बिहार में 'थर्ड फ्रंट' को क्यों नहीं मिलता मौका, क्या है आमने-सामने की जंग का राज?
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में भी 'थर्ड फ्रंट' विफल रहा। एनडीए और महागठबंधन के बीच ही मुख्य मुकाबला रहा। प्रशांत किशोर की जनसुराज पार्टी को एक भी सीट न ...और पढ़ें

छोटे और नए दलों ने तीसरा विकल्प बनने की कोशिश की उन्हें मुंह की खानी पड़ी
कुमार रजत, पटना। विधानसभा चुनाव-2025 के परिणाम ने एक बार फिर बता दिया कि बिहार के वोटर आमने-सामने की लड़ाई में भरोसा रखते हैं। इस बार के चुनाव में भी मुख्य मुकाबला एनडीए और महागठबंधन के प्रत्याशियों के बीच ही रहा।
प्रशांत किशोर की नई-नवेली पार्टी जनसुराज ने तीसरा विकल्प होने का माहौल जरूर बनाया मगर यह सब हवाबाजी ही साबित हुई। पार्टी को एक सीट तक नहीं मिली। पार्टी के प्रत्याशियों को दूसरे स्थान के लिए भी तरसना पड़ा।
इसके अलावा भी अलग-अलग क्षेत्रों में जिन छोटे और नए दलों ने तीसरा विकल्प बनने की कोशिश की उन्हें मुंह की खानी पड़ी।
तेजप्रताप यादव की नई पार्टी जनशक्ति जनता दल का भी रहा। तेजप्रताप यादव खुद महुआ से चुनाव हार गए। ओवैसी की पार्टी एआइएमआइएम सीमांचल में कुछ प्रभावी रही।
वहीं बसपा एक सीट पर ही प्रभाव छोड़ता दिख रहा है।
दरअसल, यह पहली बार नहीं है जब बिहार के विधानसभा चुनाव में तीसरा विकल्प फेल हुआ है। 2005 के बाद हुए सभी चार चुनावों का यही हाल रहा है।
हर चुनाव में तीसरे विकल्प के दल बदलते रहे हैं, मगर परिणाम एक जैसा ही रहा है। बिहार के लोग स्पष्ट बहुमत दे रहे हैं।
वर्ष 2020 : तीसरे विकल्प को छह सीटें, निर्दलीय-लोजपा को एक-एक सीट
वर्ष 2020 के पिछले विधानसभा चुनाव में एनडीए को 125 और महागठबंधन के खाते में 110 सीटें आईं। तीसरे विकल्प के रूप में ओवैसी के दल एआइएमआइएम को पांच जबकि बसपा को एक सीट मिली थीं। इसके अलावा लोजपा को एक जबकि चकाई से सुमित कुमार सिंह निर्दलीय जीते थे।
वर्ष 2015 : तीसरे विकल्प को तीन सीटें, चार निर्दलीय को मिली जीत
वर्ष 2015 के विधानसभा चुनाव में राजद, जदयू और कांग्रेस के गठबंधन को 178 जबकि भाजपा नीत एनडीए को 58 सीटें आई थीं। वामदलों ने सभी 243 सीटों पर चुनाव लड़कर तीसरा विकल्प वोटरों को दिया मगर भाकपा माले तीन सीटें ही जीत पाईं। इसके अलावा चार निर्दलीयों ने जीत दर्ज की थी।
वर्ष 2010 : तीसरे विकल्प को चार सीट, निर्दलीय को छह सीट
2010 के विधानसभा चुनाव एनडीए में जदयू-भाजपा के मुकाबले राजद और लोजपा के नए गठबंधन में मुख्य मुकाबला रहा। एनडीए को 206 सीटों का प्रचंड बहुमत मिल। राजद-लोजपा को 25 सीटें आईं। कांग्रेस गठबंधन से अलग सभी 243 सीटों पर लड़ीं मगर चार सीट ही जीत सकी। निर्दलीयों को छह जबकि वाम दल-झामुमो को एक-एक सीट मिली।

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