Bihar Eligibility Test: असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति के लिए होगी बिहार पात्रता परीक्षा, शिक्षा मंत्री का एलान
राज्य के विश्वविद्यालयों में अब सहायक प्राध्यापकों (Bihar Assistant Professor) की नियुक्ति के लिए बिहार पात्रता परीक्षा होगी। सरकार ने इसके लिए प्लान तैयार कर लिया है। शिक्षा मंत्री सुनील कुमार (Minister Sunil Kumar) ने खुद इसकी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि बिहार पात्रता परीक्षा में में उत्तीर्ण होने वाले अभ्यर्थी राज्य के विश्वविद्यालयों में सहायक प्राध्यापक पद के पात्र माने जाएंगे।

राज्य ब्यूरो, पटना। राज्य के विश्वविद्यालयों में सहायक प्राध्यापकों की नियुक्ति के लिए राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (नेट) की तर्ज पर बिहार पात्रता परीक्षा (Bihar Eligibility Test) आयोजित की जाएगी। इसमें उत्तीर्ण होने वाले अभ्यर्थी राज्य के विश्वविद्यालयों में सहायक प्राध्यापक पद के पात्र माने जाएंगे। यह निर्णय शिक्षा मंत्री सुनील कुमार की अध्यक्षता में गुरुवार को हुई बिहार राज्य उच्चतर शिक्षा परिषद की बैठक में लिया गया।
इस अवसर पर शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने बैठक में शामिल उच्च शिक्षा निदेशक को निर्देश दिया कि बिहार पात्रता परीक्षा (बेट) का पाठ्यक्रम (सिलेबस) अविलंब तैयार कराएं। उन्होंने यह निर्देश भी दिया कि विश्वविद्यालयों में ऑनलाइन परीक्षा लेने की व्यवस्था लागू करने को लेकर प्रस्ताव तैयार करें, ताकि उसे चरणबद्ध तरीके से राज्य के विश्वविद्यालयों में लागू करने की कार्रवाई की जा सके।
चार वर्षीय बीएड पाठ्यक्रम शुरू करने पर मिली सहमति
बैठक में राज्य के विश्वविद्यालयों में चार वर्षीय बीएड पाठ्यक्रम शुरू करने पर भी सहमति दी गयी है। शिक्षा मंत्री ने राज्य उच्चतर शिक्षा परिषद से कहा कि विश्वविद्यालयों में बैंक खातों की संख्या बहुत अधिक है। विश्वविद्यालयों को निर्देश दें कि कम से कम बैंक खाता रखे। कोई भी राशि छह माह से अधिक दिनों तक खाते में पड़ी रहेगी, तो उसे वापस करना पड़ेगा।
बैठक में तय हुआ कि मुख्यमंत्री रिसर्च फेलोशिप योजना में पटना विश्वविद्यालय के माडल को प्रभावी किया जाएगा। पटना विश्वविद्यालय के मॉडल की जानकारी कुलपति ने दी। इससे अधिक से अधिक शोधार्थियों को वित्तीय सहायता मिल सकेगी। इसके लिए 100 करोड़ रुपये की मूल जमाराशि की व्यवस्था करनी होगी।
पीएम ऊषा योजना के तहत मिलेगी राशि
राज्य के लिए स्वीकृत पीएम ऊषा योजना के तहत बहुआयामी शिक्षा के विकास के लिए राज्य के दो विश्वविद्यालयों ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय और पटना विश्वविद्यालय को कई करोड़ की राशि मिल सकती है। दोनों विश्वविद्यालयों से प्रस्ताव मांगे गये हैं। प्रस्ताव केंद्र को भेजे जायेंगे। बैठक में मुंगेर विश्वविद्यालय के लिए जमीन की अनुपलब्धता का मुद्दा उठा। इस पर शिक्षा मंत्री ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया कि पंद्रह दिनों के अंदर विश्वविद्यालय को भूमि दिलायी जाए।
मुंगेर विश्वविद्यालय में स्कूल की जगह विभागीय संकाय खोले जायेंगे। इसके लिए उनके स्कूलों को संकाय में बदला जायेगा। इन विभागों के संचालन के लिए पदों का सृजन भी होगा। बैठक में उच्चतर शिक्षा परिषद के उपाध्यक्ष डॉ. कामेश्वर झा, राज्य परियोजना निदेशक बैद्यनाथ यादव तथा पटना और मुंगेर विश्वविद्यालय के कुलपति भी शामिल थे। परिषद की उप सचिव अर्चना कुमारी सहित वित्त एवं स्वास्थ्य विभाग के संबंधित अधिकारी भी बैठक में उपस्थित थे।
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