बिहार में बिजली दर 9.9 प्रतिशत तक बढ़ाना चाहती है कंपनी, एक अप्रैल से लागू होंगे नए रेट
Bihar electricity news ग्रामीण क्षेत्र में सूद को माफ करके बिल वसूली की जाए। वहीं बिजली कंपनी ने 9.9 प्रतिशत विद्युत दर में वृद्धि और घरेलू शहरी के तीन स्लैब में से एक स्लैब को हटाने की मांग की।

जागरण संवाददाता, पटना: विद्युत भवन-टू में एक अप्रैल से राज्यभर में लागू होने वाली नई विद्युत दर निर्धारण पर मंगलवार को जनसुनवाई हुई। उपभोक्ताओं ने कहा कि बिजली दर में कमी लाई जाए। बिजली कंपनी के नुकसान 15 प्रतिशत भरपाई की अनुमति दी जाए। ग्रामीण क्षेत्र में सूद को माफ करके बिल वसूली की जाए। वहीं बिजली कंपनी ने 9.9 प्रतिशत विद्युत दर में वृद्धि और घरेलू शहरी के तीन स्लैब में से एक स्लैब को हटाने की मांग की। कंपनी ने कहा कि राज्य सरकार से हुए नुकसान की भरपाई के लिए 930 करोड़ अनुदान मिलने के बाद भी 440 करोड़ का राजस्व गैप होगा। विद्युत दर वृद्धि के प्रस्ताव को मंजूर किया जाए। इस दौरान बिहार विद्युत विनियामक आयोग ने बिजली कंपनी के दावे और उपभोक्ताओं के पक्ष सुनने के बाद फैसले को सुरक्षित रख लिया। 15 मार्च के बाद फैसला आने की संभावना है। जनसुनवाई में भौतिक और वर्चुअल रूप से 24 हजार उपभोक्ताओं ने भाग लिया। राज्य में 87 प्रतिशत घरेलू उपभोक्ता, सात प्रतिशत उद्योग और चार प्रतिशत कृषि उपभोक्ता हैं। बिजली कंपनी की तरफ से महाप्रबंधक राजस्व अरविंद कुमार ने पक्ष रखा।
फिक्स चार्ज में वृद्धि का दिया प्रस्ताव
बिजली कंपनी ने फिक्स चार्ज में वृद्धि का प्रस्ताव दिया है। घरेलू शहरी में 40 रुपये प्रति किलोवाट से 44 रुपये, शहरी कमर्शियल में 180 रुपये प्रतिकिलोवाट से 198 रुपये तथा घेरलू ग्रामीण में 22 रुपये से बढ़ाकर 22 रुपये प्रतिकिलोवाट करने का प्रस्ताव दिया है। शहरी क्षेत्र की घरेलू बिजली दर में 100 यूनिट तक के लिए 6.10 रुपये से बढ़ाकर 6.70 रुपये करने तथा 101 से अधिक यूनिट बिजली उपभोग करने वालों के लिए 6.95 रुपये प्रति यूनिट से बढ़ाकर 8.05 रुपये बढ़ाने का प्रस्ताव दिया है। घरेलू दर में 201 से अधिक यूनिट के स्लैब को समाप्त करने का प्रस्ताव दिया है। उपभोक्ताओं ने इस स्लैब को हटाने का विरोध किया है। शहरी घरेलू बिजली उपभोग पर राज्य सरकार प्रति यूनिट 1.83 रुपये अनुदान देती है।
राज्य सरकार उपभोक्ताओं का रखेगी ख्याल
बिहार विद्युत विनियामक आयोग के अध्यक्ष शिशिर कुमार सिन्हा ने कहा कि देशभर में सबसे पहले विद्युत दर निर्धारण करने वाला प्रदेश बिहार बनेगा। बिजली कंपनी के दावे और उपभोक्ताओं के सुझाव पर गहनरूप से अध्ययन करने के बाद विद्युत दर तय किया जाएगा। राज्य सरकार अनुदान की राशि देकर विद्युत दर में कमी ला सकती है।
घरेलू शहरी दर
यूनिट वर्तमान दर वृद्धि के प्रस्ताव
0-100 6.10 रुपये 6.70 रुपये
101-200 6.95 रुपये 8.05 रुपये
201 से अधिक 8.05 रुपये समाप्त करने
शहरी कामर्शियल
यूनिट वर्तमान दर वृद्धि के प्रस्ताव
0-100 6.35 रुपये 6.98 रुपये
101-200 6.85 रुपये 7.53 रुपये
201 से अधिक 7.40 रुपये 8.13 रुपये
घरेलू ग्रामीण
यूनिट वर्तमान दर वृद्धि के प्रस्ताव
0-50 6.10 रुपये 6.70 रुपये
51.100 6.40 रुपये 7.03 रुपये
100 से अधिक 6.70 रुपये 7.36 रुपये
ग्रामीण कामर्शियल
यूनिट वर्तमान दर वृद्धि के प्रस्ताव
0-100 6.40 रुपये 7.03 रुपये
101-200 7.00 रुपये 7.69 रुपये
200 से अधिक 7.55 रुपये 8.30 रुपये
उद्योग को बढ़ावा देने के लिए घटाई जाए बिजली दर
बिहार चैंबर कामर्स एंड इंडस्ट्रीज के सुभाष पटवारी ने कहा कि झारखंड और पश्चिम बंगला में उद्योग को सस्ते दर पर बिजली उपलब्ध करा रही है। झारखंड में डीवीसी चार रुपये प्रति यूनिट दे रहा है। बिहार में एचटी उपभोक्ताओं को नौ रुपये तथा एचटीएसएस उपभोक्ताओं को 6.50 रुपये प्रति यूनिट भुगतान करना पड़ रहा है।
एचटीएसएस की श्रेणी में लाया जाए गैस प्लांट उद्योग
बिहार आक्सीजन गैर मैनूफैक्चर के ओपी सिंह ने सुझाव दिया कि आक्सीजन गैस प्लांट को एचटीएसएस श्रेणी का उपभोक्ता घोषित किया जाए। 75 प्रतिशत बिजली पर निर्भर है। उद्योग विभाग के प्रधान सचिव भी पत्र लिख चुके हैं। पाटलिपुत्र इंडस्ट्रीज गैसेज के संदीप कुमार गुप्ता ने भी इस मांग को उठाया।
स्लैब हटाने के प्रस्ताव का विरोध
विद्युत उपभोक्ता संघ ने कहा कि 10 प्रतिशत वृद्धि के प्रस्ताव को वापस लेने तथा स्लैब हटाने का विरोध किया।
वन विंडो सिस्टम से 12 लाख कनेक्शन
कंपनी ने कहा कि वन विंडो सिस्टम सुविधा एप से 2020-21 में 12 लाख बिजली कनेक्शन दिया गया है। सभी आपूर्ति प्रमंडल कार्यालयों में सुविधा केंद्र की स्थापना की गई है।
अब एचटी उपभोक्ताओं को भी आनलाइन कनेक्शन
अब एचटी उपभोक्ताओं को भी आनलाइन सुविधा एप से बिजली कनेक्शन मिलने लगा। पहले 19 किलोवाट लोड तक ही कनेक्शन मिलता था। इससे भ्रष्टाचार रूकेगा तथा उपभोक्ताओं को कार्यालयों का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा।
5.13 लाख उपभोक्ताओं के यहां लगा स्मार्ट प्री-पेड मीटर
राज्यभर में 5.13 लाख बिजली उपभोक्ताओं के यहां स्मार्ट प्री-पेड मीटर लग गया। पटना में 2.25 लाख उपभोक्ताओं के यहां लग गया। भागलपुर और गया में भी स्मार्ट प्री-पेड मीटर लगने जा रहा है। 1.48 करोड़ ग्रामीण उपभोक्ताओं के यहां भी स्मार्ट प्री-पेड मीटर लगेगा। मार्च 2025 तक हर घर में स्मार्ट प्री-पेड मीटर लगाना है।
1912 पर दर्ज शिकायत का 85 प्रतिशत तत्काल हो रहा निष्पादन
टाल फ्री नंबर 1912 पर दर्ज शिकायतों में से 85 प्रतिशत का तत्काल निष्पादन किया जा रहा है। इसकी क्षमता में विस्तार कर दिया गया है। अब एक साथ 70 काल उठते हैं। स्मार्ट प्री-पेड मीटर के लिए भी व्यवस्था कर दी गई है।
बिजली चोरी करने के आरोप में 16 हजार पर प्राथमिकी
बिजली चोरी रोकने के लिए 16 हजार लोगों पर प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। इसमें पटना में सिर्फ दो माह में तीन हजार पर प्राथमिकी दर्ज कराई गयी थी। 72 करोड़ की बिजली चोरी में से 55 करोड़ की वसूली कर ली गई है।
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