शहरों की अपेक्षा गांवों में दिखा रहे ज्यादा रुचि मतदाता, जानिए कहां तक पहुंचा विवादों से घिरा वोटर लिस्ट वेरिफिकेशन
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए मतदाता सूची पुनरीक्षण में 80% से अधिक प्रपत्र जमा हुए। निर्वाचन आयोग के अनुसार ग्रामीण क्षेत्रों में उत्साह है पर शहरी क्षेत्रों में उदासीनता है। ईसीआईएनईटी पोर्टल पर प्रपत्रों का डिजिटलीकरण तेजी से हो रहा है। बीएलओ और स्वयंसेवक मतदाताओं की मदद कर रहे हैं। मतदाताओं से समय पर आवश्यक दस्तावेज जमा करने की अपील की गई है।

राज्य ब्यूरो, पटना। विधानसभा चुनाव के लिए मतदाता सूची के विशेष सघन पुनरीक्षण अभियान-2025 (एसआईआर) के तहत 80 फीसदी से अधिक मतगणना प्रपत्र जमा हो चुके हैं। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय ने शनिवार को दावा किया कि अब तक 80.11 फीसदी यानी कुल 6,32,59,497 मतदाताओं ने अपने मतगणना प्रपत्र जमा कर दिए हैं।
यह आंकड़ा बिहार में हर पांच में से चार मतदाता के बराबर है। ईसीआईएनईटी प्लेटफॉर्म में नया सत्यापन मॉड्यूल पूरी तरह सक्रिय हो गया है, जिससे प्रपत्रों की जांच और डिजिटल रूप में अपलोड करने का काम सुचारू और तेजी से हो रहा है। आज शाम छह बजे तक बीएलओ द्वारा 4.66 करोड़ से अधिक मतगणना प्रपत्रों को डिजिटल कर ईसीआईएनईटी पर अपलोड कर दिया गया है।
बिहार में कुल 77,895 मौजूदा बीएलओ के साथ-साथ 20,603 नवनियुक्त बीएलओ क्षेत्र में सक्रिय हैं। ये सभी 25 जुलाई 2025 की समय सीमा से पहले गणना प्रपत्रों का संग्रह पूरा करने के मिशन पर हैं। भारत निर्वाचन आयोग के इन प्रयासों को सभी राजनीतिक दलों के 1.5 लाख बूथ स्तरीय एजेंटों (बीएलए) का भी पूरा समर्थन मिल रहा है जो घर-घर जाकर मतदाताओं को फॉर्म भरने और दस्तावेज जमा करने में मदद कर रहे हैं।
इसके अलावा, चार लाख से अधिक स्वयंसेवक वरिष्ठ नागरिकों, दिव्यांग मतदाताओं और अन्य संवेदनशील वर्गों की सहायता के लिए काम कर रहे हैं। चुनाव आयोग ने मतदाताओं से अपील की है कि वे ड्राफ्ट मतदाता सूची में अपना नाम दर्ज कराने के लिए गणना प्रपत्र के साथ आवश्यक दस्तावेज समय पर जमा करें। अगर किसी को दस्तावेज जमा करने में देरी हो रही है, तो वह पहले फॉर्म जमा कर सकता है और 30 अगस्त 2025 तक दस्तावेज जमा कर सकता है।
शहरी क्षेत्रों में गणना प्रपत्र भरने में मतदाता नहीं दिखा रहे रुचि
मतदाता सूची विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान-2025 को लेकर जहां ग्रामीण मतदाताओं में उत्साह चरम पर है, वहीं शहरी क्षेत्रों में मतदाताओं की भागीदारी अपेक्षाकृत कम है।
उदाहरण के लिए, विभिन्न शहरी विधानसभा क्षेत्रों में मतगणना प्रपत्रों के संकलन के आंकड़ों के अनुसार, दीघा विधानसभा क्षेत्र – 64 प्रतिशत, कुम्हरार 67 प्रतिशत, बांकीपुर – 72 प्रतिशत, पटना साहिब – 74.21 प्रतिशत, दानापुर – 73 प्रतिशत, गया टाउन – 69 प्रतिशत, भागलपुर (टाउन) – 71 प्रतिशत, मुजफ्फरपुर (टाउन) – 70 प्रतिशत मतदाताओं ने मतगणना प्रपत्र भरा है।
इस प्रकार, कुल 60-65 प्रतिशत मतदाता भरकर वापस लौट गए हैं, लेकिन शेष प्रपत्र गायब हैं। मतगणना प्रपत्र न भरने के पीछे मुख्य कारण मतदाताओं की उदासीनता है।
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