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    बिहार चुनाव: नई पीढ़ी को आगे बढ़ाने की ललक तीव्र, पुत्र के साथ पौत्र के लिए भी हो रही टिकट की पैरवी

    Updated: Wed, 08 Oct 2025 12:31 PM (IST)

    बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव में कई नेताओं के पुत्र पहली बार चुनावी मैदान में उतर सकते हैं। पूर्व सांसद आनंद मोहन अपने पुत्र अंशुमान को औरंगाबाद से चुनाव लड़ाना चाहते हैं। जदयू नेता वशिष्ठ नारायण सिंह के पुत्र प्रशांत डुमरांव से टिकट के दावेदार हैं। पशुपति कुमार पारस के पुत्र यशराज पासवान अलौली से दावेदार हैं।

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    पुत्र के साथ पौत्र के लिए टिकट की पैरवी

    राज्य ब्यूरो, पटना। अगर पार्टियां मेहरबान हुई तो इस बार के विधानसभा चुनाव में कई नेताओं के पुत्र पहली बार मैदान में उतरेंगे। ये उनसे अलग होंगे, जो परिवार की परम्परा को आगे बढ़ाते हुए पहले भी चुनाव लड़ और हार चुके हैं। नई पीढ़ी को आगे बढ़ाने की ललक इतनी तीव्र है कि पौत्र के लिए भी टिकट की मांग हो रही है। ऐसे नेताओं की संख्या एक दर्जन से अधिक है।

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    पूर्व सांसद आनंद मोहन की चिंता अपने दूसरे पुत्र अंशुमान को विधानसभा भेजने की है। एक पुत्र चेतन आनंद पहले से विधायक हैं। पत्नी लवली आनंद शिवहर से जदयू की सांसद हैं। चेतन पिछली बार शिवहर से राजद टिकट पर विधायक बने थे। अब जदयू में हैं। अंशुमान के लिए औरंगाबाद के नवीनगर विधानसभा क्षेत्र की पहचान की गई है। जदयू से उम्मीद है।

    सांसद लवली आनंद नवीनगर से 1996 में उप चुनाव जीत चुकी हैं। जदयू के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एवं वरिष्ठ समाजवादी नेता बशिष्ठ नारायण सिंह के पुत्र प्रशांत डुमरांव से जदयू टिकट के दावेदार हैं। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डा. मदनमोहन झा अपने पुत्र माधव झा के लिए दरभंगा जिले की कोई विधानसभा सीट चाह रहे हैं। पसंद बेनीपुर है।

    2020 के विस चुनाव में भी उन्होंने माधव के लिए प्रयास किया था। उस समय सफलता नहीं मिली थी। कल्याण मंत्री मदन सहनी के पुत्र अभिषेक सहनी चुनाव लड़ने के याेग्य हो गए हैं। दरभंगा जिले के किसी क्षेत्र से उन्हें उम्मीदवारी चाहिए।

    मदन सहनी इस समय बहादुरपुर विधानसभा क्षेत्र से जदयू के विधायक हैं। राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पशुपति कुमार पारस के पुत्र यशराज पासवान खगड़िया जिले की अलौली विधानसभा क्षेत्र से दावेदार हैं। अबतक हुए बिहार विधानसभा के 17 चुनावों में आठ बार पासवान परिवार का ही कब्जा रहा है। एक बार रामविलास पासवान और सात बार पशुपति कुमार पारस यहां से जीते हैं।

    बीते दो चुनावों में इस सीट पर राजद की जीत हुई है। पारस अभी राजद की अगुआई वाले महागठबंधन के साथ हैं। लेकिन, अलौली छोड़ने में राजद आनाकानी कर रहा है। भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री विनोद नारायण झा मधुबनी जिला के बेनीपट्टी से विधायक हैं। पिछली बार वे 32 हजार से अधिक वोटों के अंतर से जीते थे। उनके पुत्र विभय झा लोजपा (रा) में सक्रिय हैं। विभय भी टिकट के दावेदार हैं।

    तीन पीढ़ियों का दावा

    कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मंत्री कृपानाथ पाठक पिछली बार मधुबनी जिला के फुलपरास विधानसभा से कांग्रेस के उम्मीदवार थे। वे 11 हजार वोटों के अंतर से हारे। इसबार पाठक के अलावा उनके पुत्र अमरनाथ पाठक और पौत्र अभिनव पाठक भी फुलपरास से कांग्रेस टिकट के दावेदार हैं। पाठक ने कहा-इसमें कोई बुराई नहीं है कि हमारे परिवार के तीन दावेदार हैं। हमारा पूरा परिवार लंबे समय से कांग्रेस में रहा है। ऐसे में कांग्रेस से मांगें तो किस दल से टिकट मांगें।