जहां सपनों पर नहीं लगती फीस: गरीब मेधावी छात्रों के लिए ‘अमृत’ बनी प्राक् परीक्षा प्रशिक्षण योजना, सिविल सेवा तक आसान हुई राह
बिहार सरकार की प्राक् परीक्षा प्रशिक्षण योजना आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों के लिए एक वरदान है। पिछड़ा और अति पिछड़ा वर्ग के छात्रों को सिविल सेवा और एस ...और पढ़ें

सत्येन्द्र दत्त मिश्र, निदेशक, प्राक् प्रशिक्षण केन्द्र( पटना विश्वविद्यालय)
डिजिटल डेस्क, पटना। आर्थिक तंगी के कारण प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी से वंचित रह जाने वाले मेधावी छात्रों के लिए बिहार सरकार की प्राक् परीक्षा प्रशिक्षण योजना किसी अमृत से कम नहीं साबित हो रही है। इस योजना के तहत राज्य के पिछड़ा वर्ग एवं अति पिछड़ा वर्ग के छात्र-छात्राओं को सिविल सेवा, एसएससी और अन्य प्रमुख प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए पूरी तरह निःशुल्क एवं गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण उपलब्ध कराया जा रहा है। सरकार की इस पहल ने उन विद्यार्थियों के सपनों को नया पंख दिया है, जिनके लिए महंगी कोचिंग फीस सबसे बड़ी बाधा हुआ करती थी।
राज्य सरकार का उद्देश्य है कि प्रतिभा केवल संसाधनों की कमी के कारण पीछे न रह जाए। इसी सोच के तहत मान्यता प्राप्त प्राक् परीक्षा प्रशिक्षण केंद्रों के माध्यम से छात्रों को संगठित, अनुशासित और आधुनिक संसाधनों के साथ प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कराई जा रही है। इससे आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के विद्यार्थियों को समान अवसर मिल रहा है।
पात्रता की शर्तें
इस योजना का लाभ उठाने के लिए छात्र या छात्रा का बिहार का स्थायी निवासी होना अनिवार्य है। साथ ही उनका संबंध पिछड़ा वर्ग या अति पिछड़ा वर्ग से होना चाहिए। योजना के अंतर्गत परिवार की अधिकतम वार्षिक आय ₹3 लाख निर्धारित की गई है, ताकि वास्तविक जरूरतमंद विद्यार्थियों तक इसका लाभ पहुंचे।
मिलने वाली सुविधाएं
प्रशिक्षण की अवधि 6 माह की होती है। प्रत्येक प्रशिक्षण केंद्र पर एक साथ दो बैचों में कुल 120 छात्र-छात्राओं को कोचिंग दी जाती है। योजना के तहत छात्रों को कई सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती हैं, जिनमें 75 प्रतिशत उपस्थिति पूरी करने पर ₹3000 की प्रोत्साहन राशि, डिजिटल अध्ययन केंद्र, उन्नत पुस्तकालय, प्रेरणा एवं मार्गदर्शन सत्र शामिल हैं। इन सुविधाओं से छात्रों को न केवल पढ़ाई का बेहतर माहौल मिलता है, बल्कि उनका आत्मविश्वास भी बढ़ता है।
नामांकन प्रक्रिया
प्राक् परीक्षा प्रशिक्षण केंद्रों की विस्तृत जानकारी राज्य सरकार की वेबसाइट state.bihar.gov.in/bcebcwelfare/CitizeHome.html पर उपलब्ध है। आवेदन प्रक्रिया को पूरी तरह ऑनलाइन रखा गया है, ताकि छात्र-छात्राओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो। इच्छुक एवं पात्र विद्यार्थी bcebconline.bihar.gov.in/PETCOnline/PETC/Default.aspx लिंक के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं।
विशेषज्ञों की राय
पटना विश्वविद्यालय स्थित प्राक् प्रशिक्षण केंद्र के निदेशक सत्येन्द्र दत्त मिश्र के अनुसार, यह योजना पिछड़ा एवं अति पिछड़ा वर्ग के छात्रों के शैक्षणिक उत्थान की दिशा में एक सशक्त कदम है। उन्होंने बताया कि प्रशिक्षण केंद्रों में नामांकन दो आधारों पर होता है—प्रवेश परीक्षा के माध्यम से और शैक्षणिक अंकों के आधार पर। यहां अनुभवी एवं योग्य शिक्षकों द्वारा पढ़ाई कराई जाती है और बीपीएससी सहित अन्य परीक्षाओं के लिए संपूर्ण सिलेबस आधारित अध्ययन सामग्री उपलब्ध कराई जाती है।
वर्तमान में बिहार भर में लगभग 38 प्राक् परीक्षा प्रशिक्षण केंद्र सफलतापूर्वक संचालित हो रहे हैं, जिनसे हजारों जरूरतमंद छात्र लाभान्वित हो रहे हैं। कुल मिलाकर, यह योजना आर्थिक रूप से कमजोर लेकिन प्रतिभाशाली छात्रों के लिए सिविल सेवा और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की राह को सचमुच आसान बना रही है।

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