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    Bihar Election2025: बिहार में मतदाताओं के संग, यूपी और दिल्ली के नेता भी मैदान में

    By Shubh Narayan PathakEdited By: Radha Krishna
    Updated: Mon, 27 Oct 2025 08:42 AM (IST)

    बिहार के शाहाबाद क्षेत्र के जिलों का उत्तर प्रदेश के पड़ोसी जिलों से गहरा नाता है, जिससे राजनीतिक गतिविधियां प्रभावित होती हैं। उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री दयाशंकर सिंह बक्सर में सक्रिय हैं, तो वहीं कांग्रेस के अजय राय को बक्सर का चुनाव प्रभारी बनाया गया है। दिल्ली सरकार के मंत्री पंकज सिंह भी डुमरांव में सक्रिय हैं। जातीय समीकरणों को साधने की रणनीति भी अपनाई जा रही है।

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    बिहार विधानसभा चुनाव

    शुभ नारायण पाठक, बक्सर। बिहार की दक्षिण-पश्चिम सीमा पर बसे शाहाबाद के जिलों का उत्तर प्रदेश के पड़ोसी जिलों से रोटी-बेटी का नाता है। वाराणसी, चंदौली, गाजीपुर, बलिया जैसे जिलों के साथ बिहार के शाहाबाद प्रक्षेत्र के चार जिलों भोजपुर, बक्सर, रोहतास और कैमूर के सांस्कृतिक और सामाजिक संबंधों की गहराई राजनीतिक क्षेत्र को प्रभावित करती है।

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    गंगा और कर्मनाशा नदियों के माध्यम से दो अलग-अलग राज्यों में बंटने वाले इन क्षेत्रों में होने वाली राजनीतिक गतिविधियों की क्रिया-प्रतिक्रिया परस्पर होती रहती है। उदाहरण के तौर पर देखें, तो इस बार के विधानसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश सरकार के परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह बक्सर में लगातार मोर्चा संभाले हुए हैं।

    इसी तरह वाराणसी में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ संसदीय चुनाव में आमने-सामने रहे कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय को कांग्रेस ने बक्सर का चुनाव प्रभारी बना दिया है। बाहर से आने वाले नेताओं की बात करें, तो पहली बार विधानसभा चुनाव जीतकर दिल्ली सरकार में परिवहन व स्वास्थ्य मंत्री बने डा. पंकज सिंह जिले के डुमरांव विधानसभा क्षेत्र में सबसे अधिक सक्रिय हैं।

    इनमें से दो नेता डा. पंकज सिंह और दयाशंकर सिंह सीधे तौर पर बक्सर से जुड़े हैं। दोनों का पैतृक गांव बक्सर में ही है, जहां दोनों का आना-जाना भी होता रहता है। दयाशंकर सिंह का गांव बड़का राजपुर ब्रह्मपुर विधानसभा क्षेत्र के सिमरी प्रखंड का हिस्सा है। गंगा किनारे बसे इस गांव के लोग नदी पार करते ही बलिया शहर में पहुंच जाते हैं। इसलिए इस क्षेत्र के बहुत से लोगों ने बलिया में भी घर बना लिया है।

    वहां रोजगार और नौकरी भी करते हैं। दयाशंकर ने भी बलिया में रहते हुए ही राजनीति में कदम रखा। डा. पंकज कुमार सिंह का पैतृक गांव ब्रह्मपुर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत ब्रह्मपुर प्रखंड के धरौली में है। हालांकि उनका पूरा परिवार लंबे अरसे से दिल्ली में ही रहता है। खास मौकों पर परिवार के सदस्य गांव में आते हैं।

    दिल्ली के बीते विधानसभा चुनाव में जीतकर वे पहली बार भाजपा के विधायक और फिर मंत्री भी बन गए। इस बार उनके चचेरे भाई बक्सर जिले की डुमरांव सीट से जदयू के उम्मीदवार हैं। यहां पंकज की विशेष सक्रियता दिख रही है।

    जातिगत समीकरणों को भी साधने की रणनीति दूसरे राज्यों से आने वाले नेताओं और कार्यकर्ताओं की जाति का भी विश्लेषण चुनावी बाजार में हो रहा है। दरअसल कहीं न कहीं पार्टियों की रणनीति भी ऐसी ही है। कांग्रेस के बक्सर प्रभारी अजय राय भूमिहार हैं। इस जाति का भी जिले के सभी निर्वाचन क्षेत्र में महत्वपूर्ण वोट है।