महिला खिलाड़ियों के स्वास्थ्य और कल्याण के लिए सरकार लाएगी अनूठी नीति, देश का पहला ऐसा राज्य बनेगा बिहार
बिहार सरकार महिला खिलाड़ियों के स्वास्थ्य और कल्याण के लिए एक अनूठी नीति लाने जा रही है। बिहार महिला खिलाड़ी स्वास्थ्य एवं कल्याण नीति-2025 का प्रारूप तैयार किया जा रहा है जिसके लिए विशेषज्ञों से राय ली जा रही है। ऐसा करने वाला बिहार देश का पहला राज्य होगा जहां महिला खिलाड़ियों के विकास पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।

जागरण संवाददाता, पटना। शुक्रवार को पाटलिपुत्र खेल परिसर में बिहार सरकार द्वारा महिला खिलाड़ियों के विकास के लिए "बिहार महिला खिलाड़ी स्वास्थ्य एवं कल्याण नीति-2025" के प्रारूप पर देशभर से आए विशेषज्ञों द्वारा परिचर्चा का आयोजन किया गया। ऐसी नीति बनाने वाला बिहार देश का पहला राज्य होगा।
बता दें कि राज्य में महिला खिलाड़ियों की लगातार बढ़ती भागीदारी और बेहतर प्रदर्शन के जरिए पदक जीतने वालों की संख्या में वृद्धि को ध्यान में रखते हुए खेल विभाग, बिहार राज्य खेल प्राधिकरण और सरकार ने महिला खिलाड़ियों के लिए विशेष रूप से स्वास्थ्य एवं कल्याण नीति बनाने की जरूरत महसूस की।
बिहार महिला एथलीट स्वास्थ्य एवं कल्याण नीति-2025 के प्रारूप पर बिहार राज्य खेल प्राधिकरण के महानिदेशक रवींद्र शंकर, निदेशक रवींद्र नाथ चौधरी, पूर्व निदेशक संजय कुमार सिन्हा, उप निदेशक हिमांशु सिंह की उपस्थिति में आयोजित परिचर्चा में खेल एवं विभिन्न क्षेत्रों की प्रमुख महिला विशेषज्ञ एवं खिलाड़ी शामिल हुईं।
इनमें बिहार पुलिस अकादमी की निदेशक आर मल्लार विज्जी, ओलंपियन तैराक माना पटेल, आईआईएम बोधगया की निदेशक डॉ. विनीता एस सहाय, महिला उद्यमी एवं आईटी विशेषज्ञ ब्रांड रेडिएटर की प्रबंध निदेशक हिमानी मिश्रा, दानी स्पोर्ट्स फाउंडेशन के निदेशक एवं टॉप्स के पूर्व सीईओ कमोडोर राजेश राजगोपालन, स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. ऋतुराज, ओलंपियन गैविन फरेरा, राजगीर स्पोर्ट्स अकादमी की मुख्य सलाहकार सिंपली स्पोर्ट्स फाउंडेशन की अदिति मुतालकर, खेल मनोवैज्ञानिक डॉ. प्रिया, आईपीआरडी संचार विशेषज्ञ नुपुर झा, प्रमुख खेल पोषण विशेषज्ञ मिहिरा, एनआईएस पटियाला की खेल विज्ञान विशेषज्ञ डॉ. जाह्नवी दांडे सहित 30 से अधिक विशेषज्ञों ने अपनी राय दी।
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