Bihar Bhumi: महा अभियान में आए करीब 45 लाख आवेदन, 26 सितंबर तक पोर्टल पर होंगे अपलोड
राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के महा अभियान में प्राप्त 44 लाख से अधिक आवेदनों को 26 सितंबर तक अपलोड किया जाएगा। सबसे अधिक आवेदन जमाबंदी सुधार के लिए आए हैं जिनमें औरंगाबाद जिला शीर्ष पर है। ऑफलाइन आवेदनों को ऑनलाइन करने की जिम्मेदारी अंचलाधिकारियों की होगी और अपलोड होने पर आवेदकों को एसएमएस से सूचित किया जाएगा।

राज्य ब्यूरो, पटना। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के महा अभियान के दौरान प्राप्त आवेदनों को 26 सितंबर तक अपलोड कर दिया जाएगा। उसके बाद सुधार की कार्रवाई होगी। विभाग का यह अभियान 16 अगस्त से 20 सितंबर तक चला था। जमीन से जुड़े दस्तावेजों में सुधार के लिए 44 लाख, 95 हजार 887 आवेदन आए। सबसे अधिक आवेदन जमाबंदी में सुधार के लिए हैं।
औरंगाबाद जिले ने तीन लाख से अधिक आवेदनों के साथ पूरे राज्य में पहला स्थान प्राप्त किया। इसके बाद क्रमशः गोपालगंज (2,24,608), दरभंगा (2,17,799), समस्तीपुर (2,11,416), गया (2,05,372) और पटना (2,00,662) का स्थान रहा।
अररिया, सुपौल, मधुबनी, पूर्वी चंपारण और सिवान शीर्ष 10 जिलों में शामिल हैं। अन्य जिलों में सीतामढ़ी, नालंदा, भोजपुर, मुजफ्फरपुर, रोहतास, बांका, खगड़िया, जमुई और वैशाली की उपलब्धि भी अच्छी रही।
महा अभियान के दौरान सभी भू धारियों को उनके घर तक जमाबंदी पंजी की प्रति उपलब्ध कराई गई। अब आवेदनों को अंचलस्तर पर आनलाइन अपलोड किया जा रहा है।
विभाग ने निर्देश जारी कर कहा है कि शिविरों में ऑफलाइन लिए गए सभी आवेदन 26 सितंबर तक महा अभियान पोर्टल पर अनिवार्य रूप से अपलोड कर दिए जाएं।
आवेदन का विवरण:
- जमाबंदी त्रुटि सुधार: 33,72,694
- ऑफलाइन जमाबंदी को ऑनलाइन करने के लिए: 5,74,252
- उत्तराधिकार नामांतरण: 2,97,195
- बंटवारा नामांतरण: 2,51,746
अंतिम दिनों में भीड़ और तकनीकी समस्या के कारण कई स्थानों पर आवेदन ऑफलाइन लिए गए थे, जिन्हें अब निर्धारित समय सीमा के भीतर ऑनलाइन करना जरूरी है। यह जिम्मेदारी अंचलाधिकारियों की होगी और यह काम केवल उन्हीं कर्मियों के लागिन से किया जाएगा, जिन्हें अंचलाधिकारी ने अधिकृत किया है। आवेदनों के अपलोड होने पर आवेदक को पूर्ववत एसएमएस से सूचना दी जाएगी। - दीपक कुमार सिंह, अपर मुख्य सचिव, राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग
एक दशक में दस्तावेज निबंधन से दोगुनी हुई कमाई
राज्य में पिछले दस सालों के दौरान जमीन, मकान और फ्लैट जैसी संपत्तियों के निबंधन से होने वाली राजस्व आय दोगुनी हो गई है। मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2015-16 में लगभग 11 लाख दस्तावेजों के निबंधन से तीन हजार 562 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ था।
वहीं, वित्तीय वर्ष 2024-25 में 16 लाख 61 हजार दस्तावेजों के निबंधन से सात हजार 648 करोड़ 88 लाख रुपये की आय हुई है। पिछले एक दशक में वर्ष 2015-16 से 2024-25 तक कुल एक करोड़ 22 लाख 66 हजार दस्तावेजों का निबंधन हुआ, जिससे राज्य सरकार को 49 हजार 606 करोड़ 69 लाख रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ है।
विभाग की ओर से हाल के वर्षों में निबंधन प्रक्रिया को डिजिटल और पारदर्शी भी बनाया गया है। इससे लोग घर बैठे आसानी से आनलाइन निबंधन कराने के साथ संबंधित दस्तावेजों को डाउनलोड भी कर सकते हैं। निबंधन प्रक्रिया को पेपरलेस करने की भी योजना पर काम चल रहा है।
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