'बिहार में रासायनिक उर्वरकों की कोई कमी नहीं', किसानों से 'खेल' हुआ तो नपेगी गर्दन
उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि बिहार में रासायनिक उर्वरकों की कोई कमी नहीं है। सरकार किसानों को सही समय पर उर्वरक उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है। कालाबाजारी और अधिक मूल्य पर बिक्री के खिलाफ कार्रवाई जारी है। खरीफ मौसम में कई उर्वरक प्रतिष्ठानों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। जिला कृषि पदाधिकारियों को निगरानी समिति की बैठक करने का निर्देश दिया गया है।

राज्य ब्यूरो, पटना। उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने मंगलवार को कहा कि बिहार में अभी किसी भी प्रकार के रासायनिक उर्वरक की कोई कमी नहीं है। राज्य सरकार किसानों को समय पर और सही दर पर उर्वरक उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है। किसी भी प्रकार की अनियमितता या लापरवाही पर कार्रवाई तय है।
इसे देखते हुए राज्य में उर्वरकों की कालाबाजारी, अधिक मूल्य पर बिक्री और टैगिंग जैसी अनियमितताओं के खिलाफ लगातार छापेमारी की जा रही है। खरीफ मौसम में अब तक (22 जुलाई) राज्य भर में 10 उर्वरक प्रतिष्ठानों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है, जबकि 94 प्रतिष्ठानों का प्राधिकार पत्र रद्द किया गया है।
सिन्हा ने कहा कि जिला कृषि पदाधिकारियों को जिला एवं प्रखंड स्तरीय उर्वरक निगरानी समिति की नियमित बैठक करने का निर्देश दिया गया है, ताकि स्थानीय स्तर पर समस्याओं की पहचान कर त्वरित समाधान किया जा सके। साथ ही संबंधित क्षेत्र की आवश्यकता एवं आच्छादन के अनुसार प्रखंडवार उर्वरकों का उप-आबंटन किया जाए।
सभी उर्वरक दुकानों पर पीओएस मशीन में प्रदर्शित स्टॉक एवं भौतिक उपलब्धता का सत्यापन किया जाए। अनियमितताओं पर त्वरित कार्रवाई की जाए। यूरिया और डीएपी आदि उर्वरकों के साथ किसी अन्य उत्पाद को जबरन टैग नहीं किया जाना चाहिए, ताकि किसानों को अनावश्यक वित्तीय बोझ से बचाया जा सके।

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