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    बिहार में शहरी विकास के लिए बढ़ा तो गांवों के लिए घटा बजट, 65 शहरों का बनेगा प्‍लानिंग एरिया

    By Shubh Narayan PathakEdited By:
    Updated: Wed, 02 Mar 2022 02:54 PM (IST)

    Bihar Budget 2022 बिहार सरकार के बजट में इस बार गांवों के लिए बजट घटा है तो शहरों के लिए बढ़ा है। शहरों के विकास के लिए सरकार ने खजाना खोल दिया है। इन रुपयों का इस्‍तेमाल नए शहरों के विकास पर किया जाएगा।

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    Bihar News: बिहार सरकार के बजट में शहरों के विकास पर जोर। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

    पटना, राज्य ब्यूरो। Bihar News: बिहार में इस बार का बजट शहरों की तरक्की का नया दरवाजा खोलेगा। राज्य में शहरी निकाय बढ़कर 263 हो गए हैं। नतीजा, शहरों के विकास के लिए बजट भी बढ़ा है। वहीं ग्रामीण इलाकों में कमी आने के कारण ग्रामीण विकास विभाग के बजट में थोड़ी कटौती हुई। नगर विकास एवं आवास विभाग को इस बार करीब 308 करोड़ रुपये अधिक मिले हैं। इस राशि का बड़ा हिस्सा गांवों से कटकर शहरी क्षेत्र में आए इलाकों के विकास पर खर्च होगा। वहां पार्क, रोशनी, सड़क आदि शहरी सुविधाएं पहुंचाई जाएंगी। शहरों की संख्या बढऩे से केंद्र सरकार से भी विभिन्न शहरी योजनाओं में अधिक अंशदान मिलने की उम्मीद है।

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    सफाई और सुविधा पर सबसे अधिक जोर

    सरकार का सबसे अधिक जोर सफाई और सुविधा पर है। स्वच्छता को लेकर पुराने नगर निकायों में लागू डोर टू डोर व्यवस्था को नए निकायों में भी लागू करने की कोशिश होगी। ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन पर फोकस होगा। इसके साथ ही हर घर नल का जल, पक्की नली-गली योजना भी हर घर तक पहुंचाने का लक्ष्य है। हर घर नल का जल पर वर्ष 2022-23 में 1001.10 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। वहीं पक्की नली-गली योजना पर वर्ष 2022-23 में 230 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।

    • नए शहरों की तरक्की का खुलेगा दरवाजा
    • सफाई-सुविधा पर जोर
    • 263 शहरी निकाय हो गए हैं अब राज्य में
    • 308 करोड़ अधिक का अधिक मिला आवंटन
    • 1001.10 करोड़ खर्च होंगे हर घर नल का जल पर
    • 230 करोड़ रुपये पक्की नली-गली योजना के लिए

    शहरों के सुनियोजित विकास का बनेगा खाका

    सरकार की प्राथमिकता नए निकायों के साथ पुराने शहरों का सुनियोजित विकास करना भी है। इसके लिए आयोजना क्षेत्र यानी प्लानिंग एरिया तय करने का निर्णय लिया गया है। इसमें मुख्य शहर से सटे आसपास के गांवों में शहरी योजना के अनुसार सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी। इसके लिए अगले दो सालों में 65 शहरों का आयोजना क्षेत्र यानी प्लानिंग एरिया बनाने की तैयारी है।