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    शिक्षा और आवास दोनों मुफ्त... अल्पसंख्यक छात्रों के लिए बिहार सरकार की बड़ी सौगात

    Updated: Mon, 22 Dec 2025 04:00 PM (IST)

    बिहार सरकार ने अल्पसंख्यक समुदाय के छात्रों के लिए किशनगंज और दरभंगा में आवासीय विद्यालय स्थापित करने का निर्णय लिया है। इन विद्यालयों में पढ़ाई और आव ...और पढ़ें

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    अल्पसंख्यक छात्रों के लिए बिहार सरकार की बड़ी सौगात

    डिजिटल डेस्क, पटना। बिहार सरकार ने अल्पसंख्यक समुदाय के छात्रों के लिए शिक्षा के क्षेत्र में एक और अहम कदम उठाया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में राज्य सरकार ने किशनगंज और दरभंगा में बिहार राज्य अल्पसंख्यक आवासीय विद्यालय स्थापित करने का निर्णय लिया है। इन विद्यालयों में पढ़ाई के साथ-साथ रहने की सुविधा भी पूरी तरह निःशुल्क होगी। इस पहल का उद्देश्य अल्पसंख्यक वर्ग के प्रतिभाशाली छात्रों को बेहतर शैक्षणिक वातावरण उपलब्ध कराकर उनके भविष्य को मजबूत बनाना है।

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    राज्य सरकार इन आवासीय विद्यालयों में नामांकन प्रक्रिया इसी दिसंबर से शुरू करने जा रही है। सत्र 2025-26 के लिए प्रवेश की प्रक्रिया आरंभ हो चुकी है और इच्छुक अभ्यर्थी 30 दिसंबर तक आवेदन कर सकते हैं।

    अल्पसंख्यक कल्याण विभाग द्वारा आवेदन के लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों विकल्प उपलब्ध कराए गए हैं, ताकि अधिक से अधिक छात्र इस योजना का लाभ उठा सकें।

    छह अल्पसंख्यक समुदायों को मिलेगा लाभ

    इन अल्पसंख्यक आवासीय विद्यालयों में मुस्लिम, सिख, ईसाई, बौद्ध, जैन और पारसी समुदाय के छात्रों को निःशुल्क एवं गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान की जाएगी।

    इसके साथ ही विद्यार्थियों के लिए सुरक्षित आवास, पौष्टिक भोजन, स्वास्थ्य सुविधाएं और अनुशासित शैक्षणिक वातावरण भी सुनिश्चित किया जाएगा। सरकार का लक्ष्य केवल पढ़ाई तक सीमित नहीं है, बल्कि छात्रों के सर्वांगीण विकास पर भी विशेष ध्यान दिया जाएगा।

    कक्षा 9 और 11 में होगा नामांकन

    सत्र 2025-26 के लिए कला और विज्ञान संकाय में नामांकन की प्रक्रिया शुरू की जा रही है। इसके तहत कक्षा-9 और कक्षा-11 में प्रवेश लेने वाले छात्र ही आवेदन कर सकेंगे।

    विभागीय दिशा-निर्देशों के अनुसार कक्षा-9 के लिए अधिकतम आयु 16 वर्ष और कक्षा-11 के लिए 18 वर्ष निर्धारित की गई है।

    वर्तमान में नवमी और ग्यारहवीं कक्षा में पढ़ाई कर रहे, विशेष रूप से विज्ञान और कला संकाय के छात्र-छात्राओं को प्रवेश में प्राथमिकता दी जाएगी।

    ग्रामीण छात्रों और बालिकाओं को विशेष अवसर

    सरकार ने सामाजिक संतुलन को ध्यान में रखते हुए अल्पसंख्यक आवासीय विद्यालयों में 75 प्रतिशत सीटें ग्रामीण क्षेत्रों के विद्यार्थियों के लिए आरक्षित करने का निर्णय लिया है।

    इनमें से 50 प्रतिशत सीटें बालिकाओं के लिए आरक्षित रहेंगी। इसके अलावा बिहार सरकार के अधीन संचालित शिक्षण संस्थानों में लागू आरक्षण प्रावधानों को भी यहां लागू किया जाएगा, जिससे सभी पात्र वर्गों को समान अवसर मिल सके।

    शिक्षा व्यवस्था में आए बदलाव की मिसाल

    उल्लेखनीय है कि वर्ष 2005 से पहले राज्य की शिक्षा व्यवस्था कई चुनौतियों से जूझ रही थी। पिछले कुछ वर्षों में राज्य सरकार ने स्कूलों, कॉलेजों और आवासीय विद्यालयों के माध्यम से शिक्षा के बुनियादी ढांचे को मजबूत किया है।

    अल्पसंख्यक आवासीय विद्यालय इसी दिशा में एक और महत्वपूर्ण कड़ी माने जा रहे हैं।

    आवेदन की अंतिम तिथि 30 दिसंबर

    अल्पसंख्यक कल्याण विभाग ने छात्रों और अभिभावकों से अपील की है कि वे निर्धारित समय सीमा के भीतर आवेदन प्रक्रिया पूरी करें।

    सरकार का मानना है कि यह योजना अल्पसंख्यक छात्रों को मुख्यधारा से जोड़ने, ड्रॉपआउट दर कम करने और उन्हें बेहतर भविष्य की ओर अग्रसर करने में मील का पत्थर साबित होगी।