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    Bihar Politics: क्या बिहार चुनाव में होगा बड़ा उलटफेर? कांटे के मुकाबले में छोटे दल ही 'तारणहार'

    Updated: Thu, 09 Oct 2025 02:00 PM (IST)

    बिहार चुनाव में छोटे दलों की भूमिका अहम होती है। कम वोटों के अंतर से हार-जीत तय होती है। पिछले चुनाव में लोजपा ने जदयू को नुकसान पहुंचाया था। कई सीटों पर 5000 से भी कम वोटों का अंतर था। राजद और जदयू ने ज्यादातर नजदीकी मुकाबले जीते थे। छोटे दलों का वोट शेयर भी निर्णायक साबित होता है।

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    बिहार चुनाव में उलटफेर होने की आशंका

    कुमार रजत, पटना। बिहार के चुनावी महासमर में जीत का स्वाद इतना आसान नहीं। दो बड़े गठबंधनों के मुख्य मुकाबले और तीसरे मोर्चे की सेंधमारी के बीच महज कुछ वोटों से जीत-हार तय होती है। यही कारण है कि जाति आधारित छोटे दलों की भूमिका गठबंधन में बड़ी हो जाती है। यह भले ही अकेले चुनाव लड़कर ज्यादा सीटें न जीत सकें मगर अपने आधार वोट के जरिए किसी भी बड़े गठबंधन को नुकसान पहुंचाने की क्षमता रखते हैं।

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    पिछली बार का विधानसभा चुनाव इसका गवाह रहा है, जब चिराग पासवान की पार्टी लोजपा ने एनडीए से अलग हटकर जदयू उम्मीदवारों के विरुद्ध प्रत्याशी उतारे थे। लोजपा को तो महज एक सीट मिली मगर जदयू की जीती सीटें 71 से घटकर महज 43 रह गई थीं।

    पिछले विधानसभा चुनाव में एनडीए और महागठबंधन के बीच महज 12 हजार वोटों ने जीत-हार की लंबी लकीर खींच दी थी। यही कारण है कि इस बार दोनाें ही गठबंधन अपने किसी सहयोगी घटक दल को छोड़ने का रिक्स नहीं लेना चाहते। क्या पता, किस दल के चंद हजार वोट सत्ता से बेदखल कर दें?

    नजदीकी मुकाबले वाली आधी से अधिक सीटें राजद-जदयू की:

    पिछले विधानसभा चुनाव में 52 सीटें ऐसी थीं जहां जीत-हार का अंतर पांच हजार वोटों से भी कम था। इनमें आधी से अधिक 28 सीटें ऐसी थीं जहां राजद या जदयू के उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की। इन नजदीकी मुकाबले में सर्वाधिक 15 सीटें राजद और 13 सीटें जदयू ने जीतीं।

    इसके बाद कांग्रेस और भाजपा के खाते में नौ-नौ सीटें आईं। इसके अलावा वीआइपी, हम, लोजपा, भाकपा, भाकपा-माले और निर्दलीय ने एक-एक सीट पर जीत दर्ज की। अगर हम और महीन विश्लेषण करें तो कांटे का मुकाबला इस कदर था कि महज 500 वोटों से सात सीटों पर जीत-हार तय हुई।

    इनमें हिलसा सीट में महज 12 वोट से जदयू ने सीट जीती। इसके अलावा बरबीघा में 113, रामगढ़ में 189, मटिहानी में 333, भोरे में 462, डेहरी में 464 और बछवाड़ा में 484 वोट से जीत-हार तय हुई थी।

    यहां एक प्रतिशत से कम वोट से जीत-हार:

    कल्याणपुर, परिहार, किशनगंज, सिमरी बख्तियारपुर, महिषी, सकरा, कुढ़नी, भोरे, बछवाड़ा, मटिहानी, बखरी, परबत्ता, भागलपुर, मुंगेर, बरबीघा, हिलसा, रामगढ़, डेहरी, झाझा, चकाई।

    यहां पांच हजार से कम वोट से जीत-हार:

    सिकटा, सुगौली, कल्याणपुर, परिहार, बाजपट्टी, त्रिवेणीगंज, रानीगंज, किशगनंज, प्राणपुर, सिमरी बख्तियारपुर, महिषी, अलीनगर, दरभंगा ग्रामीण, बहादुरपुर, सकरा, कुढ़नी, भोरे, सिवान, बड़हिया, महाराजगंज, अमनौर, हाजीपुर, राजापाकर, समस्तीपुर, सरायरंजन, बछवाड़ा, मटिहानी, बेगूसराय, बखरी, अलौली, खगडि़या, परबत्ता, भागलपुर, अमरपुर, धौरैया, बेलहर, मुंगेर, जमालपुर, बरबीघा, इस्लामपुर, हिलसा, बड़हरा, आरा, बक्सर, रामगढ़, करगहर, डेहरी, औरंगाबाद, बोधगया, टिकारी, झाझा, चकाई।


    पिछले विधानसभा चुनाव में छोटे दलों का वोट शेयर:

    दल वोट शेयर
    लोजपा 5.8 प्रतिशत
    भाकपा माले 3.2 प्रतिशत
    रालोसपा 1.8 प्रतिशत
    वीआइपी 1.5 प्रतिशत
    हम 1 प्रतिशत
    भाकपा व माकपा 1.5 प्रतिशत