियन डेवलपमेंट बैंक की ऋण राशि से जब स्टेट हाइवे का निर्माण शुरू हुआ तो सरकार ने इसके लिए बिहार राज्य पथ विकास निगम (बीएसआरडीसी) का गठन किया गया था।
एडीबी के अप्रेजल से लेकर निविदा निष्पादन तक के काम का जिम्मा बीएसआरडीसी के माध्यम से क्रियान्वित होता है। उसी तर्ज पर एक्सप्रेस वे निर्माण के लिए अलग से आथिरिटी बनेगी। ऐसा इसलिए किया जा रहा कि एक्सप्रेस वे का निर्माण भी वि्त्तीय संस्थाओं की ऋण राशि से ही होना है।
हाईब्रिड एन्यूटि मोड में निर्माण की संभावना भी देखी जा रही
राज्य सरकार की व्यवस्था के तहत बनने वाले एक्सप्रेस वे के निर्माण को केंद्र में रख हाईब्रिड एन्यूटि मोड पर भी विचार किया जा रहा। इस मोड में निर्माण कंपनी निर्माण की मोटी राशि निवेश करती है। बाद में टोल या फिर अन्य माध्यमों से निर्माण कंपनी की राशि वापस होती है। प्रोजेक्ट का 60 प्रतिशत हिस्सा निर्माण कंपनी द्वारा वहन किया जाता है।
केंद्र सरकार द्वारा बिहार में स्वीकृत एक्सप्रेस वे की लागत
1. पटना-पूर्णिया एक्सप्रेस वे- 18042 करोड़ (282 किमी)
2. रक्सौल- हल्दिया एक्सप्रेस वे-54000 करोड़ (650 किमी)
3. गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेस वे- 25000 करोड़ (520 किमी)
4. वाराणसी-रांची-कोलकाता एक्सप्रेस वे 30000 करोड़ (612 किमी)

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