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    बिहार में मछुआरों के लिए खुशखबरी, नाव और जाल पर मिलेगा 90% अनुदान... 31 दिसंबर तक ऑनलाइन आवेदन

    Updated: Thu, 18 Dec 2025 10:19 AM (IST)

    बिहार सरकार ने मछुआरों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए 'नाव एवं जाल पैकेज वितरण योजना' शुरू की है। इस योजना के तहत नाव और जाल की खरीद पर 90% तक सर ...और पढ़ें

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    मछली पकड़ते मछुआरा

    डिजिटल डेस्क, पटना। बिहार सरकार ने राज्य के मछुआरों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने और उनकी आजीविका को मजबूत करने के उद्देश्य से एक अहम फैसला लिया है। डेयरी, मत्स्य एवं पशु संसाधन विभाग की ओर से वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 'नाव एवं जाल पैकेज वितरण योजना' शुरू की गई है। इस योजना के तहत मछुआरों को नाव और जाल की खरीद पर निर्धारित इकाई लागत का अधिकतम 90 प्रतिशत तक सरकारी अनुदान दिया जाएगा। योजना का लाभ लेने के लिए योग्य आवेदक 31 दिसंबर तक विभाग की आधिकारिक वेबसाइट https://fisheries.bihar.gov.in पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।

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    इस योजना का लाभ राज्य मत्स्यजीवी सहयोग समितियों के सदस्य तथा परंपरागत मछुआरे उठा सकेंगे। सरकार ने स्पष्ट किया है कि परंपरागत मछुआरों के साथ-साथ महिला मछुआरे तथा अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति वर्ग के लाभुकों को भी इस योजना में प्राथमिकता दी जाएगी। इससे समाज के कमजोर वर्गों को आर्थिक सहारा मिलेगा और वे आत्मनिर्भर बन सकेंगे।

    ऑनलाइन आवेदन के दौरान आवेदकों को अपना मोबाइल नंबर, बैंक शाखा का नाम, बैंक खाता संख्या, आईएफएससी कोड, आधार कार्ड विवरण और मत्स्य शिकारमाही से संबंधित साक्ष्य अपलोड करना होगा। सभी दस्तावेज सही और पूर्ण होने पर ही आवेदन मान्य होगा।

    सरकार का उद्देश्य पारदर्शी और सरल प्रक्रिया के माध्यम से वास्तविक लाभुकों तक योजना का लाभ पहुंचाना है।

    योजना के अंतर्गत एक व्यक्ति या एक परिवार को अधिकतम एक ही अवयव का लाभ दिया जाएगा। लाभुक फिशिंग उडेन (लकड़ी की) बोट पैकेज, फिशिंग एफआरपी बोट पैकेज या कॉस्ट (फेका) जाल पैकेज में से किसी एक का चयन कर सकते हैं।

    फिशिंग उडेन बोट पैकेज की इकाई लागत 1,24,400 रुपये, फिशिंग एफआरपी बोट पैकेज की इकाई लागत 1,54,400 रुपये और कॉस्ट जाल पैकेज की इकाई लागत 16,700 रुपये निर्धारित की गई है, जिस पर सरकार 90 प्रतिशत तक अनुदान देगी।

    लाभुकों का चयन संबंधित जिले के उप मत्स्य निदेशक की अध्यक्षता में गठित समिति द्वारा किया जाएगा। चयन प्रक्रिया पूरी तरह से नियमानुसार और पारदर्शी होगी। यह योजना राज्य के सभी जिलों के मछुआरों के लिए लागू है, जिससे बड़ी संख्या में लोग इसका लाभ उठा सकेंगे।

    राज्य सरकार का मानना है कि नाव एवं जाल पैकेज वितरण योजना से मछुआरों की कार्यक्षमता बढ़ेगी, उनकी आय में वृद्धि होगी और मत्स्य उत्पादन को भी बढ़ावा मिलेगा।

    योजना से जुड़े अधिक जानकारी के लिए इच्छुक मछुआरे अपने-अपने जिला मत्स्य कार्यालय से संपर्क कर सकते हैं। सरकार की यह पहल मछुआरा समुदाय के लिए एक मजबूत आधार साबित होने की उम्मीद है।