Bihar Election Phase 1: 'छठ-हैलोवीन, मोकामा मर्डर और जंगलराज...', पहले चरण में छाए रहे ये राजनीतिक मुद्दे
बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण (bihar elections 2025 first phase) का प्रचार समाप्त हो गया। अमित शाह, राजनाथ सिंह जैसे नेताओं ने रैलियां कीं। नीतीश कुमार ने मतदाताओं से NDA को समर्थन देने की अपील की। मोकामा में एक कार्यकर्ता की हत्या और ललन सिंह के खिलाफ FIR जैसे मुद्दे भी चर्चा में रहे। राहुल गांधी के छठ पूजा पर बयान और 'जंगल राज' का नारा भी छाया रहा। तेजस्वी यादव ने नौकरी देने का वादा किया।

बिहार विधानसभा चुनाव 1 के मुद्दे
डिजिटल डेस्क, पटना। Bihar Election 2025 Phase 1: बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण के लिए चुनाव प्रचार मंगलवार को समाप्त हो गया। इस तरह सत्तारूढ़ NDA और विपक्षी INDIA गठबंधन दोनों के जोरदार राजनीतिक अभियान पर फिलहाल विराम लग गया।
चुनाव प्रचार आधिकारिक तौर पर शाम 6 बजे समाप्त हुआ, जिसमें राजनीतिक जगत के दिग्गज नेताओं ने मतदाताओं को लुभाने के लिए अंतिम प्रयास किया।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने तीन रैलियों को संबोधित किया, जबकि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पांच जनसभाओं को संबोधित किया। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने एक रोड शो किया और एक रैली को संबोधित किया।
वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्य में भाजपा के महिला कार्यकर्ताओं के साथ वर्चुअली बातचीत की, जबकि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने NDA के लिए समर्थन मजबूत करने के लिए कई बैठकें कीं। इस बीच, RJD नेता तेजस्वी यादव ने विपक्षी खेमे को सक्रिय करने के लिए रैलियों की एक श्रृंखला के साथ पूरे राज्य का दौरा किया। राहुल गांधी ने भी रैलियों को संबोधित किया।
अंतिम दिन के अन्य स्टार प्रचारकों में असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी शामिल थे।
पहले चरण में क्या हुआ:
नीतीश की बिहार के मतदाताओं से व्यक्तिगत अपील (Nitish Kumar Video)
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विधानसभा चुनाव से पहले मतदाताओं के लिए एक वीडियो संदेश जारी किया, जिसमें उन्होंने 2005 से JD(U) को समर्थन देने के लिए धन्यवाद दिया और NDA उम्मीदवारों की जीत सुनिश्चित करने के लिए बड़ी संख्या में वोट देने का आग्रह किया।
JD(U) सुप्रीमो ने वंशवादी राजनीति को लेकर लालू प्रसाद यादव पर भी निशाना साधा और कहा कि "हमने अपने परिवार के लिए कुछ नहीं किया।"
नीतीश कुमार ने 2005 से उन्हें और उनकी पार्टी का समर्थन करने के लिए बिहार के लोगों को धन्यवाद दिया और पिछली सरकार पर हमला करते हुए कहा कि पहली व्यवस्था की स्थिति बहुत खराब थी।
जन सुराज कार्यकर्ता की हत्या से राजनीतिक तूफान (Dularchand Murder Case)
मोकामा में 76 वर्षीय दुलारचंद यादव की हत्या बिहार चुनाव के सबसे विस्फोटक मुद्दों में से एक बन गई। राजद नेता दुलारचंद यादव जन सुराज उम्मीदवार के लिए प्रचार कर रहे थे। इसी दौरान एक स्थानीय कार्यक्रम के दौरान उन्हें गोली मार दी गई, जिससे आक्रोश फैल गया और राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप शुरू हो गए।
इलाके में बढ़ते तनाव के बीच चुनाव आयोग ने राज्य के DGP से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है, जिसमें पार्टियां एक-दूसरे पर चुनाव नतीजों को प्रभावित करने के लिए हिंसा का इस्तेमाल करने का आरोप लगा रही हैं।
जेल में छोटे सरकार (Anant Singh)
मोकामा में वोटिंग से कुछ दिन पहले, JD(U) उम्मीदवार और बड़े नेता अनंत सिंह को दुलारचंद यादव की हत्या के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया था। बिहार की बाहुबली राजनीति से लंबे समय से जुड़े इस प्रभावशाली नेता की गिरफ्तारी से सत्ताधारी गठबंधन में हड़कंप मच गया और अपराध और राजनीति पर बहस फिर से शुरू हो गई। सिंह की गिरफ्तारी ने मोकामा सीट को एक प्रतिष्ठा की लड़ाई बना दिया।
ललन सिंह के खिलाफ FIR (Lalan Singh Speech)
केंद्रीय मंत्री ललन सिंह एक "विवादास्पद" चुनावी बयान का वीडियो वायरल होने के बाद कानूनी पचड़े में फंस गए। विपक्ष की शिकायतों के बाद पुलिस ने JD(U) नेता के खिलाफ FIR दर्ज की, जिसमें कहा गया था कि उनके बयान ने चुनाव आयोग के अधिकार को कमज़ोर किया है। यह मुद्दा तेजी से एक नए विवाद में बदल गया, जिसमें विरोधी पार्टियों ने सिंह पर अहंकार और पद के दुरुपयोग का आरोप लगाया।
छठ पूजा के अपमान की राजनीति (Chhath Puja)
बिहार चुनाव प्रचार के बीच छठ का पवित्र त्योहार मनाया गया। त्योहार का उत्साह राजनीति में घुलमिल गया, जिसमें सभी पार्टियों के नेता मतदाताओं से जुड़ने के लिए त्योहार की लोकप्रियता का इस्तेमाल कर रहे थे, घाटों पर जा रहे थे, प्रार्थना कर रहे थे और सांस्कृतिक गौरव का आह्वान कर रहे थे।
इसी बीच मुजफ्फरपुर में एक रैली के दौरान, राहुल गांधी ने यमुना के किनारे छठ पूजा के लिए दिल्ली भाजपा की तैयारियों पर तंज कसते हुए कहा था: “उन्होंने एक नाटक किया और भारत की सच्चाई दिखाई। यमुना का पानी गंदा है। अगर कोई इसे पीता है, तो वह या तो बीमार पड़ जाएगा या मर जाएगा। कोई अंदर नहीं जा सकता।”
इस बयान पर पीएम मोदी ने कथित तौर पर छठी मैया का अपमान करने के लिए राहुल गांधी पर ज़ोरदार हमला करते हुए सवाल किया: “क्या बिहार और हिंदुस्तान उन लोगों को माफ करेंगे, जिन्होंने वोटों के लिए छठी मैया का भी अपमान किया?”
चुनाव प्रचार में 'जंगल राज' की गूंज (Jangalraj)
बीजेपी और उसके सहयोगियों ने RJD को घेरने के लिए 'जंगल राज' का नारा फिर से उठाया और वोटरों को 1990 के दशक की अराजकता में वापस न जाने की चेतावनी दी। तेजस्वी यादव के नेतृत्व वाली RJD ने पलटवार करते हुए इस आरोप को पुराना और बेकार बताया है।
हालांकि, 'जंगल राज' का लेबल एक बार फिर चर्चा का मुख्य मुद्दा बन गया है, जो बिहार के राजनीतिक अतीत की एक भावनात्मक याद दिलाता है।
महिला वोटरों को लुभाने की कोशिशें (Woman Voters)
बिहार में महिलाएं एक निर्णायक वोटिंग ब्लॉक के रूप में उभरी हैं। जिसके चलते सभी प्रमुख पार्टियों ने महिला वोटरों तक अपनी पहुंच बढ़ा दी। NDA ने अपने सपोर्ट बेस को मजबूत करने के लिए 'मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना' के तहत महिलाओं को 10,000 रुपये का कैश ट्रांसफर शामिल है, का सहारा लिया, जबकि विपक्षी INDIA ब्लॉक ने 'मकर संक्रांति' (14 जनवरी को) के दिन तेजस्वी यादव के 'माई बहिन मान योजना' के तहत 30,000 रुपये देने के वादे के साथ जवाब दिया।
तेजस्वी का बड़ा चुनावी वादा (Tejashwi Promises)
चुनाव से पहले तेजस्वी यादव ने एक बड़ा दांव खेला। उन्होंने बिहार के हर घर में सरकारी नौकरी देने का वादा किया और सत्ता में आने के सिर्फ 20 दिनों के अंदर कानून लाने का संकल्प लिया। तेजस्वी ने कहा, "NDA सरकार 20 साल में युवाओं को नौकरी नहीं दे पाई, लेकिन हम सत्ता में आने के 20 दिनों के अंदर यह कानून लाएंगे और 20 महीनों के अंदर इसे लागू भी करेंगे।"
तेजस्वी बनाम तेज प्रताप की दरार और बढ़ी (Tejshwi Vs Tejpratap)
लालू प्रसाद यादव के बेटों, तेजस्वी और तेज प्रताप के बीच भाई-बहन की दुश्मनी तब और बढ़ गई, जब तेजस्वी ने महुआ में RJD उम्मीदवार के लिए प्रचार किया। महुआ वही विधानसभा क्षेत्र है, जहां से तेज प्रताप RJD से निकाले जाने के बाद चुनाव लड़ रहे हैं। तेज प्रताप जनशक्ति जनता दल से चुनाव लड़ रहे हैं, यह पार्टी उन्होंने चुनाव से पहले बनाई थी।
तेज प्रताप के सोशल मीडिया पर कटाक्ष ने RJD नेतृत्व को डैमेज कंट्रोल करने पर मजबूर कर दिया है, जबकि तेजस्वी विपक्ष की कमान संभाले हुए हैं। इस झगड़े ने सत्ताधारी खेमे को मसाला दे दिया है, जो इसे यादव परिवार में फूट के संकेत के तौर पर पेश कर रहा है।
लालू का हैलोवीन विवाद (Helloween)
लालू प्रसाद यादव का अपने पोते-पोतियों के साथ हैलोवीन मनाते हुए एक वीडियो राजनीतिक विवाद बन गया है। BJP नेताओं ने उन पर महाकुंभ का मज़ाक उड़ाने, लेकिन पश्चिमी त्योहार मनाने का आरोप लगाया, जबकि RJD समर्थकों ने इस आलोचना को छोटी-मोटी चुनावी चाल बताया। यह घटना, हालांकि मामूली थी, लेकिन इसने बिहार चुनाव के गरमागरम माहौल को दिखाया।
प्रशांत किशोर पीछे हटे (Prashant Kishore)
राजनीतिक रणनीतिकार से नेता बने प्रशांत किशोर ने कहा कि वह आने वाले बिहार विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे, भले ही उनका जन सुराज आंदोलन कुछ चुनिंदा सीटों पर उम्मीदवार उतार रहा है।
उन्होंने कहा कि यह फैसला उनकी पार्टी की आम सहमति से लिया गया है कि वह खुद को एक सीट तक सीमित रखने के बजाय जन सुराज के सभी उम्मीदवारों के लिए प्रचार करेंगे। हालांकि, विपक्ष ने 'लड़ाई से पहले ही हथियार डाल देने' का आरोप लगाते हुए उनका मजाक उड़ाया।
पहले चरण की ये सीटें अहम
पहले चरण की हॉट सीटों में राघोपुर शामिल है, जहां से RJD के तेजस्वी यादव चुनाव लड़ रहे हैं। इसके अलावा महुआ, जहां उनके भाई तेज प्रताप यादव अपनी नई राजनीतिक पार्टी से चुनाव लड़ रहे हैं। सत्ता पक्ष से तारापुर, जहां उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी अपनी चुनावी ताकत आजमा रहे हैं। पहले चरण की वोटिंग 6 नवंबर को होगी, जिससे बिहार के दो मुख्य राजनीतिक गुटों के बीच ताकत की अहम लड़ाई का मंच तैयार हो जाएगा।

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