Bihar Flood: बिहार के कई जिलों में गहराया बाढ़ का कहर, पटना में भी डराने लगी बेकाबू होती गंगा
Bihar Flood बिहार में नदियों के उफान के कारण कई जिलों में बाढ़ का कहर गहरा गया है। पटना में भी गंगा 2016 के रिकार्ड जल-स्तर को पार करती दिख रही है। इस बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बाढ़ प्रभावित जिलों के जिलाधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की है।

पटना, जागरण टीम। Bihar Flood Updates गंगा के बढ़ते जलस्तर और इससे बाढ़ की आशंका के मद्देनजर सरकार अलर्ट मोड में है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने बुधवार को सड़क मार्ग से पटना और इसके आसपास के क्षेत्रों का निरीक्षण किया। उन्होंने पटना के दीघा से मोकामा तक, राघोपुर, बख्तियारपुर, पंडारक, बाढ़ से सटे दियारा के इलाकों, मोकामा के टाल क्षेत्रों, समस्तीपुर के मोहिउद्दीनगर, बेगूसराय के बछवाड़ा एवं अन्य प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण भी किया। इसके बाद देर रात 12 जिलों के जिलाधिकारियों के साथ बाढ़ के हालात की समीक्षा की। पटना के सोन और गंगा के दियारा में 14 क्षेत्र बाढ़ प्रभावित घोषित कर दिए गए हैं। पटना के कई घाटों पर बेकाबू दिख रही गंगा साल 2016 की उफान का रिकार्ड तोड़ने जा रही है। स्थिति नहीं संभली तो पटना शहर में बाढ़ (Patna Flood) की आशंका है। गंडक, कोसी, घाघरा व सोन नदियों में उफान के कारण हालांत के लगातार गंभीर होने की आशंका है। इन नदियों का पानी भी अंतत: गंगा के जल-स्तर को बढ़ाएगा। उधर, बाढ़ प्रभावित उत्तर बिहार में भी नदियों में चढ़ाव जारी है।
पटना में 18 जगह बनाए गए हैं बाढ़ राहत शिविर
पटना जिले में सोन और गंगा के दियारा में 14 क्षेत्र बाढ़ प्रभावित घोषित कर दिए गए हैं। जिले में बचाव-राहत कार्य के लिए 18 जगहों पर राहत शिविर बनाए गए हैं। पटना सदर के बिंदटोली और गोसांई टोला के बाढ़ पीडि़तों के लिए अलग-अलग सामुदायिक रसोई प्रारंभ की गई है। बाढ़ अनुमंडल में भी दो जगह राहत शिविर में पीडि़तों के लिए भोजन की व्यवस्था की गई है। दानापुर और मनेर में चार राहत शिविर बनाए गए हैं। पटना सदर प्रखंड में दो तथा बाढ़ अनुमंडल में 12 राहत शिविर बनाए गए हैं। राहत शिविरों में सौ फीसद कोरोना जांच और टीकाकरण की व्यवस्था कराई गई है। अनुमंडल और अंचल अधिकारियों को आवश्यकता के अनुसार शिविर बढ़ाने के निर्देश दे दिए गए हैं।
मनेर से मोकामा तक 1.25 लाख आबादी प्रभावित
जिलाधिकारी डा. चंद्रशेखर सिंह ने दीघा से पटना सिटी तक गंगा सुरक्षा तटबंध के निरीक्षण के दौरान जल संसाधन विभाग के अभियंता को अलर्ट रहने का निर्देश दिया। डीएम ने बताया कि मनेर से मोकामा तक कुल 14 दियारा क्षेत्र में लगभग 1.25 लाख आबादी व 30 हजार से अधिक परिवार बाढ़ से प्रभावित है।
पटना शहर में भी बाढ़ का पानी घुसने की आशंका
पटना में गंगा का उफान लगातार बढ़ रहा है। नदी कई घाटों पर साल 2016 का रिकॉर्ड तोड़ देने पर आमादा दिख रही है। अगर गंगा के जल-स्तर में वृद्धि की हालात ऐसी ही रही तो पटना शहर में भी बाढ़ का पानी घुस जाएगा। हालांकि, जिला प्रशासन तमाम एहतियाती उपाय करने में जुट गया है। बाढ़ से बचाव के लिए पटना की सुरक्षा दीवार के गेटों को बंद करने की व्यवस्था की गई है।
यूं ही नहीं है गंगा में उफान के बढ़ने की आशंका
गंगा में उफान के अभी और बढ़ने की आशंका यूं ही नहीं है। हाथीदह में गंगा 24 से 48 घंटे में रिकार्ड जलस्तर को पार कर रही है। यहां 2016 में गंगा 43.17 मीटर पर पहुंची थी। बुधवार की रात 11 बजे यहां का जल-स्तर अपने रिकार्ड जल-स्तर से केवल 17 सेमी कम 43 मीटर पर था। गुरुवार तक यह 43.22 मीटर को पार कर जाएगा। गंगा ने साल 2016 में साल 1971 का रिकार्ड तोड़ा था। तब हाथीदह में 43.15 मीटर का रिकार्ड था। बक्सर में बुधवार की रात 9.40 लाख क्यूसेक पानी का बहाव हो रहा था। पटना के दीघा व गांधी घाट पर भी गंगा अपने पुराने रिकार्ड को छेने को बढ़ रही है। जल-स्तर बारिश से भी बढ़ेगा, यह तय है। मौसम विभाग ने पटना समेत बिहार के अघिकांश जिलों में बारिश का अलर्ट जारी किया है।
गंडक, कोसी, घाघरा व सोन में भी वृद्धि जारी
उधर, गंडक, कोसी, घाघरा व सोन के जल-स्तर में भी वृद्धि जारी है। गंडक वैशाली के लालगंज में खतरे के निशान को पार कर गई है। बागमती, अधवारा, कमला बलान, भूतही, खिरोई नदियां भी खतरे के निशान के पार चली गईं हैं। वीरपुर बराज पर कोसी, वाल्मीकिनगर बराज पर गंडक और इन्द्रपुरी बराज पर सोन के जलस्तर में बढ़ोतरी चिंता बढ़ा रही है। यह पानी भी अंतत: गंगा में भी गिरेगा। इससे पटना पर मंडराता खतरा बढ़ेगा।
सीएम ने की हालात की समीक्षा, दिए निर्देश
राज्य में बाढ़ के खतरे को देखते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बक्सर, भोजपुर, सारण, वैशाली, पटना, समस्तीपुर, बेगूसराय, खगडिय़ा, लखीसराय, मुंगेर, भागलपुर एवं कटिहार जिले के जिलाधिकारियों के साथ बाढ़ से निपटने की तैयारियों की समीक्षा की। उन्होंने जिलाधिकारियों को अलर्ट करते हुए प्रभावित लोगों को तत्काल मदद पहुंचाने तथा तटबंधों एवं नदियों के जलस्तर की निगरानी बढ़ाने का निर्देश दिया। मुख्यमंत्री ने जल-निकासी के बाद बाढ़ से क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत कराने को कहा है। उन्होंने कृषि, पशु एवं मत्स्य संसाधन विभागों को भी बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में जिलाधिकारियों से निरंतर सम्पर्क में रहने को कहा है। उन्होंने कम्युनिटी किचेन की भी पूरी तैयारी रखने का निर्देश दिया है। मुख्यमंत्री ने पशु राहत शिविरों में चारे की व्यवस्था रखने का निर्देश दिया। कहा कि विस्थापितों को सारी सुविधाएं दें। शिविर में जन्म लेने वाली बच्ची को 15 हजार रुपये तथा बच्चे को 10 हजार रुपये की राशि लाभाॢथयों को तत्काल मुहैया कराएं।
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