सुबह नाराज होकर दिल्ली गए, शाह से मुलाकात के बाद खुश हो गए उपेंद्र कुशवाहा
बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण के नामांकन की अंतिम तिथि नजदीक है, लेकिन एनडीए में सीटों का बंटवारा अभी तक नहीं हो पाया है। उपेंद्र कुशवाहा महुआ और दिनारा सीटों को लेकर नाराज थे और गठबंधन से अलग होने की धमकी दी थी। अमित शाह से मुलाकात के बाद उन्होंने कहा कि अब उन्हें कोई शिकायत नहीं है और उन्हें राज्यसभा और विधान परिषद की एक-एक सीट देने का भरोसा मिला है।

उपेंद्र कुशवाहा और अमित शाह।
राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण के नामांकन की अंतिम तिथि के आने में केवल दो दिन का समय बचा हुआ है, एनडीए के घटक दलों के बीच सीटों का बंटवारा नहीं हो पाया है। अबतक भाजपा ने 83, जदयू ने 57, लोजपा (रा) ने 14 और हिन्दुस्तानी अवामी मोर्चा ने छह उम्मीदवारों की सूची जारी की है।
243 सदस्यीय विधानसभा में 83 सीटों के लिए नाम नहीं घोषित किए गए हैं। हालांकि घाेषित उम्मीदवारों के अतिरिक्त भी सिंबल बांटे जा रहे हैं। असल विवाद लोजपा (रा) और राष्ट्रीय लोक मोर्चा के बीच है।
मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं राज्यसभा सदस्य उपेंद्र कुशवाहा ने मंगलवार को गठबंधन से अलग होने की धमकी दी थी। कहना था कि उनकी पसंद की सीटें-महुआ और दिनारा लोजपा (रा) को क्यों दी जा रही है। कल उन्होंने अपने नेताओं को कहा था कि वे एनडीए के उम्मीदवारों के नामांकन में न जाएं।
केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय की पहल पर कुशवाहा की बुधवार को गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात हुई। शाह से मिलने के बाद कुशवाहा ने कहा कि अब उन्हें कोई शिकायत नहीं रह गई है।
भाजपा सूत्रों ने बताया कि कुशवाहा को विधानसभा की छह सीटों के अलावा राज्यसभा और विधान परिषद की एक-एक सीट देने का भरोसा मिला है।
कुशवाहा का राज्यसभा वाला कार्यकाल अगले साल अप्रैल में समाप्त हो रहा है। उनकी पार्टी के विधायकों की संख्या इतनी नहीं होगी कि वे अपने दम पर राज्यसभा जा सकें। विधान परिषद की सीट पर किसी भरोसेमंद नेता को समायोजित करेंगे। इसस
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