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    बिहार में ईओयू की बड़ी कार्रवाई, 20 हजार से अधिक मोबाइल नंबर ब्लाॅक

    By Kumar RajatEdited By: Vyas Chandra
    Updated: Wed, 29 Oct 2025 08:02 PM (IST)

    बिहार में आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) ने साइबर अपराध और वित्तीय धोखाधड़ी के मामलों में शामिल 20 हजार से अधिक मोबाइल नंबरों को ब्लॉक कर दिया है। जांच में पता चला कि इन नंबरों का उपयोग फर्जी दस्तावेजों के आधार पर सिम कार्ड प्राप्त करने के लिए किया गया था। ईओयू अब इन फर्जी दस्तावेजों के आधार पर सिम कार्ड जारी करने वालों की तलाश कर रही है।

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    प्रेस कांफ्रेंस में जानकारी देते एडीजी नैयर हसनेन खा। जागरण

    राज्य ब्यूरो, पटना। राज्‍य में साइबर अपराधियों के विरुद्ध कार्रवाई के तहत आर्थिक अपराध इकाई (EOU) संदिग्ध मोबाइल नंबरों और म्यूल खातों पर भी कार्रवाई कर रही है। ईओयू के एडीजी नैयर हसनैन खान ने बुधवार को बताया कि अब तक साइबर अपराध में शामिल कुल 20 हजार 486 मोबाइल नंबरों को ब्लाॅक किया जा चुका है। सिर्फ अक्टूबर में 249 मोबाइल ब्लाक कराए गए हैं। इसके अलावा 13 हजार से अधिक मोबाइल के आइएमईआइ नंबर को भी ब्लाक किया गया है। अक्टूबर में सात समेत अब तक 171 साइबर अपराधी गिरफ्तार हो चुके हैं।

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    म्‍यूल खातों की भी हो रही जांच 

    एडीजी ने बताया कि साइबर ठगी की राशि भेजने के लिए इस्तेमाल होने वाले म्यूल खातों की भी जांच की जा रही है। अगस्त में 199 म्यूल बैंक खातों को संदिग्ध पाते हुए जांच शुरू की गई है। इसके लिए एनसीआरबी पोर्टल से आग्रह कर 138 म्यूल खातों से संबंधित डाटा प्राप्त हुआ है। सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर निगरानी रखते हुए अब तक 513 विवादित या भ्रामक या आपत्तिजनक पोस्ट या फर्जी प्रोफाइल को हटाने की कार्रवाई की गई है।

    75 करोड़ से अधिक राश‍ि की गई होल्‍ड

    वर्ष 2025 में जनवरी से सितंबर तक साइबर ठगी के 74 हजार आनलाइन शिकायतें सामने आईं हैं। इन शिकायतों के आधार पर 75 करोड़ 92 लाख रुपये की राशि होल्ड की गई, जो कुल प्रतिवेदित राशि का 21.36 प्रतिशत है। इसमें सितंबर तक साइबर ठगी के मामलों में 5.14 करोड़ रुपये की राशि पीड़ित पक्ष को वापस की गई है। जुलाई में साइबर ठगी से संबंधित शिकायतों में प्राथमिकी दर्ज करने में बिहार सभी राज्यों में चौथे तथा ठगी की राशि होल्ड कराने में नौवें स्थान पर रहा। अगस्त में साइबर से संबंधित मामलों में प्राथमिकी दर्ज कराने में बिहार का 5वां स्थान रहा है। एडीजी के साथ आइपीएस अधिकारी मानवजीत सिंह ढिल्‍लों भी थे।