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    Bihar News: गंगा नदी में बढ़ते जलस्तर को देखते हुए प्रशासन सतर्क, घाटों पर किए जा रहे ये इंतजाम

    By Pawan Mishra Edited By: Rajesh Kumar
    Updated: Tue, 22 Jul 2025 01:46 PM (IST)

    गंगा नदी में जलस्तर बढ़ने से संभावित बाढ़ को देखते हुए प्रशासन सतर्क हो गया है। जिलाधिकारी ने खतरनाक घाटों पर लाल कपड़ा लगाने का आदेश दिया है ताकि स्नान करने से रोका जा सके। तटबंधों और स्लुइस गेटों की 24 घंटे निगरानी की जाएगी। बाढ़ राहत कार्य में लगी नावों पर नाविक और गोताखोरों की जानकारी अंकित करने के निर्देश दिए गए हैं।

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    गंगा नदी में जलस्तर बढ़ने से संभावित बाढ़ को देखते हुए प्रशासन सतर्क हो गया है। फाइल फोटो

    जागरण संवाददाता, पटना। गंगा और अन्य सहायक नदियों के जलस्तर में लगातार वृद्धि के कारण दियारा और तटीय इलाकों में जलजमाव की आशंका को देखते हुए प्रशासन सक्रिय हो गया है। जिलाधिकारी डॉ. त्यागराजन एसएम ने संभावित बाढ़ और आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए नावों, गोताखोरों, राहत सामग्री और निगरानी दलों को तत्काल सक्रिय करने का आदेश दिया है।

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    साथ ही, सभी अंचलाधिकारियों को खतरनाक घाटों पर लाल कपड़ा लगाने का निर्देश दिया गया है ताकि लोगों को स्नान आदि से रोका जा सके। साथ ही, दुर्घटनाओं की संभावना को कम करने के लिए थाना प्रभारियों को निगरानी करने को कहा गया है। साथ ही, नावों पर अधिक यात्रियों के जाने पर सख्ती से रोक लगाने के आदेश दिए गए हैं।

    तटबंधों और स्लुइस गेटों की 24 घंटे निगरानी होगी

    जिलाधिकारी ने बाढ़ प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता को सभी तटबंधों और स्लुइस गेटों की 24 घंटे निगरानी सुनिश्चित करने और आवश्यकता पड़ने पर उनकी मरम्मत कराने का निर्देश दिया है। नगर निगम क्षेत्र के कार्यपालक पदाधिकारियों को संभावित जलजमाव के मद्देनजर संप हाउस का पुनः निरीक्षण करने और समय पर कार्रवाई सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है।

    आवश्यकतानुसार जिले के चिह्नित घाटों पर चौकीदार-दफादार एवं दंडाधिकारी की प्रतिनियुक्ति की जाए ताकि वे जल प्रवाह की तीव्रता को देखते हुए निजी नावों के परिचालन पर नियंत्रण रख सकें।

    अंचलाधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में भ्रमण आदि के लिए प्रयुक्त नावों पर नाविक का नाम, मोबाइल नंबर, नाव का निबंधन संख्या, नाव की क्षमता, प्रतिनियुक्त प्रशिक्षित गोताखोर का नाम एवं पता के साथ ही यह तथ्य भी अंकित किया जाए कि इसका उपयोग आपदा राहत कार्य में किया जा रहा है।