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    अल्‍पसंख्‍यकों की तरह हिंदुओं पर भी ध्‍यान दे बिहार सरकार, भाजपा ने सीएम नीतीश कुमार से की मांग

    By Vyas ChandraEdited By:
    Updated: Thu, 07 Jul 2022 02:36 PM (IST)

    भाजपा के प्रदेश उपाध्‍यक्ष व पूर्व विधायक मिथिलेश तिवारी ने बिहार सरकार से मांग की है कि राज्‍य के बहुसंख्‍यक हिंदुओं पर भी ध्‍यान दें। उन्‍होंने फेसबुक पोस्‍ट कर कई मांगें की हैं। तीर्थ भवन के निर्माण संस्‍कृत शिक्षा समेत अन्‍य बिंदुओं पर ध्‍यान आकृष्‍ट किया है।

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    सीएम नीतीश कुमार और भाजपा नेता मिथिलेश तिवारी। फाइल फोटो

    पटना, आनलाइन डेस्‍क। बिहार में भाजपा-जदयू नेताओं के बीच चल रही बयानबाजी पर विराम लगता दिख रहा है। इस बीच भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश उपाध्‍यक्ष व पूर्व विधायक मिथिलेश तिवारी (BJP Ex MLA Mithilesh Tiwari) ने बिहार सरकार की नीतियों पर सवाल खड़ा कर दिया है। मांग की है कि अल्‍पसंख्‍यकों की तरह बहुसंख्‍यक हिंदुओं पर भी ध्‍यान दें। इस क्रम में उन्‍होंने वक्‍फ भवन की तर्ज पर मठ-मंदिरों की खाली जमीन पर तीर्थ भवन निर्माण कराने की मांग की है। कांवड़ यात्रा, गया में पिंडदान, संस्‍कृत विद्यालयों जैसे मुद्दे पर उन्‍होंने सरकार का ध्‍यान आकृष्‍ट किया है। पूर्व विधायक ने लंबा चौड़ा फेसबुक पोस्‍ट कर अपनी निराशा जाहिर की है। सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) से इस ओर गंभीरता से ध्‍यान देने की अपील की है।  

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    अल्‍पसंख्‍यकों के लिए वक्‍फ भवन तो बहुसंख्‍यकों के लिए बने तीर्थ भवन

    फेसबुक पोस्‍ट में मिथिलेश तिवारी ने लिखा है कि बिहार सरकार ने पटना में करोड़ों की  लागत से अल्‍पसंख्‍यक समाज के धार्मिक और राजनीतिक गतिविधियों के संचालन के लिए हज भवन का निर्माण कराया है। यह स्‍वागत योग्‍य है। लेकिन अब सरकार बहुसंख्‍यक हिंदुओं के लिए भी सोचे। हिंदू तीर्थयात्रियों के धार्मिक और सामाजिक गतिविधियों के संचालन के लिए पटना और गया में तीर्थ भवन का निर्माण सरकार कराए। उन्‍होंने लिखा है कि पूरी दुनियां से अपने पुरखों का पिंडदान करने के लिए लोग गया आते हैं। लेकिन गया में अभी तक सभी सुविधाओं से युक्‍त तीर्थ भवन का निर्माण सरकार ने नहीं कराया है। तीर्थ यात्रा पर जाने वाले, कांवड़ि‍या के लिए कहीं भी तीर्थ भवन नहीं है। उन्‍हें स्‍टेशन, बस स्‍टैंड और हवाईअड्डे पर रात गुजारनी पड़ती है। यह अत्‍यंत दुर्भाग्‍यपूर्ण है। भाजपा नेता ने आगे सरकार से कहा है कि यदि वक्‍फ बोर्ड की खाली जमीन पर वक्‍फ भवन बनाना चाहती है तो धार्मिक न्‍यास बोर्ड, मठ-मंदिरों की खाली जमीनों पर तीर्थ भवन का निर्माण कराए। 

    बिहार में हो रही देवभाषा की उपेक्षा 

    मिथिलेश तिवारी ने संस्‍कृत शिक्षा की स्थिति पर भी सवाल खड़े किए हैं। उन्‍होंने कहा है कि बिहार में 32 वर्षों से संस्‍कृत की उपेक्षा हो रही है। संस्‍कृत विद्यालय और संस्‍कृत शिक्षक लंबे समय से अनुदान की राह ताक रहे हैं ले‍किन उन्‍हें निराशा ही हाथ लग रही है। संस्‍कृत देवभाषा है। संस्‍कृत और संस्‍कृ‍ति के बिना हिंदू सनातन धर्म कैसे बचेगा। यह अत्‍यंत ही चिंताजनक है। बिहार के छात्रों को वेद और ज्‍यो‍तिष विद्या की शिक्षा के लिए बनारस या प्रयाग जाना पड़ता है। बिहार में ये सु‍विधा क्‍यों नहीं है। इस पर सीएम गंभीरता से ध्‍यान दें। 

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