बिहार में जंगलों को बचाने के लिए नई पहल, अब सड़क चौड़ीकरण के लिए करना होगा ये काम
बिहार में सड़क चौड़ीकरण के लिए अब वन भूमि का उपयोग करने से पहले पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग की अनुमति अनिवार्य होगी। सड़क निर्माण परियोजनाओं में पेड़ों की गिनती प्राथमिकता से की जाएगी। सड़कों के किनारे बन रही रिटेल दुकानों को पहुंच पथ निर्माण के लिए वन संरक्षण अधिनियम के तहत अनापत्ति प्रमाण पत्र लेना होगा।

राज्य ब्यूरो, पटना। अब सड़क चौड़ीकरण के लिए वन भूमि का उपयोग करने से पहले पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग की अनुमति अनिवार्य होगी। सड़क चौड़ीकरण परियोजनाओं के तहत वन भूमि के उपयोग को लेकर यह निर्णय लिया गया।
विभाग की अपर मुख्य सचिव हरजोत कौर बम्हारा की अध्यक्षता में शुक्रवार को अरण्य भवन में हुई बैठक में स्पष्ट किया गया कि सड़क निर्माण परियोजनाओं में पेड़ों की गिनती और संयुक्त क्षेत्र निरीक्षण का कार्य पथ निर्माण विभाग के पदाधिकारियों के साथ प्राथमिकता के आधार पर किया जाएगा।
राज्य में विभिन्न एजेंसियों द्वारा सड़कों के किनारे रिटेल दुकानों का निर्माण किया जा रहा है। रिटेल दुकानों के मालिकों को अधिसूचित संरक्षित वन घोषित पथों के किनारे पहुंच पथ निर्माण के लिए विभाग से वन संरक्षण अधिनियम 80 के तहत अनापत्ति प्रमाण पत्र भी लेना होता है।
पथ निर्माण विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र मिलने के बाद पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी किया जाता है। पथ निर्माण विभाग द्वारा जारी किए जाने वाले अनापत्ति प्रमाण पत्र के लिए ऐसे सभी रिटेल दुकानों की सूची संबंधित पदाधिकारियों के साथ साझा की गई।
बैठक में वन एवं पर्यावरण विभाग के विशेष सचिव अभय कुमार, अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक (कैंपा) सुरेंद्र सिंह, पथ निर्माण विभाग के मुख्य अभियंता विजय कुमार, बीएसआरडीसीएल के मुख्य महाप्रबंधक सुनील कुमार सुमन, आरसीपीएलडब्ल्यूईए के नोडल पदाधिकारी अंजनी कुमार समेत कई वरीय अधिकारी उपस्थित थे।
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