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    बिहार का पहला आधुनिक बांसघाट शवदाहगृह मई में होगा पूरा, 89.40 करोड़ रुपये किए जाएंगे खर्च

    Updated: Tue, 01 Apr 2025 05:26 PM (IST)

    निर्माण कंपनी बुडको के इंजीनियर के अनुसार पहले शवदाहगृह केवल 1.24 एकड़ में था। इसमें कई आवश्यक सुविधाओं का अभाव था। नया शवदाहगृह आधुनिक तकनीकों से लैस होगा और यहां चार विद्युत शवदाह यूनिट छह लकड़ी आधारित और आठ परंपरागत शवदाह स्थलों की व्यवस्था होगी। यहां एक ही जगह अंतिम संस्कार के लिए सभी तरह की सुविधाएं मौजूद होंगी। इसमें अस्थि विसर्जन और नहाने के लिए दो तालाब होंगे।

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    4.5 एकड़ जमीन पर 89.40 करोड़ रुपये की लागत से बन रहा शवदाहगृह (सांकेतिक इमेज)

    डिजिटल टीम, पटना। बिहार का पहला आधुनिक शवदाहगृह पटना के बांसघाट में बन रहा है। राजधानी पटना में लगभग 4.5 एकड़ जमीन पर 89.40 करोड़ रुपये की लागत से नया शवदाहगृह मई में बनकर तैयार हो जाएगा। इसके बाद इसका उद्घाटन किया जाएगा।

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    आधुनिक सुविधाओं से युक्त शवदाहगृह

    निर्माण कंपनी बुडको के इंजीनियर के अनुसार, पहले शवदाहगृह केवल 1.24 एकड़ में था। इसमें कई आवश्यक सुविधाओं का अभाव था। नया शवदाहगृह आधुनिक तकनीकों से लैस होगा और यहां चार विद्युत शवदाह यूनिट, छह लकड़ी आधारित और आठ परंपरागत शवदाह स्थलों की व्यवस्था होगी। यहां एक ही जगह अंतिम संस्कार के लिए सभी तरह की सुविधाएं मौजूद होंगी।

    यह मिलेंगी विशेष सुविधाएं

    - अस्थि विसर्जन और नहाने के लिए दो तालाब

    - पाइपलाइन की मदद से गंगा नदी से इन दोनों तालाबों तक आएगा पानी

    - दो प्रतीक्षा कक्ष, दो प्रार्थना घर और दो पूजा हॉल

    - 6 ब्लॉक शौचालय, एक कार्यालय और 2 चेंजिंग रूम

    - एक प्रशासनिक कार्यालय, कैंटीन, मंदिर और स्टाफ क्वॉर्टर

    - 40 स्क्वॉयर मीटर का सब-स्टेशन

    - शवगृह, पार्किंग, आंतरिक सड़कें और सार्वजनिक उद्घोषणा प्रणाली

    - कैंटीन, मंदिर, स्टॉफ क्वॉर्टर और 40 वर्ग मीटर का सब-क्वार्टर

    - परिसर में शवगृह, पार्किंग, सड़क, मंत्र/श्लोक और पब्लिक अनाउंसमेंट सिस्टम

    पुराने शवदाहगृह का जीर्णोद्धार

    पुराने शवदाहगृह जीर्णोद्धार के तहत 4 हजार 260 वर्ग मीटर में वेंडिंग जोन और वेटिंग रूम, 1 ब्लॉक शौचालय, चेंजिंग रूम, पार्किग तथा बैठने के लिए शेड बन रहे हैं। परंपरागत शवदाहगृह में अस्थि विसर्जन की व्यवस्था, गंगा जल शावर भी बनाए गये हैं। इस परियोजना के पूरा होने से पटना और आसपास के क्षेत्रों के नागरिकों को अंतिम संस्कार के लिए अत्याधुनिक सुविधाएं मिलेंगी, जिससे यह स्थान अधिक सुव्यवस्थित और पर्यावरण के अनुकूल बनेगा।