'बिहार में एक फेज में हों विधानसभा चुनाव', CEC की बैठक में सत्ता पक्ष ने उठाई मांग
मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने बिहार चुनाव को लेकर राजनीतिक दलों और अधिकारियों के साथ बैठक की। सत्तापक्ष ने जल्द और एक चरण में चुनाव कराने की मांग की है। चुनाव आयोग द्वारा बिहार विधानसभा चुनावों की तारीखों की घोषणा जल्द होने की उम्मीद है। अंतिम मतदाता सूची के प्रकाशन के बाद मसौदा सूची से कई मतदाताओं को हटाया गया है।

डिजिटल डेस्क, पटना। बिहार चुनाव को लेकर मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने सभी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों और अधिकारियों के साथ बैठक की। इसमें सत्तापक्ष ने बिहार में जल्द और एक फेज में चुनाव करने की मांग रखी है।
जदयू सांसद ने कहा कि संजय कुमार झा कहते हैं, "हमने चुनाव आयोग के सामने अपनी बात रखी। बिहार में SIR हुआ है और बिहार देश को दिखाएगा कि SIR कैसे होता है।
हमने आग्रह किया है कि बिहार में एक चरण में चुनाव कराए जाएं। बिहार में कानून-व्यवस्था अच्छी स्थिति में है। अगर महाराष्ट्र में एक चरण में चुनाव हो सकते हैं, तो बिहार में क्यों नहीं।"
वहीं मुख्य चुनाव आयुक्त से मुलाकात के बाद, जेडी(यू) बिहार अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने कहा, "हमारी पार्टी ने सुझाव दिया है कि चुनाव एक ही चरण में कराए जाने चाहिए। छठ पर्व के दौरान बाहर से आने वाले मतदाताओं को वोट डालने की सुविधा देने के लिए, चुनाव छठ पर्व के तुरंत बाद निर्धारित किए जाने चाहिए।"
#WATCH | Patna, Bihar: On meeting with Chief Election Commissioner, JD(U) Bihar president Umesh Singh Kushwaha says, "Our party has suggested that the elections should be held in a single phase. To allow voters arriving from outside during Chhath Parv to cast their votes, the… pic.twitter.com/FOzw78RU57
— ANI (@ANI) October 4, 2025
बिहार भाजपा अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने कहा कि चुनाव आयोग ने राजनीतिक दलों से अनुरोध किया है कि वे सुनिश्चित करें कि शाम को मतदान समाप्त होने पर उनके पोलिंग एजेंट फॉर्म 17सी ज़रूर जमा कर लें।
#WATCH | Patna | Bihar BJP President Dilip Jaiswal says, "The Election Commission has requested political parties to ensure that their polling agents surely collect Form 17C when voting ends in the evening... Some political parties' polling agents leave early, and then the blame… https://t.co/vqWUvoCdDb pic.twitter.com/z7qN5LhrBe
— ANI (@ANI) October 4, 2025
उन्होंने कहा कि कुछ राजनीतिक दलों के पोलिंग एजेंट जल्दी चले जाते हैं, और फिर आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो जाता है... हमसे यह भी पूछा गया कि चुनाव कब कराए जाने चाहिए। हमने कहा कि 28 दिन की घोषणा की अवधि समाप्त होते ही चुनाव बिना किसी देरी के तुरंत कराए जाने चाहिए
चुनाव आयोग ने शनिवार को एक संदेश में कहा, "मुख्य चुनाव आयुक्त श्री ज्ञानेश कुमार की अध्यक्षता में, बिहार के सभी 12 मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के साथ चुनाव आयुक्त डॉ. सुखबीर सिंह संधू और चुनाव आयुक्त डॉ. विवेक जोशी, बिहार के मुख्य निर्वाचन अधिकारी श्री विनोद गुंज्याल और आयोग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ चर्चा शुरू हुई।"
जल्द हो सकते हैं चुनाव
चुनाव आयोग द्वारा बिहार विधानसभा चुनावों की तारीखों की घोषणा किसी भी समय किए जाने की उम्मीद है। यह समीक्षा भारत के चुनाव आयोग (ईसीआई) द्वारा 30 सितंबर को बिहार विधानसभा चुनावों के लिए अंतिम मतदाता सूची के प्रकाशन के बाद की जा रही है, जो विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के पूरा होने का प्रतीक है।
अंतिम सूची में कुल मतदाताओं की संख्या 7.42 करोड़ है, जबकि इस वर्ष 24 जून तक 7.89 करोड़ मतदाता थे। चुनाव आयोग की एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि मसौदा सूची से 65 लाख मतदाताओं को हटा दिया गया है, और 1 अगस्त, 2025 तक मसौदा सूची में मतदाताओं की संख्या 7.24 करोड़ थी।
इसमें कहा गया है कि मसौदा सूची से हटाए गए अपात्र मतदाताओं की संख्या 3.66 लाख थी, जबकि 21.53 लाख पात्र मतदाताओं को मसौदा सूची (फॉर्म 6) में जोड़ा गया, जिससे कुल मतदाताओं की संख्या 7.42 करोड़ हो गई।
विज्ञप्ति में कहा गया है कि एसआईआर प्रक्रिया संविधान के अनुच्छेद 326 और चुनाव आयोग के आदर्श वाक्य 'कोई भी पात्र मतदाता छूटे नहीं और कोई भी अपात्र व्यक्ति मतदाता सूची में शामिल न हो' के अनुरूप की गई।
NDA और महागठबंधन के बीच सीधा मुकाबला
बिहार में चुनावी मुकाबला मुख्य रूप से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले मौजूदा राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) और राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के नेतृत्व वाले महागठबंधन के बीच सीधा मुकाबला होने की उम्मीद है।
243 सदस्यीय बिहार विधानसभा में, एनडीए के पास वर्तमान में 131 सीटें हैं, जिसमें भाजपा के पास 80, जेडी(यू) के पास 45, हम (एस) के पास 4 और दो निर्दलीय हैं।
महागठबंधन के पास 111 सीटें हैं, जिसमें आरजेडी के पास 77, कांग्रेस के पास 19, सीपीआई(एमएल) के पास 11, सीपीआई(एम) के पास 2 और सीपीआई के पास 2 सीटें हैं।
ANI के इनपुट के साथ
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